
बिलासपुर। बिलासपुर जिले में डायरिया और मलेरिया के मरीज सामने आने के बाद प्रशासन पूरी तरह से एक्टिव हो चुका है और क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरो पर बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश के बाद शिकंजा कसने का काम शुरू कर दिया गया है ।

वही कोटा एसडीएम के निर्देश पर कोटा तहसीलदार प्रकाश साहू शुक्रवार को कोटा गुरुद्वारा के ठीक पीछे संचालित मरावी क्लिनिक एवं नगर के महाशक्ति चौक में संचालित विश्वास क्लिनिक की जांच करने पहुंचे। इस दौरान दोनों ही क्लिनिक से भारी मात्रा में एलोपैथी दवाईयां और इंजेक्शन रखा पाया गया ।मरावी क्लिनिक मे मरीजों की लंबी कतार लगी हुई थी ।
एमबीबीएस डॉक्टर से भी ज्यादा रेट झोलाछाप डॉक्टर का
विश्वास क्लिनिक में इलाज कराने पहुंचे ग्राम पंचायत धनरास के ग्रामीण विशंभर सिंह को 713 रुपए की दवाई देकर 1300 रूपए लिया गया था जिसको तहसीलदार द्वारा वापस कराया गया बड़ी मात्रा में एक्सपायरी दवाएं पाई गई है । सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा में पदस्थ देवशंकर मरावी जो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा में क्लर्क पर पदस्थ है और क्लीनिक का भी संचालन करता है। जहाँ बड़ी मात्रा में एलोपैथिक दवाइयां भी रखी हुई थी। जिसे तहसीलदार की टीम ने बरामद कर क्लीनिक को सील कर दिया है।

कोटा स्वास्थ्य विभाग पर उठने लगा सवाल
कोटा स्वास्थ्य विभाग के क्लर्क का क्लीनिक ठीक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने है। बावजूद कोटा बीएमओ इसे नजरअंदाज क्यों कर रहे थे या फिर उन्हीं के आशीर्वाद से यह अवैध कारोबार फल फूल रहा था। जिले के कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से ले लिया है और लगातार झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। देखना होगा कि प्रशासन की यह कार्यवाही कितने दिनों तक चलती है।
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