खाकी बन गई सौदेबाज: हिरण और जंगली सुअर शिकार में समझौता

जांजगीर–चांपा जिले के बलौदा क्षेत्र अंतर्गत बिरगहनी ब गांव के जंगल में कुछ लोगों ने हिरण का अवैध शिकार कर उसके मांस से भोज के आयोजन की तैयारी में जुटे थे, ग्रामीणों के बयान के मुताबिक, सूचना पाते ही बलौदा पुलिस के आरक्षक घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन कानूनी कार्रवाई के बजाय वर्दी का दबाव बनाकर 2 लाख रुपये रिश्वत वसूलकर सभी आरोपियों को मुक्त कर दिया। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के प्रावधानों के तहत शिकार पर 3 से 7 वर्ष की कैद की सजा का उल्लेख है, फिर भी यह घटना स्थानीय स्तर पर रोष पैदा कर रही है ।
जंगली सुअर हत्याकांड: दोहराई गई ‘समझौता’ की परंपरा

यह पहली घटना नहीं है, क्योंकि हाल के दिनों में इसी बिरगहनी (ब ) गांव में जंगली सुअर का क्रूरता से चाकू मारकर शिकार किया गया था और आरोपी मांस भोज की तैयारी में जुटे थे। पुलिस को भनक लगने पर गिरफ्तारी की जगह ‘समझौता’ कर पूरा मामला दबा दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि फसल नुकसान पहुंचाने वाले वन्य प्राणियों पर तो त्वरित कार्रवाई होती है, किंतु शिकारियों को मिल रही छूट जिले में ऐसी प्रवृत्ति को बढ़ावा दे रही है ।
पूर्व में भी दर्ज हो चुके हैं जंगली सुअर शिकार के मामले
जांजगीर–चांपा जिले के बलौदा थाना क्षेत्र में कटरा–बिरगहनी जंगल के पास जंगली सुअर शिकार के लिए करंट तार बिछाने के मामले में 2020 से FIR दर्ज हुई, जहां 2022 में फरार आरोपियों हीरालाल सरगम, दिलेश पाटले आदि को गिरफ्तार किया गया । सक्ती थाना क्षेत्र में जंगली सुअर शिकार के लिए करंट तार बिछाने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जो एक ग्रामीण की मौत से जुड़ा था । पंतोरा उपथाना के खैजा गांव में शिकार के लिए बिछाए करंट से युवक गौतम लहरे की मौत हुई, जिसके बाद मामला दर्ज हुआ ।
जिले में शिकार मामलों की बाढ़, निष्क्रियता का सिलसिला
जांजगीर–चांपा में हिरण व जंगली सुअर शिकार के कई प्रकरण दर्ज हो चुके हैं, लेकिन कार्रवाई की दर नगण्य है। कटरा–बिरगहनी (ब)जंगल में हिरण मारे जाने पर बलौदा पुलिस रिश्वत लेकर शिकारी को छोड़ दिए, जबकि बेलगहना व सारंगढ़ क्षेत्रों में सुअर शिकार के अपराधी पकड़े गए। पुलिस में रिश्वतखोरी के आरोप बढ़ रहे हैं, जो वन्यजीवों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर रहे हैं ।
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