Janjgir News:– दीपावली की सुबह हॉकर्स के नाम हुई, ईशिका लाइफ फाउंडेशन ने बाँटी मिठास और सम्मान की रोशनी

Janjgir News:– दीपावली की सुबह हॉकर्स के नाम हुई, ईशिका लाइफ फाउंडेशन ने बाँटी मिठास और सम्मान की रोशनी
जांजगीर। सुबह का सूरज अभी पूरी तरह निकला भी नहीं था, लेकिन नेताजी चौक पर ज़िंदगी की एक अलग रौशनी फैल चुकी थी। कुछ चेहरे मुस्कुरा रहे थे, कुछ आँखें नम थीं। वजह थी—ईशिका लाइफ फाउंडेशन का वो स्नेहभरा आयोजन, जिसमें उन लोगों को सम्मान दिया गया जो हर दिन अंधेरे से उजाले तक की यात्रा के सच्चे साथी हैं — हमारे अख़बार वितरक हॉकर।
हर सुबह जब शहर सोया होता है, तब यही लोग ठंडी हवा और अंधेरे को चीरते हुए साइकिल पर निकल पड़ते हैं। उनका काम सिर्फ़ अख़बार पहुंचाना नहीं, बल्कि हर घर में जानकारी, जागरूकता और उम्मीद की सुबह ले आना है। दीपावली के दिन जब हर कोई अपनों के साथ खुशियाँ बाँट रहा था, तब ईशिका लाइफ फाउंडेशन ने इन गुमनाम कर्मयोगियों के साथ सम्मान और मिठास बाँटी।
कार्यक्रम में 50 से ज़्यादा हॉकरों ने हिस्सा लिया। हर चेहरे पर एक अजीब-सी चमक थी—वो चमक जो तब आती है जब किसी को सालों बाद उसकी मेहनत का असली मोल मिलता है। फाउंडेशन ने मिठाइयाँ और उपहार भेंट करते हुए कहा कि यह सिर्फ़ तोहफ़ा नहीं, बल्कि कृतज्ञता की एक छोटी-सी अभिव्यक्ति है।
फाउंडेशन के संस्थापक गोपाल शर्मा ने कहा—
“जब हम सब बिस्तर में होते हैं, तब यही लोग हमारे समाज की सुबह तैयार कर रहे होते हैं। ये सिर्फ़ खबरें नहीं पहुँचाते, बल्कि लोकतंत्र की सांसें हर घर तक ले जाते हैं।”
वहीं, अमित नामदेव, जो पिछले दस साल से अख़बार बाँट रहे हैं, ने कहा—
“हमेशा लगता था कि हम बस डिलीवरी वाले हैं, पर आज पहली बार लगा कि हम भी समाज का अहम हिस्सा हैं। आज तक किसी ने हमारी मेहनत पर इस तरह ध्यान नहीं दिया। ये मिठाइयाँ हमारे संघर्ष का स्वाद हैं।”
नेताजी चौक की वह सुबह सिर्फ़ अख़बार की स्याही की महक से नहीं, बल्कि इंसानियत और अपनापन की खुशबू से भी भर उठी। ईशिका फाउंडेशन की यह पहल जांजगीर में एक नई सोच लेकर आई है—उन लोगों को पहचान देने की, जो बिना चर्चा और बिना तालियों के हर दिन समाज को जागरूक करते हैं।
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