कोषालय लिपिकों के अधिकारों का हनन: वित्त विभाग के आदेशों की अनदेखी का आरोप

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कोषालयीन शासकीय कर्मचारी संघ ने जिला कोषालय रायपुर में जारी कार्य विभाजन आदेश को लेकर गंभीर आपत्ति जताई है। संगठन के प्रांतीय प्रवक्ता रूपेन्द्र कुमार साहू ने बताया कि इस आदेश में कोषालयीन लिपिकों के अधिकारों का हनन हुआ है। इस संबंध में संगठन ने कोषालय अधिकारी गजानन पटेल को वित्त विभाग के निर्देशों के अनुरूप कार्य विभाजन संशोधित करने का अनुरोध पत्र भेजा था।
साहू के अनुसार, वित्त विभाग के आदेश (पत्र क्रमांक 839/472/वि/नि/चार/2024, दिनांक 01.11.2024) में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि लिपिकों का दायित्व मुख्य रूप से नस्तियों का प्रस्तुतीकरण, संधारण, पत्राचार और वरिष्ठ कार्यालयों को नियमों के अनुरूप जानकारी देना है। वहीं, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर का कार्य तकनीकी स्वरूप का है, जैसे डाटा एंट्री और विश्लेषण करना।
इसके बावजूद, कोषालय अधिकारी द्वारा डाटा एन्ट्री आपरेटरों को देयक पारित शाखा, सीपीएस/ओपीएस, ई-पेमेंट तथा भंडार शाखाओं में सहायक के रूप में कार्य सौंपा गया है। संगठन ने आरोप लगाया कि देयकों को पारित करने की प्रक्रिया का परीक्षण किसी सहायक कोषालय अधिकारी से न कराकर सीधे कोषालय अधिकारी द्वारा पारित किया जा रहा है, जो वित्त विभाग के निर्देश (पत्र क्रमांक 1737/वित्त/ब-4/संसा./2024, दिनांक 07.06.2024) के स्पष्ट उल्लंघन के समान है।
संघ का कहना है कि छत्तीसगढ़ कोषालय संहिता में तीन स्तरीय परीक्षण व्यवस्था का उल्लेख है, जिसकी लगातार अनदेखी की जा रही है। वरिष्ठ कोषालय अधिकारी द्वारा संगठन को तथ्यरहित जानकारी दी गई थी, जिसके बाद शिकायत संभागीय संयुक्त संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन रायपुर को भेजी गई। इसके आधार पर निर्देश जारी हुए कि कार्य वितरण वित्त विभाग के आदेशानुसार हो, परंतु अब तक डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों को लिपिकीय कार्यों से पृथक नहीं किया गया है (पत्र क्र./षिकायत शाखा/2025/1422 रायपुर, दिनांक 30.09.2025)।
संगठन ने यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश के अन्य कोषालयों में भी डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों को देयक पारित और पेंशन शाखा जैसे संवेदनशील कार्यों की जिम्मेदारी दी जा रही है। इसके चलते कार्य–प्रणाली पर कई बार समाचार पत्रों में सवाल उठाए गए हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।
इस पूरे मामले में संगठन ने सचिव वित्त विभाग , विशेष सचिव वित्त विभाग और संचालक कोष लेखा एवं पेंशन को कई बार पत्र भेजकर हस्तक्षेप की मांग की है।

चेतावनी दी गई है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई,
तो प्रदेशभर के कोषालयीन कर्मचारी जिला कोषालय रायपुर का घेराव कर प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे।
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