
छत्तीसगढ़ की सियासत में बड़ा खुलासा!
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी केके श्रीवास्तव को रायपुर पुलिस और EOW ने भोपाल से गिरफ्तार किया है। आरोप है कि उन्होंने 500 करोड़ के सरकारी ठेके का झांसा देकर दिल्ली के कारोबारी से 15 करोड़ की ठगी की। तांत्रिक से कारोबारी बने श्रीवास्तव की गिरफ्तारी ने सत्ता, तंत्र और ठेकेदारी के गठजोड़ को बेनकाब कर दिया है।
📍 रायपुर/भोपाल।
छत्तीसगढ़ के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाने वाले बहुचर्चित ठेका घोटाले में बड़ा खुलासा हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी और कथित तांत्रिक कारोबारी केके श्रीवास्तव को रायपुर पुलिस और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की टीम ने भोपाल के एमराल्ड होटल से गिरफ्तार कर लिया है। श्रीवास्तव पर 500 करोड़ रुपए के स्मार्ट सिटी ठेके दिलवाने के नाम पर 15 करोड़ की ठगी का गंभीर आरोप है।
🔎 10 माह से फरार था केके श्रीवास्तव
रायपुर के तेलीबांधा थाना में 10 महीने पहले दर्ज हुई FIR में श्रीवास्तव और उनके बेटे कंचन श्रीवास्तव को आरोपी बनाया गया था। आरोप है कि उन्होंने दिल्ली के व्यवसायी अर्जुन रावत (रावत एसोसिएट्स) से 500 करोड़ रुपए का ठेका दिलाने का झांसा देकर 15 करोड़ रुपए ठग लिए।
इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस को लंबा इंतजार करना पड़ा। जमानत की अर्जी जिला न्यायालय और हाईकोर्ट दोनों से खारिज हो चुकी थी। अंततः शनिवार देर रात रायपुर पुलिस और EOW की संयुक्त टीम ने भोपाल में दबिश दी और श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया।
💰 ठेका दिलवाने का झांसा और तांत्रिक कनेक्शन
FIR के मुताबिक, रावत एसोसिएट्स की मुलाकात 2023 में आध्यात्मिक गुरु प्रमोद कृष्णन के माध्यम से केके श्रीवास्तव से हुई थी। श्रीवास्तव ने खुद को सरकार में ऊंची पहुंच वाला बताया और ठेका दिलाने का वादा किया। यहां तक कि उन्होंने रावत की मुलाकात प्रदेश के एक शीर्ष नेता से करवाई, जिन्होंने केके श्रीवास्तव की सिफारिश भी की।
श्रीवास्तव ने 15 करोड़ रुपए अलग–अलग बैंक खातों में जमा करवाए, लेकिन न तो ठेका मिला, न ही पैसा वापस हुआ। जब रकम वापसी की मांग की गई, तो श्रीवास्तव ने बाउंस चेक दे दिया, जिसके बाद FIR दर्ज करवाई गई।
📉 ट्रांजैक्शन में Zomato और Swiggy कर्मचारियों के नाम
जांच में एक चौंकाने वाली बात सामने आई — जिन बैंक खातों में रकम ट्रांसफर हुई, उनमें कई Zomato और Swiggy डिलीवरी ब्वॉय के नाम से रजिस्टर्ड थे। ट्रांजैक्शन इतिहास में करोड़ों की गतिविधियां मिलीं, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका और गहरी हो गई।
🚨 भगोड़ा घोषित, इनाम घोषित, फिर गिरफ्तारी
पूर्व एसएसपी संतोष सिंह ने केके श्रीवास्तव को भगोड़ा घोषित करते हुए उस पर इनाम घोषित किया था। इसके साथ ही ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को भी जांच के लिए पत्र भेजा गया था। अब ईडी ने भी 50 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया है।
🕵️♂️ EOW, ED और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
इस बहुचर्चित मामले की जांच में EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो), ED (प्रवर्तन निदेशालय) और रायपुर पुलिस शामिल रही। गिरफ्तारी के लिए टीम भोपाल पहुंची और शनिवार को एमराल्ड होटल से केके श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर रायपुर रवाना हो गई।
🧿 कौन है केके श्रीवास्तव?
मूल रूप से बिलासपुर निवासी
कारोबारी और स्वयंभू तांत्रिक
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेहद करीबी
राज्य के कई बड़े नेताओं के लिए तांत्रिक अनुष्ठान करवाने का दावा
सरकारी तंत्र में पहुंच और प्रभाव का हवाला देकर सरकारी ठेके दिलवाने के नाम पर ठगी
📌 अब आगे क्या?
रायपुर लाने के बाद पुलिस श्रीवास्तव से पूछताछ करेगी
ईडी और EOW की कड़ी जांच में अब अन्य नाम भी सामने आ सकते हैं
रावत एसोसिएट्स की तरफ से ठगी का पूरा डाटा भी पुलिस को सौंपा जा चुका है
राजनीतिक कनेक्शन और नेटवर्क की जांच भी अब तेज होगी
Live Cricket Info