
Chhatisgarh Vidhansabha Budget session 2025:– पुलिस भर्ती में विधानसभा में बवाल, गृह मंत्री से पूछा क्या आरक्षकों को दे दिया भर्ती का पावर, गृह मंत्री ने दिया जवाब 5 साल प्रदेश में सीबीआई बैन करने वाले सीबीआई जांच करवाने की मांग कर रहे

Chhatisgarh Vidhansabha Budget session 2025:– विधानसभा में आज विपक्षी विधायकों ने आरक्षक भर्ती में गड़बड़ियों पर प्रश्न उठाया। जिसके जवाब में गृहमंत्री ने बताया कि 5900 आरक्षकों की भर्ती की जा रही है। यह वही भर्ती प्रक्रिया है जो आपका कार्यकाल में रुकी थी। मामले में शिकायत तो सिर्फ तीन मिली है पर खुद स्वप्रेरणा से जांच करवा 95 हजार भर्ती के वीडियोग्राफी का अवलोकन करवाया गया है। जिसमें 129 प्रकरण गड़बड़ियों के चिन्हित किए गए। जिसकी जानकारी उच्च न्यायालय को भी दी गई हैं और उनकी भर्ती प्रकिया रोकी गई है। मामले में संलिप्त 16 लोगों को जेल भेजा गया है। विपक्ष के सीबीआई जांच की मांग पर भी गृहमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि यह बड़ी खुशी की बात है कि केंद्रीय एजेंसियों पर विश्वास बढ़ा है। जिनकी सरकार में सीबीआई बैन था वह अब सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।
Raipur रायपुर। विधानसभा में आज पुलिस आरक्षक भर्ती के मामले में जोर–शोर से सवाल उठाया गया। गृहमंत्री ने भी इसका डटकर जवाब दिया। सीबीआई जांच की मांग को लेकर गृहमंत्री ने कहा कि यह अच्छी बात है कि केंद्रीय एजेंसियों पर विश्वास बढ़ रहा, जो लोग पांच साल प्रदेश में सीबीआई को बैन किए थे उन लोगों के द्वारा सीबीआई जांच की मांग की जा रही है। गृह मंत्री ने सदन को बताया कि भर्ती की वीडियोग्राफी के 95 हजार वीडियो के अवलोकन के बाद गड़बड़ी के 129 मामले चिन्हित किए गए हैं,जिनकी नियुक्ति की आगे की प्रक्रिया रोक दी गई है। विस्तार से गृहमंत्री ने सदन को जानकारी उपलब्ध करवाईहै।
विधायक द्वारकाधीश यादव ने आज प्रश्नकाल में सवाल उठाते हुए पूछा कि पुलिस भर्ती में गड़बड़ी में जिलेवार कितनी शिकायत प्राप्त हुई हैं, बिलासपुर और राजनांदगांव में शिकायत किस तरह की है और कौन-कौन शिकायतकर्ता हैं? जिसके जवाब में गृहमंत्री ने बताया कि राजनांदगांव जिले में डीएसपी अजाक के पद पर पदस्थ तनु प्रिया ठाकुर ने भर्ती के दौरान गड़बड़ी पकड़ कर लालबाग थाने में एफआईआर क्रमांक 568/24 दर्ज करवाई। मामले में 16 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। इसके अलावा बिलासपुर जिले में अजय सिंह राजपूत और दुर्गेश यादव ने शिकायत की है। अजय सिंह राजपूत मामले को न्यायालय में लेकर भी गया है।
गृह मंत्री विजय शर्मा ने बताया कि 5900 आरक्षक के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। जिस पर पूरक प्रश्न पूछते हुए द्वारकाधीश यादव ने पूछा कि सिर्फ राजनांदगांव में कार्यवाही हुई है, सिर्फ आरक्षक भर्ती कर सकते हैं क्या? आरक्षक भर्ती में सक्षम अधिकारी नहीं है और सक्षम अधिकारी के ऊपर जांच और कार्रवाई करेंगे क्या? और अपने जांच किया तो क्या-क्या पाया? जिस पर गृहमंत्री ने जवाब दिया कि राजनांदगांव में गड़बड़ी स्वयं पुलिस के अधिकारी द्वारा निकाली गई और माननीय अध्यक्ष महोदय आपके भी निर्देशानुसार परीक्षा प्रकिया निरस्त की गई। दोबारा परीक्षा प्रक्रिया शुरू की गई तो राजनांदगांव में परीक्षा न लेकर उस रेंज के खैरागढ़–छुईखदान जिले में करवाई गई । राजनांदगांव आईजी ने एक अन्य जिले मोहला–मानपुर के एडिशनल एसपी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बना जांच करवाई। इसी तरह बिलासपुर में भी जांच की गई है।
गृहमंत्री ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान पूरे प्रक्रिया की वीडियोग्राफी हो रही थी। जिसकी जांच हेतु राज्य के सभी पुलिस अधीक्षकों के द्वारा वीडियो का अवलोकन करवाया गया। कुल 95 हजार वीडियो का अवलोकन कर 129 गड़बड़ियों के प्रकरण चिन्हित किए गए है, इनकी भर्ती प्रक्रिया को पेंडिंग में रखा गया है, उच्च न्यायालय में भी इसकी जानकारी दी गई है। उच्च न्यायालय में इस मामले में रिट पिटिशन लगा है। गड़बड़ियों पर कार्रवाई होगी और उनकी भर्ती प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी।
जवाब सुनकर विधायक द्वारकाधीश यादव ने कहा कि मेरा सवाल अलग है और आप जवाब अलग दे रहे हैं। मैंने पूछा कि क्या आरक्षक भर्ती में सिपाही इतने सक्षम है कि गड़बड़ी कर लेंगे? कौन सी नीति के तहत यह व्यवस्था है कि आरक्षक गड़बड़ी कर लेंगे, हेरफेर कर लेंगे? क्या आप ऐसी नीति बनाए है कि आरक्षक भर्ती कर रहे हैं? गड़बड़ी तो वही करेगा जो व्यवस्था में नीति को प्रभावित करने की स्थिति में रहेगा। सक्षम अधिकारी के द्वारा गड़बड़ी हुई है और मामले को दबाने के लिए छोटे कर्मचारियों को जेल भेजा गया और बड़ों को बचाया गया। विधायक द्वारकाधीश यादव ने आरक्षक भर्ती की सीबीआई जांच करवाने की मांग विधानसभा अध्यक्ष के माध्यम से की। विधायक द्वारकाधीश ने कहा कि सिर्फ दो जिले मंत्री जी कह रहे हैं,पर हर जिले में गड़बड़ी हुई है आप स्वप्रेरणा से जांच करवाईए, मैं इसलिए बोल रहा हूं कि योग्य पुलिसकर्मी भर्ती के माध्यम से नहीं आएंगे तो कानून व्यवस्था का क्या होगा? विधायक ने आगे पूछा कि मंत्री महोदय आप ही बता दीजिए की आरक्षकों की भूमिका भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित करने की है क्या?
जिसके जवाब में गृह
मंत्री ने पहले तो कहा कि यह खुशी की बात है कि केंद्रीय एजेंसियों के ऊपर विश्वास बढ़ा है, यह मै पिछले दो दिनों से देख रहा हूं। सीबीआई के ऊपर विश्वास बढ़ा है ऐसे ही अन्य एजेंसियों के ऊपर भी विश्वास बढ़ेगा। सीबीआई जांच की मांग माननीय सदस्य महोदय कर रहे हैं तो मैं यह बता दूं,जिनकी सरकार में 5 साल सीबीआई बैन रही वो लोग सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। मंत्री ने आगे कहा कि मैं यह बता दूं कि यह वही भर्तियां है जो आप अपनी सरकार के 5 सालों के कार्यकाल में पूरा नहीं कर सके,यह वही भर्ती प्रक्रिया है जिसमें एक शिकायत पर पूरी प्रक्रिया की जांच करवाई गई। माननीय सदस्य पूरे प्रक्रिया की जांच कह रहे है तो मैं बताना चाहूंगा कि पूरे प्रदेश में पूरे प्रक्रिया को दोबारा चेक करवाया गया है,जांच करवाया गया है पुलिस अधीक्षकों की रिपोर्ट हमारे पास है। राजनांदगांव में जो गड़बड़ी पकड़ी गई उसको स्वयं पुलिस विभाग ने स्वप्रेरणा से शिकायत कार्यवाही की है। अन्य जिलों में भी जो 129 गड़बड़ियां चिन्हित हुई है उन्हें छुपाया नहीं गया बल्कि खुद से जाकर हाईकोर्ट में हमने पुटअप किया है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि मैं फिर से कह रहा हूं की पूरी शुचिता के साथ भर्ती प्रकिया की जा रही है,यदि आपको कोई विशेष प्रकरण की जानकारी हो कि फंला पुलिस का अधिकारी ऐसा कर रहा है तो आप बता दीजिए मै उस पर जांच कर कार्यवाही करवाऊंगा।
गृहमंत्री ने कहा कि किस स्तर पर गड़बड़ी हुई है उसको समझने की आवश्यकता है, क्या गड़बड़ी हुई है उसको समझने की आवश्यकता है, क्या वहां पर भर्ती प्रक्रिया के दौरान आईजी खड़े रहते हैं क्या, दौड़ हो रहा है,गोला फेंक हो रहा है, गोला फेंक में अतिरिक्त अंक चढ़ा दिया गया कंप्यूटर के माध्यम से तो यह गड़बड़ी वीडियोग्राफी के माध्यम से पकड़ी गई और वहां पर जो उपस्थित थे उन पर कार्यवाही हुई।
इसी दौरान एक महिला विधायक ने पूरक प्रश्न पूछा कि मेरे ही विधानसभा का मामला है, मेरे विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सुखापाली का रहने वाले आरक्षक ने आत्महत्या कर ली, उसने अपने हाथ में लिखा की भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी में बड़े लोग इंवॉल्व है और छोटे लोगों को फंसाया जा रहा है। मृत आरक्षक को अब तक न्याय नहीं मिला है,तो क्या इसकी जांच करवाएंगे या नहीं करवाएंगे। जिस पर गृहमंत्री ने जवाब दिया कि यह विषय बिल्कुल हमारे संज्ञान में है वह आरक्षक भले आपके क्षेत्र का रहने वाला है पर वह पदस्थ राजनांदगांव में था। मैंने पहले ही बताया है कि इस तरह की गड़बड़ी राजनांदगांव में संज्ञान में आई है, पकड़ी गई है। आरक्षक भले ही राजनांदगांव में पदस्थ था पर इसकी जांच के लिए वहां के आईजी महोदय ने मोहला–मानपुर के एडिशनल एसपी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है, यह मैंने पहले ही बताया है। इस मामले में 16 आरोपी पूर्व से ही जेल में है। यदि कोई और इस गड़बड़ी में शामिल पाया जाता है तो उसे पर भी कार्यवाही की जाएगी आप चिंता ना करें। गृह मंत्री का जवाब पूरा होने के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने अगले सदस्य को प्रश्न पूछने की अनुमति दी।


