Sakti News:– प्रधानमंत्री आवास निर्माण में नवगठित जिले ने बनाया रिकार्ड, प्रदेश में तीसरे स्थान पर पहुंचा मेंजिला

कच्चे से पक्के घरों तक का सफर, नवगठित जिले की कामयाबी बनी प्रदेश के लिए मिसाल
Sakti News:– प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के क्रियान्वयन में नवगठित सक्ती जिला ने अद्भुत उपलब्धि हासिल करते हुए राज्य स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त किया है। वर्ष 2024-25 में 30 हजार 512 आवासों का निर्माण पूर्ण कर सक्ती जिला प्रदेश में उन चुनिंदा जिलों में शामिल हो गया है जिन्होंने 30 हजार से अधिक आवास पूर्ण किए हैं।
सक्ती 16 अक्टूबर 2025 // छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करके राज्य में मिसाल कायम कर दी है और नवगठित जिला होने के बाद भी एक नया रिकार्ड बनाया है। नवगठित सक्ती जिले में वर्ष 2024-25 के कार्य योजना अंतर्गत अब तक 30 हजार पांच सौ बारह आवास पूर्ण कर राज्य का तीसरा ऐसा जिला बन गया है। जिसने 30 हजार से अधिक आावास पूर्ण किए है। सक्ती जिला का नवगठित जिला होने के बाद भी यह उपलब्धि हासिल करना ग्रामीण विकास और आमजन के जीवन स्तर में सुधार की दिशा में मिल का पत्थर साबित हुई है। बता दे कि नवगठित सक्ती जिले में कलेक्टर श्री अमृत विकास तोपनो और जिला पंचायत सीईओ श्री वासु जैन के दिशा निर्देशन में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के निर्माण क्षेत्र में निरंतर उपलब्धियॉं हासिल करते हुए आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2016 से 2023 तक कुल 44 हजार 319 आवासों का निर्माण पूरा किया गया है। जो 95 प्रतिशत उपलब्धि है। वर्ष 2024-25 अंतर्गत नवगठित सक्ती जिले में 30 हजार 512 आवास पूर्ण कर प्रदेश स्तर पर तीसरा स्थान हासिल किया है। सक्ती जिले के प्रधानमंत्री आवास योजना के इस उपलब्धि पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती द्रौपदी कीर्तन चंद्रा ने कहा कि हमारी प्राथमिकता पात्र परिवारों तक योजना का लाभ समयबद्ध तरीके से पहुंचना है। उन्होंने कहा कि टीमवर्क और ग्रामीणों के सहयोग से यह संभव हो पाया है। कलेक्टर श्री अमृत विकास तोपनो ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य केवल मकान बनाना नहीं है बल्कि हर ग्रामीण परिवार को सम्मानजनक जीवन देना भी है। जिसके लिए सक्ती जिले में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से इस दिशा में लगातार कार्य करते हुए प्रगति किया जा रहा है। मिशन मोड में चल रहे आवास निर्माण कार्यों के फलस्वरूप नवगठित सक्ती जिला प्रदेश का तीसरा ऐसा जिला बना है, जिसने वर्ष 2024-25 में 30 हजार से अधिक मकानों का निर्माण पूर्ण कर लिया है। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि उन परिवारों के जीवन में बदलाव की कहानी भी है जो लंबे समय से असुरक्षित और कच्चे मकानों में रह रहे थे। प्रधानमंत्री आवास योजना आज लाखों परिवारों के लिए सिर्फ एक पक्का घर देने की योजना नहीं रही, बल्कि यह उनके जीवन में सम्मान, सुरक्षा और स्थिरता का आधार बन चुकी है। जिन लोगों ने बरसों तक कच्चे मकानों में बरसात और धूप-गर्मी की परेशानियाँ झेली थीं, उनके सिर पर अब मजबूत छत है। इस योजना से लोगों को न केवल सुरक्षित आश्रय मिला है, बल्कि सामाजिक और मानसिक सुकून भी प्राप्त हुआ है। पक्का मकान मिलने से परिवार अब आत्मविश्वास के साथ जीवन जी रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई के लिए भी अब बेहतर माहौल उपलब्ध हुआ है, बुज़ुर्गों को बरसात और ठंड से सुरक्षा मिली है और महिलाओं को घर परिवार संभालने में भी सुविधा हो रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य हर गरीब परिवार को सुरक्षित और पक्का घर देना है। सक्ती जिले में यह लक्ष्य कलेक्टर श्री अमृत विकास तोपनो और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) श्री वासु जैन के मार्गदर्शन में मिशन मोड में पूरा किया गया। प्रशासन ने इस काम को पूरी गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ अंजाम दिया। इस वर्ष 2024-25 में जिले के लिए कुल 63,591 घर बनाने का लक्ष्य रखा गया था। इनमें से 52,913 घरों को मंजूरी दी गई। निर्माण की गति बनाए रखने के लिए सरकार ने तीन किश्तों में वित्तीय सहायता भी जारी की। पहली किश्त 51,427 हितग्राहियों को, दूसरी किश्त 40,318 हितग्राहियों को, और तीसरी किश्त 25,065 हितग्राहियों को दी गई। समय पर इस तरह की वित्तीय मदद मिलने से निर्माण कार्य में तेजी बनी और लक्ष्य समय पर पूरा हो सका। कलेक्टर श्री अमृत विकास तोपनो ने बताया कि सक्ती जिले की इस सफलता के पीछे कई कारक हैं। सबसे पहले, नियमित फील्ड विजिट से यह सुनिश्चित किया गया कि निर्माण का काम समय पर और गुणवत्तापूर्ण तरीके से हो। इसके साथ ही मैदानी स्तर के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा हितग्राहियों से लगातार संवाद कर उनकी समस्याओं व शंकाओं का त्वरित समाधान किया गया। इसके अलावा, तकनीकी मार्गदर्शन और समय पर किश्तों का भुगतान भी हितग्राहियों को उत्साहित और समर्थ बनाए रखने में मददगार रहा। सक्ति जिले में बनाए गए नए मकान न केवल आश्रय हैं, बल्कि यह गरीब परिवारों के जीवन में बड़ा बदलाव लाते हैं। अब परिवार असुरक्षित कच्चे घरों की जगह मजबूत और टिकाऊ घरों में रह रहे हैं। इससे उन्हें सुरक्षा, आत्मसम्मान और सामाजिक सुरक्षा का अनुभव भी मिला है। विशेष रूप से यह बात उल्लेखनीय है कि अधिकांश मकानों का निर्माण उन परिवारों के लिए किया गया है जो वर्षों से आर्थिक कठिनाइयों के कारण पक्का घर नहीं बना पा रहे थे। इस योजना के माध्यम से उन्हें सरकार की मदद और सहयोग मिलने के साथ-साथ जीवन जीने की नई आशा भी मिली है। सक्ति जिले की यह उपलब्धि न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह दर्शाती है कि अगर जिला प्रशासन, सरकारी अधिकारी और हितग्राही मिलकर मेहनत करें तो बड़े लक्ष्यों को तेजी से पूरा किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार ग्रामीण अंचलों के गरीब और जरूरतमंद परिवारों को पक्का घर उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का क्रियान्वयन तेज़ी से कर रही है। बता दे कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत हितग्राहियों को तीन किस्तों में कुल एक लाख बीस हजार रूपए की राशि प्रदान की जाती है। जिसमें प्रथम किस्त के रूप में 40000 रूपए, द्वितीय किस्त के रूप में 55000 रूपए और तृतीय किस्त के रूप में 25000 रूपए की राशि हितग्राहियों को प्रदान की जाती है। इस योजना का उद्देश्य है कि कोई भी ग्रामीण परिवार बेघर न रहे और हर पात्र हितग्राही को सुरक्षित, टिकाऊ और सम्मानजनक आवास मिल सके। गाँवों में वर्षों से कच्चे मकानों में रहने वाले परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना किसी वरदान से कम नहीं है। इस योजना के अंतर्गत पात्र परिवारों को तीन किस्तों में अनुदान राशि दी जाती है। शासन की पारदर्शी व्यवस्था के तहत “मोर आवास, मोर अधिकार” पोर्टल की शुरुआत की गई है। यह पोर्टल हितग्राहियों के लिए काफी उपयोगी साबित हो रहा है, क्योंकि इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपने आवेदन की स्थिति और पात्रता की जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकता है।
सफलता की कहानियाँ: जब पक्का घर बना जीवन की सबसे बड़ी पूंजी
01. प्रधानमंत्री आवास योजना: पलाड़ीखुर्द की धजा बाई को खप्पर-छानी से मिली मुक्ति, लेंटर के घर में मजे से कर रही निवास प्रदेश सहित सक्ती जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना से विभिन्न हितग्राही लाभान्वित हो रहे है। इसके तहत सक्ती विकासखंड के ग्राम पलाड़ीखुर्द निवासी श्रीमती धजा बाई बंजारे को भी शासन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान बनाने के लिए राशि स्वीकृत हुई। श्रीमती धजा बाई बंजारे ने बताया कि पहले वे मिट्टी-खप्पर-छानी के घर में रहती थीस जिसकी जगह उन्होंने पीएम आवास से पक्का मकान बनाकर अपने परिवार के साथ मजे से खुशी-खुशी जीवन यापन कर रही है। पीएम आवास योजना से उन्हें मिट्टी-खप्पर-छानी वाले घर से मुक्ति मिल गई है और अब वे लेंटर के घर में सुरक्षित और सुव्यवस्थित रूप से रह रही है। श्रीमती धजा बाई बंजारे ने बताया कि उनके पति का देहांत हो चुका है, जिसके बाद वे मजदूरी करके अपना और अपने बच्चों का पालन पोषण करके जीवन यापन कर रही थी। ऐसे में उनके लिए एक पक्का मकान बनाने के लिए बड़ी राशि इकट्ठा करना बहुत मुश्किल था। श्रीमती धजा बाई बंजारे ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत उनके नाम पर आवास स्वीकृत हुआ जिसके तहत उनका पक्का मकान बन पाया । श्रीमती धजा बाई बंजारे ने बताया कि उन्हें पति के जाने के बाद, काफी कठिनाईओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि वे अपने परिवार के साथ कच्चे जर्जर मकान में निवास करती थी। बारिश के दिनों में पानी टपकता था, जिससे घर के चारों तरफ पानी भर जाता था। फिर मुझे कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला और आज पूरा परिवार खुशी से नये पक्के मकान में जीवन यापन कर रहे हैं। इसके लिए श्रीमती धजा बाई बंजारे ने देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद ज्ञापित किया है। साथ ही उन्होंने पक्का घर बनाने के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को आशीर्वाद दिया है।
02. लतेल दास महंत को मिला प्रधानमंत्री आवास, शासन की योजना से बदली ज़िंदगी वर्षों तक खपरैल वाले कच्चे मकान में हर बरसात से जूझने वाले लतेल दास को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का घर मिला है। अब उन्हें हर साल बरसात के पहले खपरैल पलटने की चिंता नहीं सताती और न ही टपकती छत और दरकती दीवारों की चिंता होती है। सक्ती जिले के विकासखण्ड सक्ती अंतर्गत ग्राम नंदौरखुर्द निवासी श्री लतेल दास खेती-किसानी से गुजर-बसर करते है। लेकिन कमजोर आर्थिक स्थिति और दुर्गम परिस्थितियों के चलते वे पक्का घर नहीं बना पा रहे थे। हर साल बारिश का मौसम उनके लिए मुसीबत लेकर आता था। कभी खपरैल उड़ जाती थी, कभी दीवारें दरक जाती थीं। श्री लतेल दास बताते हैं कि जैसे-तैसे बनाया गया कच्चा मकान हर साल बरसात में बर्बाद हो जाता था। हर बार बारिश आने से पहले खपरैल को ठीक करना पड़ता था, फिर भी पानी टपकता रहता था। दीवारें भी बारिश के बाद कमजोर हो जाती थीं। फिर उन्हें जानकारी मिली कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत उन्हें भी पक्का मकान मिल सकता है। पात्रता मिलने और फॉर्म भरने के बाद योजना का लाभ मिला और अब उनका अपना मजबूत, सुरक्षित और टिकाऊ पक्का आवास बनकर तैयार हो गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले इस आवास ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी है। श्री लतेल दास कहते हैं कि हमारे लिए सरकार ने जो किया है, उसके लिए हम उन्हें धन्यवाद देते हैं। श्री लतेल दास की यह कहानी न सिर्फ प्रधानमंत्री आवास योजना की सफलता को बयां करती है, बल्कि सम्मान, सुरक्षा और स्थिरता के नए युग की शुरुआत को भी बयां करती है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले इस आवास ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी है।
03. श्याम लाल को मिला प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ, अब नहीं सताएगा बारिश और असुरक्षा का डर प्रधानमंत्री आवास योजना आज लाखों परिवारों के लिए सिर्फ एक पक्का घर देने की योजना नहीं रही, बल्कि यह उनके जीवन में सम्मान, सुरक्षा और स्थिरता का आधार बन चुकी है। जिन लोगों ने बरसों तक कच्चे मकानों में बरसात और धूप-गर्मी की परेशानियाँ झेली थीं, उनके सिर पर अब मजबूत छत है। इसी कड़ी में सक्ती विकासखण्ड के ग्राम डड़ाई के निवासी श्री श्याम लाल की जिंदगी प्रधानमंत्री आवास योजना से पूरी तरह बदल गई है। पहले वे खपरैल वाले कच्चे मकान में रहते थे, जहाँ हर बरसात उनके लिए मुसीबत बनकर आती थी। बरसात में छत टपकने लगती थी, दीवारें दरक जाती थीं और अक्सर जहरीले जीव-जंतु घर में घुस आते थे। खेती-किसानी से जीवन यापन करने वाले श्री श्याम लाल आर्थिक तंगी के कारण पक्का घर नहीं बना पा रहे थे। हर साल बारिश आने से पहले उन्हें खपरैल पलटने और घर की मरम्मत करने की चिंता सताती थी। बावजूद इसके, उनका मकान पूरी तरह सुरक्षित नहीं हो पाता था।
प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी मिलने के बाद श्याम लाल ने आवेदन किया। पात्रता सूची में नाम आने पर उन्हें इस योजना का लाभ मिला और आज उनका अपना मजबूत, टिकाऊ और सुरक्षित पक्का घर तैयार हो गया है। श्री श्याम लाल कहते हैं अब हमें न तो टपकती छत की चिंता है और न ही बरसात में दीवारों के गिरने का डर। जहरीले जीव-जंतुओं से भी राहत मिल गई है। यह घर हमारे लिए सिर्फ रहने की जगह नहीं, बल्कि सुरक्षा और सम्मान का अहसास है। इसके लिए हम सरकार के आभारी हैं। श्याम लाल की यह कहानी प्रधानमंत्री आवास योजना की सफलता का जीवंत उदाहरण है। यह योजना हजारों परिवारों को सिर पर मजबूत छत, सुरक्षित जीवन और बेहतर भविष्य का भरोसा दे रही है।
04. बेदराम को मिला पक्का मकान, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के प्रति जताया आभार प्रधानमंत्री आवास योजना आज न केवल लाखों लोगों के सिर पर छत दे रही है, बल्कि उनके जीवन में सम्मान, सुरक्षा और स्थिरता भी ला रही है। सक्ती विकासखंड के ग्राम नगरदा निवासी बुजुर्ग हितग्राही श्री बेदराम उन्ही में से एक हैं। बेदराम वर्षों से कच्चे मकान में कठिन परिस्थितियों में जीवन व्यतीत कर रहे थे। बरसात में छत टपकती थी, दीवारें कमजोर थीं, और जहरीले जीवों का डर हमेशा बना रहता था। उम्र के इस पड़ाव में वे और उनका परिवार एक सुरक्षित घर के अभाव में संघर्ष कर रहे थे। लेकिन अब प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृत पक्के मकान के निर्माण के बाद उनकी जिंदगी बदल गई है। मकान पूर्ण होने के बाद उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस बुढ़ापे में एक पक्का घर मिलना किसी सपने के सच होने जैसा है। अब परिवार के रहने की चिंता नहीं रह गई। हम सुकून से रह सकते हैं। बेदराम की यह कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि उन हजारों जरूरतमंदों की आवाज़ है, जिनका वर्षों पुराना सपना अब साकार हो रहा है। यह महज एक घर नहीं, बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता की नींव है। यह योजना उनके जैसे हजारों लोगों की जिंदगी बदल रही है, जो बरसों से एक पक्के घर का सपना देखते थे। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने छत्तीसगढ़ के हजारों गरीब परिवारों को नया जीवन दिया है। यह योजना केवल मकान निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लोगों को स्वच्छता, ऊर्जा, सुरक्षा और आत्मसम्मान से भरा जीवन जीने का अवसर प्रदान कर रही है। लतेल दास महंत, श्याम लाल और बेदराम जैसे अनगिनत परिवारों की कहानियाँ इस बात का प्रमाण हैं कि सरकार की यह पहल “जनहितकारी, जीवन बदलने वाली और भविष्य सुरक्षित करने वाली योजना” है।
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