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संसाधन नहीं तो काम नहीं”के सिद्धांत पर छत्तीसगढ़ के तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों का चरणबद्ध प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के बैनर तले प्रदेश के समस्त तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार “संसाधन नहीं तो काम नहीं” के नारे के साथ अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन के तहत धरना-प्रदर्शन करने जा रहे हैं।

यह प्रदर्शन शासन द्वारा लंबे समय से लंबित कार्यक्षमता से जुड़ी समस्याओं, संसाधनों की कमी, पदोन्नति एवं संरचनात्मक सुधार की मांगों की अनदेखी के विरोध में किया जा रहा है।

संघ के प्रतिनिधि मंडल द्वारा लिए गए निर्णयानुसार यह प्रदर्शन निम्नानुसार किया जाएगा:

धरना प्रदर्शन की चरणबद्ध रूपरेखा:

जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन – 28 जुलाई 2025

संभाग स्तर पर धरना प्रदर्शन – 29 जुलाई 2025

प्रांत स्तर पर धरना प्रदर्शन – 30 जुलाई 2025

संघ द्वारा पहले भी शासन-प्रशासन को बार-बार इन मांगों से अवगत कराया गया है, किंतु ठोस पहल न होने की स्थिति में अब प्रदेशभर के राजस्व अधिकारियों को आंदोलन की राह पर उतरना पड़ रहा है।

इस आंदोलन का उद्देश्य केवल अपने हितों की सुरक्षा नहीं, बल्कि राजस्व व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक संसाधनों की पूर्ति व प्रशासनिक सहयोग प्राप्त करना भी है।

मुख्य मांगों में शामिल हैं:
डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति के अनुपात को पूर्व की भांति 50:50 करना।

पूर्व मांग व घोषणा अनुसार नायब तहसीलदार के पद को राजपत्रित करना।

प्रत्येक तहसील में स्थायी स्टाफ ,  शासकीय वाहन, ड्राइवर एवं ईंधन की उपलब्धता

  मुख्य सचिव की कुर्सी पर फिर जैन का जलवा,सेवा विस्तार की चर्चा ने बढ़ाई राजधानी में हलचल।सीआईसी बनने की अर्जी अब दिख रही फीकी,भाजपा राज में भी कायम कांग्रेस दौर की छवि?

न्यायिक मामलों में न्यायिक अधिकारी संरक्षण अधिनियम का अनुपालन

सुरक्षा सहित सम्पूर्ण 17 सूत्रीय मांगें पर पहल ।
संघ को आशा है कि शासन इस गंभीर स्थिति को संज्ञान में लेते हुए शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेगा ताकि भविष्य में आंदोलन की तीव्रता व आंदोलन को अनिश्चितकालीन की ओर अग्रसता से टाला जा सके।

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