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IPS Dangi, Sexual Harassment: आईपीएस डांगी पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला को छोटी बहन ने कटघरे में खड़ा किया, लगाए चौंकाने वाले आरोप,अब जांच अफसर जुटाएंगे डिजिटल सबूत

IPS Dangi, Sexual Harassment: छत्तीसगढ़ पुलिस महकमे में एक बार फिर हाई-प्रोफाइल यौन शोषण विवाद ने हलचल मचा दी है। 2003 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रतनलाल डांगी पर एएसआई की पत्नी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। अब इस पूरे मामले में नया मोड़ आ गया है। आरोप लगाने वाली महिला की छोटी बहन सामने आई है और उसने अपनी बड़ी बहन पर ही गंभीर और सनसनीखेज आरोप लगा दिए हैं।

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Bilaspur News: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस के सीनियर आईपीएस अधिकारी रतनलाल डांगी पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच अब नया मोड़ सामने आया है। जिस योग शिक्षिका ने डांगी पर गंभीर आरोप लगाए हैं, उसी की छोटी बहन ने आगे आकर बयान दिया है कि उसकी बहन झूठी है और पहले भी कई बार झूठे केस दर्ज करा चुकी है।

छोटी बहन के सनसनीखेज आरोप

छोटी बहन ने बताया कि आरोप लगाने वाली महिला ने पहले अपने पिता और पति के खिलाफ भी झूठे मुकदमे दर्ज कराए थे। साल 2003 में पिता के खिलाफ झूठा दुष्कर्म का मामला, और 2011 में बालको थाना में उसके व उसके पति के खिलाफ मारपीट और एट्रोसिटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करवाई थी।
उसका कहना है कि बड़ी बहन बचपन से ही जिद्दी और पैसे की मांग पूरी न होने पर परिवार पर झूठे आरोप लगाने की प्रवृत्ति रखती थी। शादी के बाद भी पति से लगातार झगड़े करती रही और आत्महत्या की कोशिश भी की थी।

डांगी का पक्ष — “यह सब झूठ और साजिश”

आईपीएस रतनलाल डांगी ने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप बिलकुल झूठे, भ्रामक और बेबुनियाद हैं। उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका कहना है कि वह साफ-सुथरे रिकॉर्ड वाले अधिकारी हैं और हमेशा जनता के बीच ईमानदारी से काम करते आए हैं।
डांगी ने यह भी बताया कि इस झूठी शिकायत से उनका परिवार गहरे मानसिक तनाव में है और उन्होंने ब्लैकमेलिंग की शिकायत डीजीपी से की है।

शुरुआती बातचीत से लेकर उत्पीड़न तक — शिकायत का पूरा सिलसिला

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महिला ने अपनी शिकायत में बताया है कि उनकी पहली मुलाकात सोशल मीडिया पर हुई थी। धीरे-धीरे बातचीत आगे बढ़ी और जब डांगी दंतेवाड़ा में पदस्थ थे, तब वह उन्हें वीडियो कॉल के ज़रिए योग सिखाया करती थीं।

बाद में जब रतनलाल डांगी की पदस्थापना राजनांदगांव और सरगुजा में आईजी के रूप में हुई, तब से उनका व्यवहार बदल गया और उत्पीड़न शुरू हो गया।
महिला ने आरोप लगाया कि बिलासपुर आईजी रहते हुए यह सिलसिला और बढ़ गया।

उसके अनुसार, डांगी पत्नी की गैरमौजूदगी में बंगले पर बुलाते थे और न आने पर तबादले की धमकी देते थे।
चंद्रखुरी पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में महिला के ट्रांसफर के बाद भी, डांगी सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक वीडियो कॉल पर संपर्क बनाए रखने का दबाव डालते थे।
महिला ने दावा किया है कि उसके पास कई आपत्तिजनक डिजिटल साक्ष्य मौजूद हैं।

जांच की कमान आईजी आनंद छाबड़ा को सौंपी गई

पुलिस मुख्यालय ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी आईजी आनंद छाबड़ा को सौंपी है। उनके साथ डीआईजी मिलना कुर्रे भी जांच टीम में शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, जांच अधिकारी पहले महिला का बयान और डिजिटल साक्ष्य जुटाएंगे, उसके बाद आईपीएस डांगी का बयान रिकॉर्ड किया जाएगा।

इस टीम में महिला अफसरों को भी शामिल किया गया है ताकि जांच निष्पक्ष और संवेदनशील ढंग से हो सके।
हालांकि जांच रिपोर्ट कब तक आएगी, इस पर पुलिस मुख्यालय या जांच अधिकारी फिलहाल कुछ नहीं बोल रहे हैं।

जांच के साथ उठे सवाल — सुरक्षा, साख और सिस्टम की पारदर्शिता पर बहस शुरू

इस पूरे विवाद ने छत्तीसगढ़ पुलिस की साख और आंतरिक आचार संहिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ महिला के आरोप और फिर परिजनों के उलट बयान ने इस केस को बेहद पेचिदा बना दिया है।
अब सबकी नज़रें आईजी आनंद छाबड़ा की जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो तय करेगी कि यह पूरा मामला सच्चाई है या साजिश।

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