अवैध खनिज उत्खनन की मार झेल रहा सक्ती जिला,
राजनैतिक संरक्षण में हो रहा है अवैध उत्खनन,
मुख्यमंत्री खुद खनिज विभाग के भारसाधक मंत्री हैं, कार्रवाई करेंगे?

खनन माफियाओं के सामने बेबस अधिकारी महज बौना
सक्ति। जिले के बाराद्वार जैजैपुर क्षेत्र में लगातार हो रहे अवैध खनिज उत्खनन की दुर्गंध प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच चुकी है लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा में में कारवाई करने पसीने छूट रहे हैं, स्पष्ट है कि खनन माफियाओं के सामने बेबस अधिकारी महज बौना बनकर अपना दिन गिन रहे है। चर्चा है जिले में खनिजों के अवैध उत्खनन सत्ताधारी दल के संरक्षण में फल फूल रहा है।

क्षेत्रीय मतदाताओं को इसकी भली-भांति समझ है। आगामी लोकसभा चुनाव में इसका खामियाजा सत्ताधारी पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।
गौरतलब है की बाराद्वार अंतर्गत खमहरिया, अकलसरा, डुमरपारा जैसे कई गांवों में खनन माफिया द्वारा अवैध खनिज उत्खनन किया जा रहा है जिससे शासन को राजस्व की भारी क्षति हो रही है। मामले की शिकायत जिला खनिज शाखा से लेकर क्षेत्रीय कार्यालय तथा विभागीय मंत्रालय तक किया गया है। कुछ हफ्ते पहले ही केंद्रीय जांच दल द्वारा खनिज अधिकारी एवं शिकायतकर्ताओं सहित संयुक्त टीम के द्वारा जिसमें पटवारी, कोटवार, आर आई की मौजूदगी में पंचनामा तैयार किया गया जिसमे अवैध खनिज उत्खनन पाया गया, अगले ही रात्रि को तत्कालीन जिला कलेक्टर का ट्रांसफर हो गया
अवैध खनिज उत्खनन और भंडारण की लगातार मामले सामने आने से सक्ती जिला बदनामी की मार झेल रहा है वही बेबस अफसरों के द्वारा खनिज माफियाओं के सामने नकमस्तक होना मजबूरी हो गई है। लगातार जिले की खनिज भ्रष्टाचार पर बदनामी होने से जिले के जनमानस में रोष व्याप्त हो रहा है वहीं आगामी दिनों में आंदोलन की सुगबुगाहट से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
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