Janjgir news:– दिनदहाड़े लूट का ड्रामा निकला फर्जी, 11.79 लाख की हेराफेरी कर रची कहानी, पुलिस ने किया पर्दाफाश;पुलिस ने कैसे खोजी पूरी रकम? देखिए,video …

Janjgir–champa : एसपी विजय कुमार पांडेय के नेतृत्व में जांजगीर पुलिस ने एक बार फिर साबित कर दिया कि झूठ कितना भी शातिर क्यों न हो, सच के आगे टिक नहीं सकता। बम्हनीडीह थाना क्षेत्र में 11 लाख 79 हजार रुपए की दिनदहाड़े लूट की रिपोर्ट दर्ज कराने वाले युवक की कहानी चंद घंटों में ही झूठी साबित हुई। पुलिस ने शिकायत मिलते ही गहराई से पड़ताल शुरू की और आरोपी को खुद उसकी ही बनाई साजिश में फंसा लिया। ना सिर्फ झूठ उजागर हुआ बल्कि पूरी राशि भी बरामद कर ली गई। आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।
Janjgir–champa: जांजगीर-चांपा।
बम्हनीडीह थाना क्षेत्र में 11 लाख 79 हजार 800 रुपये की झूठी लूट की सूचना देने वाला युवक ही पूरे मामले का मास्टरमाइंड निकला। आरोपी दीपेश देवांगन ने गबन को छिपाने के लिए पुलिस को गुमराह करते हुए लूट का नाटक रचा, लेकिन एसपी विजय पांडेय के दिशा-निर्देश में काम कर रही साइबर यूनिट और अधिकारियों की सूझबूझ ने उसे महज आधे घंटे में बेनकाब कर दिया। आरोपी के पास से संपूर्ण नकद राशि और लैपटॉप बरामद कर उसे जेल भेज दिया गया।

यह झूठी कहानी 1 अगस्त को सामने आई, जब ग्राम चोरिया निवासी दीपेश देवांगन (25 वर्ष) ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह अपने परिचित व्यापारी किरीत सिन्हा (निवासी करनौद) से 11.79 लाख रुपये लेकर यूनियन बैंक, चांपा में जमा करने जा रहा था। पूछेली और अमोदी गांव के बीच रास्ते में तीन बाइक सवार अजनबी युवक, जिनमें से दो के चेहरे स्कार्फ से ढंके थे और एक ने टोपी पहन रखी थी, उससे लिफ्ट मांगने लगे। जब उसने इंकार किया तो वे पीछा कर मारपीट करने लगे और बैग से नकदी और लैपटॉप लेकर भाग गए — ऐसा दीपेश ने दावा किया।
शिकायत मिलते ही पुलिस ने फौरन पूरे क्षेत्र में घेराबंदी कर दी और एसपी के निर्देश पर साइबर टीम के साथ मिलकर घटनास्थल का निरीक्षण किया। लेकिन मौके पर न तो कोई संघर्ष के निशान मिले और न ही कथित आरोपियों की कोई गतिविधि कैमरे या गवाहों से सामने आई। दीपेश के बयानों में बार–बार आ रहे बदलाव और एफआईआर दर्ज कराने में हुई देरी ने पुलिस को संदेह के दायरे में ला दिया।
पूछताछ के दौरान साइबर विशेषज्ञों ने मनोवैज्ञानिक तरीके अपनाए और तकनीकी साक्ष्यों के साथ जब दीपेश पर सवालों की बौछार की गई, तो वह टूट गया। उसने कबूल किया कि वह लगभग आठ लाख रुपये के कर्ज में डूबा हुआ था और इस कारण पूरी रकम हड़पने की नीयत से झूठा लूट कांड गढ़ा था। पुलिस ने उसके घर से नगद राशि ₹11,79,800 और लैपटॉप जब्त कर लिया।
पूरे मामले में आरोपी के खिलाफ थाना बम्हनीडीह में व्यापारी किरीत सिन्हा की शिकायत पर अमानत में खयानत और झूठी सूचना देने का अपराध दर्ज किया गया है।
जांच में इनका रहा योगदान:
इस खुलासे में साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक सागर पाठक, एएसआई विवेक सिंह, आरक्षक सहबाज खान, प्रदीप दुबे, श्रीकांत सिंह, रोहित कहरा और बम्हनीडीह थाने की सहायक उपनिरीक्षक नीलमणि कुसुम की सक्रिय भूमिका रही।पूरे ऑपरेशन की मॉनिटरिंग स्वयं एसपी विजय कुमार पांडेय द्वारा की गई, जिन्होंने हर पहलू पर नजर रखकर कार्रवाई को सही दिशा दी।
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