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जांजगीर जिला व निकायों को बुलडोजर से परहेज

कब निकलेगी बुलडोजर क्या जांजगीर को नहीं मिला है बुलडोजर चलाने का आदेश

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कान्हा तिवारी


जांजगीर चांपा- जिले में अवैध चखना सेंटर संचालकों की बल्ले बल्ले और अवैध कब्जाधारियों की चांदी है,बावजूद इसके जिला और निगम अमला मौन है। जिला मुख्यालय से जुड़े गांव खोखरा,पुटपुरा,पेड्री,खोखसा जोबी, सहित सैकड़ो गांव से लेकर जिला मुख्यालय तक बेजा कब्जा धारको की भरमार है मगर प्रशासन बुलडोजर से लगता है परहेज कर रहा है।



, छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन होने से पहले प्रदेश के कई जगह बुलडोजर पर सवार होकर के बीजेपी के दिग्गज रैली हुंकार भरे थे, इसके बाद प्रदेश में सत्ता परिवर्तन तो हो गई लेकिन जांजगीर चांपा जिले में बीजेपी एक भी सीट पर काबीज नहीं हो पाई , छतीसगढ़ मे पहली बार ऐसा देखा गया कि जांजगीर चांपा और सक्ति जिले को मिला कर कुल 6 विधानसभा सीट में से एक भी सीट भाजपा को नही मिली, इस बार सभी सीटों पर कांग्रेस ने अपना कब्जा जमा लिया हैं। लगता है इसी कराण स्थानीय जिला और निगम प्रशासन अवैध बेजा-कब्जा हटाने में हाथ पांव फूल रहे है।

प्रदेश में इस बार बीजेपी ने अपना सत्ता जमा लिया हैं भाजपा सत्ता में आने के बाद राजधानी न्यायधानी सहित कई जिलों में बुलडोजर का दहशत भूमाफियाओं में दिखने लगा है। अवैध रूप से बने कई चकना सेंटर और अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाकर हटाया गया, लेकिन जांजगीर चांपा जिले में अब तक बुलडोजर दिखाई नहीं दे रही हैं,इससे यही अंदाजा लगाया जा सकता कि अवैध चकना सेंटर धारियों और अतिक्रमणकारियों पर जिला प्रशासन कितना मेहरबान हैं, हालांकि जिले के कलेक्टर निर्देश तो जरूर करते हैं लेकिन उनके अधिकारी इसे कितनी गंभीरता से लेते हैं इसका हकीकत तो जमीनी स्तर पर जाने से ही पता लगता है,


जिला प्रशासन के आशीर्वाद फल फूल रहे अवैध कब्जा धारी

जिला मुख्यालय के आसपास यानी 10. से 12. किलोमीटर ने अवैध बेजा कब्जाधारियों ने शासकीय जमीनों पर बेहिसाब कब्जे किए हैं यही नहीं बाकायदा उससे खेती भी की जाती है हर वर्ष लाखों का धान भी बेचा जाता हैं,मगर जिला प्रशासन इतनी बेबस हैं कि अतिक्रमण कारियों पर कार्रवाई करने में हिम्मत नही जुटा पाती हैं,यही वजह हैं कि चखना सेंटर और अवैध रूप से अतिक्रमणकारियों को जिला प्रशासन की ओर से छूट मिल जाती हैं ।

खोखरा-पुटपुरा पेड्री का कब्जा भी नजर नहीं आ रहा

धाराशिव मोड़ के आसपास एवं शमशान घाट गोठान कि भूमि सहित कई ऐसे निस्तारी तालाब के पार में भी कब्जा कर लिए हैं,वही पुलिस लाइन खोखरा से जुड़े पुरी बस्ती शासकीय भूमि पर बसा है, यह बेसकिमती जमीन है, ठीक इसी तरह पुटपुरा के बटालीयन के आस पास हजारो एकड़ में अवैध कब्जा है, पेड्री का भी यहीं हाल है ,जल श्रोत तालाब पर अवैध कब्जा है । कब्जाधारियों की ऐसी दहशत की गांव में स्कूल चारागाह ,दाह संस्कार के लिए जमीन तक नहीं बचा है।


जांजगीर तहसीलदार
बजरंग साहू ने कहा अवैध कब्जे को लेकर कहा अगर चकना सेंटर की बात कर रहे हैं तो इस पर नियम अनुसार पटवारी से प्रतिवेदन लेकर इस पर
एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई किया जाएगा,

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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