Bilaspur Crime News: – झूठे केस में फंसाने की धमकी देता था युवक, दोस्तों ने चोरी के बहाने बुलाकर कर दी हत्या पुलिस ने किया खुलासा,

Bilaspur Crime News: – कोटा पुलिस ने घोरामार में हुए हत्या कांड की गुत्थी सुलझा ली है। धमकियों और लगातार अभद्र व्यवहार से तंग आए दो युवकों ने धीरज साहू की बेरहमी से हत्या करने की बात कबूल की है।

Bilaspur News: – बिलासपुर। कोटा पुलिस ने घोरामार में हुए युवक धीरज साहू (26) की संदिग्ध मौत की गुत्थी सुलझा ली है। मामला सामने आया है कि धीरज अपने दो परिचितों को झूठे मामलों में फंसाने, गाली–गलौज करने और परिवार को बर्बाद करने की धमकियां देता था। इसी रंजिश ने हत्या का रूप ले लिया। पुलिस ने दोनों आरोपितों — अनिल कुमार साहू (28) और जगन्नाथ उर्फ अंगद साहू (18) — को गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया है।

एएसपी अर्चना झा के मुताबिक, एक दिसंबर को धीरज के गायब होने की शिकायत पर गुम इंसान की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। कई दिनों की तलाश के बाद सात दिसंबर की सुबह उसका शव गांव के बांधा तालाब में मिला। पेट पर बंधा पत्थर, गले पर चोट के निशान और टूटी पसलियों ने हत्या की पुष्टि कर दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि धीरज गांजा तस्करी से जुड़े कुछ लोगों के सम्पर्क में था और अनिल तथा जगन्नाथ को आए दिन धमकाता था। पूछताछ में दोनों आरोपितों ने स्वीकार किया कि वे धीरज के व्यवहार से इतने परेशान थे कि मिलकर उसकी हत्या की योजना बना ली।
महाराष्ट्र बॉर्डर से दबोचा गया हत्या आरोपी जोड़ी
मामले की कड़ियां जोड़ते हुए पुलिस को जानकारी मिली कि धीरज के गायब होने वाली रात जगन्नाथ का हाथ टूटा था। उसने गांव वालों को गिर जाने की कहानी सुनाई थी, जो पुलिस को संदिग्ध लगी। दोनों आरोपी गांव छोड़कर भागने की फिराक में थे। पुलिस ने लोकेशन ट्रैक कर टीम भेजी और उन्हें महाराष्ट्र बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान पूरी वारदात खुल गई।
“इस पूरे सफल ऑपरेशन की कमान एएसपी अर्चना झा ने संभाली, और उनकी लीडरशिप में ही मामले का पर्दाफाश संभव हुआ”
कोटा हत्याकांड के इस सफल ऑपरेशन की कमान एएसपी अर्चना झा के नेतृत्व में थी। उनके रणनीतिक मार्गदर्शन और सतर्क निगरानी के चलते पुलिस टीम ने महाराष्ट्र बॉर्डर से भाग रहे दोनों आरोपितों को पकड़कर पूरे मामले का पर्दाफाश किया। जांच के हर चरण में एएसपी अर्चना झा की सक्रिय भूमिका ने घटना के सभी पहलुओं को उजागर करने में निर्णायक योगदान दिया।
चोरी के बहाने बुलाया और चाकू से ताबड़तोड़ हमला
टीआई तोपसिंह नवरंग ने बताया कि दोनों आरोपी युवक धीरज का अपहरण कर फिरौती की योजना बना रहे थे। कुछ दिन पहले धीरज ने उनसे अपने फार्म के लिए मोटर चोरी कराने का आग्रह किया था। इसी बहाने आरोपितों ने उसे रात में फार्म हाउस से बाहर बुलाया। जैसे ही वह बाहर आया, जगन्नाथ ने उसके गले और सीने पर चाकू से कई वार कर दिए। वारदात के दौरान अंधेरे में हाथ टकराने से उसका हाथ टूट गया, जिसके बारे में उसने गांव वालों से झूठ बोला था।
पूरी टीम को मिला एसएसपी का नगद इनाम
एएसपी अर्चना झा, डीएसपी लालचंद मोहले, राजेंद्र जायसवाल और अनुज कुमार के नेतृत्व में कोटा पुलिस व एसीसीयू की संयुक्त टीम ने पूरे मामले की पेशेवर तरीके से जांच की। टीम में टीआई तोपसिंह नवरंग, निरीक्षक अजहरुद्दीन, एसआई हेमंत आदित्य समेत कई पुलिसकर्मी शामिल थे।
एसएसपी रजनेश सिंह ने बताया कि समय पर की गई त्वरित कार्रवाई और आरोपी की लोकेशन ट्रैकिंग की मदद से भाग रहे आरोपितों को महाराष्ट्र बॉर्डर से गिरफ्तार किया जा सका। उन्होंने पूरे ऑपरेशन में योगदान देने वाली टीम के सदस्यों को नकद इनाम देने की भी घोषणा की।
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