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छग लोकसेवा आयोग पूर्व ऐतिहासिक अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी गिरफ्तार,

सीबीआई ने पीएससी भर्ती घोटाला मामले में की बहुप्रतीक्षित कारवाई

भर्ती घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है।

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रायपुर। संवैधानिक पद का बेजा दुरूपयोग कर अपने परिवार के सदस्यों को महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों‌ से नवाजने वाले छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग के पूर्व ऐतिहासिक अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी को अंततः सीबीआई ने दबोच लिया है।

जिस तरीके अपने इस संवैधानिक पद का दुरूपयोग सोनवानी ने कर रेवड़ी की तरह
अपने परिवार के सदस्यों, जिनमें चपरासी भी बनने की योग्यता नहीं है, हेरफेर कर महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर बैठा दिया गया। छत्तीसगढ़ और यहाँ के होनहार अभ्यर्थियों का हक छिना। पीएससी के टामन सिंह के घोटाला प्रभावित उम्मीदवारों को बहुत पहले घोटाले बाज़ की गिरफ्तारी की संभावना थी।

देर आए दुरूस्त आए कहावत को चरितार्थ करते हुए अंततः टामन सिंह को सीबीआई ने आज गिरफ्तार कर ही लिया। इस बहुप्रतीक्षित गिरफ्तारी से प्रभावित बेरोजगार युवाओं में हर्ष ब्याप्त है। इस गिरफ्तारी से भाजपा सरकार में हुए घोटाले का तर्क देकर टामन सिंह सोनवानी का बचाव करने वाले कांग्रेसी नेताओं के मुहं पर भी एक तमाचा के रूप में देखा जा रहा है।

छत्तीसगढ़ में हुए पीएससी भर्ती घोटाला मामले में पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने कुछ माह पहले ही उनके ठिकानों पर छापा मारा था। अब उनकी गिरफ्तारी की है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ में पीएससी भर्ती घोटाला मामले की जाँच सीबीआई कर रही है।

छत्तीसगढ़ में पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए बहुचर्चित लोकसेवा आयोग घोटाला यानी पीएससी घोटाला में सीबीआई ने सोमवार को आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी को गिरफ़्तार किया है।

सीबीआई के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है. सोनवानी पर पीएससी का चेयरमैन रहते हुए महत्वपूर्ण पदों पर भर्ती में गड़बड़ी के आरोप हैं. सोनवानी के अलावा कुछ और लोगों को भी हिरासत में लिए जाने की ख़बर है।

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पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में पीएससी भर्ती घोटाला राज्य में एक बड़ा मुद्दा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भरोसा दिलाया था कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनने पर पीएससी भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच की जाएगी।

तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी पर आरोप था कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने बेटे, बेटी, रिश्तेदारों, अपने परिचितों आदि की भर्ती की है. उन पर कुछ मामलों में पैसे लेकर भर्ती के भी आरोप लगे थे।

आरोप है कि तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के बेटे का चयन डिप्टी कलेक्टर, उनके बड़े भाई के बेटे का चयन डीएसपी एवं उनकी बहन की बेटी का चयन लेबर ऑफिसर, उनके बेटे की पत्नी का चयन डिप्टी कलेक्टर और उनके भाई की बहू का चयन ज़िला आबकारी अधिकारी के पद पर किया गया था।

इसके अलावा पीएससी के तत्कालीन सचिव के बेटे का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर किया गया था।

इसके अतिरिक्त, छत्तीसगढ़ सरकार के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारियों के पुत्र-पुत्रियों, रिश्तेदारों के साथ नेताओं एवं पदाधिकारियों के परिजनों का चयन डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी आदि पदों पर हुआ है।

सरकार बनने के बाद जांच

पिछले साल दिसंबर में राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से ही पीएससी भर्ती घोटाले को लेकर सरकार ने जांच के आदेश दिए थे।

इस साल मई के महीने में पीएससी भर्ती घोटाले में, बालोद ज़िले में जालसाज़ी, साज़िश, भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग को लेकर एक एफ़आईआर दर्ज की गई थी. इसके बाद सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की थी।

जुलाई में सीबीआई ने तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव और परीक्षा नियंत्रक के घर और कार्यालयों में छापा भी मारा था और बड़ी संख्या में दस्तावेज़ बरामद किए थे।

सूत्रों के मुताबिक़ सीबीआई की राडार पर अभी अनेक अधिकारी और नेता भी आ सकते हैं।

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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