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Raipur Crime News:– राजधानी में सट्टा गिरोह का खौफ, वसूली से इनकार पर व्यक्ति की बेरहमी से पिटाई, पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल

Raipur रायपुर। राजधानी रायपुर में सट्टा और क्रिकेट जुए का अवैध साम्राज्य तेजी से पैर पसार रहा है। पुलिस की नाक के नीचे चल रहे इस नेटवर्क से जुड़े लोगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि अब वे खुलेआम वसूली, धमकी और मारपीट जैसी वारदातों को अंजाम देने से भी नहीं डर रहे। ताजा मामला रामसागरपारा क्षेत्र का है, जहां सट्टा के पैसों की उगाही को लेकर एक व्यक्ति पर दो युवकों ने जानलेवा हमला कर दिया।

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घटना 31 अक्टूबर 2025 की सुबह करीब 11 बजे की है। जानकारी के अनुसार, आरोपियों की पहचान नितेश सिन्हा उर्फ शिबू और दादू (उम्र 79 वर्ष) के रूप में हुई है। दोनों आरोपी लंबे समय से रायपुर के चर्चित सट्टा कारोबारियों रानू दुबे, विशाल खंडेलवाल और रोहित बजाज के लिए दलाली, वसूली और पैसों की उगाही का काम करते हैं। बताया जा रहा है कि ये लोग क्रिकेट सट्टा और अवैध जुए से जुड़ी रकम को वसूलने का जिम्मा संभालते हैं और शहर के कई इलाकों में सट्टा नेटवर्क का संचालन करते हैं।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, उस दिन दोनों आरोपी रामसागरपारा इलाके में पहुंचे और पीड़ित व्यक्ति से सट्टा के पैसों को लेकर बहस करने लगे। जब पीड़ित ने अवैध वसूली देने से इनकार किया, तो दोनों ने लाठी-डंडों से उसकी जमकर पिटाई कर दी और जान से मारने की धमकी दी। हमले में पीड़ित को गंभीर चोटें आईं।

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घटना के बाद पीड़ित ने थाना आजाद चौक में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि, स्थानीय लोगों का आरोप है कि शिकायत दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने अब तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की है। इलाके के निवासियों का कहना है कि सट्टा कारोबारियों का प्रभाव इतना गहरा है कि पुलिस कार्रवाई से बचती नजर आ रही है।

सूत्रों के अनुसार, घटना के बाद से आरोपी पक्ष लगातार पीड़ित पर समझौते का दबाव बना रहा है। वहीं पुलिस अधिकारी मामले में “जांच जारी” होने की बात कह रहे हैं, लेकिन अब तक किसी ठोस एक्शन की पुष्टि नहीं हुई है।

रायपुर में इस तरह की घटनाएं यह संकेत देती हैं कि सट्टा माफिया का नेटवर्क न केवल जमीनी स्तर पर सक्रिय है, बल्कि उनके राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण की भी चर्चा आम है। ऐसे में सवाल यह है कि जब पुलिस की आंखों के सामने सट्टा गिरोह खुलेआम वसूली और हिंसा पर उतर आए हैं, तो आखिर कार्रवाई में देरी क्यों?

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