
धमतरी। महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने लिव इन रिलेशनशिप के विवाद में सुनवाई की। जहां युवती ने पुलिस आरक्षक को तमाचा जड़ दिया। आयोग ने लिव इन रिलेशनशिप की अस्थिरता पर चेतावनी दी है। शिक्षिका युवती और एक पुलिस आरक्षक 10-12 सालों से लिव इन रिलेशनशिप में रहने के बाद शादी से इंकार करने का मामला सामने आया था।

सुनवाई के बाद युवती मारा तमाचा, अध्यक्ष बोलीं चले जाओ नही तो…
जब एक शिक्षिका युवती और एक पुलिस आरक्षक के 10-12 सालों के लिव इन रिलेशनशिप में रहने के बाद शादी से इंकार वाले मामले की सुनवाई पूरी हो गई। और आवेदिका तथा अनोवदक बाहर निकल रहे थे। तो कक्ष में ही युवती ने पुलिस आरक्षक को कटाक्ष करते हुए चल रहे थे। गुस्साई युवती ने उसे जमकर तमाचा जड़ा, वहाँ मौजूद सभी भौचक रह गए। तभी पुलिस आरक्षक युवक ने कहा कि अब इस युवती पर कार्रवाई कीजिए, आरक्षक के जवाब में महिला आयोग अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा कि हम देख रहे हैं। तुम कटाक्ष करते चल रहे थे, चले जाओ नहीं तो युवती तुम्हें लाल कर देगी।
लिव इन रिलेशनशिप भरोसा नहीं, बेवकूफी है
छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के तहत यदि बालिग युवक और युवती लिव इन रिलेशनशिप में रहते हैं। और शादी से इंकार किया या धोखा दिया। तो अब पुलिस में धारा 376 दर्ज नहीं हो पाएगा। ऐसे में लड़कियों को जागरूक होना जरूरी है।
कोर्ट में साबित करों और सजा दिलाओं…
दोनों का मामला न्यायालय में विचाराधीन है, ऐसे में उनकी शिकायत को नस्तीबद्ध किया गया। साथ ही पीड़ित शिक्षिका युवती से कहा कि न्यायालय में साबित करो और धोखा देने वाले इस आरक्षक को सजा दिलाओ। उसका नौकरी खा जाओ ताकि यह युवक किसी और युवती के साथ ऐसा गलती न करें।
महिला सरपंच का कार्य उसका पति या देवर नहीं कर सकता…
महिला आयोग के ही एक अन्य प्रकरण में आवेदिका गांव की सरपंच है और सभी अनावेदकगण पंच है। उभय पक्षों के बीच प्रकरण की जांच कलेक्टर ऑफिस से किया गया।आवेदिका ने उच्च न्यायालय में प्रकरण दर्ज की है। और हाईकोर्ट स्टे के बाद सरपंच पद भी बनी हुई है। उसके पंचायत का काम सरपंच के देवर द्वारा किया जा रहा है। अनावेदकगणों को इस पर आपत्ति है कि गांव का सारा हिसाब-किताब उनका देवर करता है। उभय पक्षों को विस्तार से सुना गया कि वह महिला आरक्षण पर चुनाव लड़ना है। तो उन्हे ही सारा काम करना है और ठेका, कार्य खरीदी से अलग रखा जाना है। दोनों पक्षों में सुलह हो चुकी है इस कारण इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया है।
Live Cricket Info