छत्तीसगढ़ में अब तक की सबसे बड़ी आयकर कार्रवाई! हिंदुस्तान कॉयल ग्रुप के 42 ठिकानों पर दबिश से करोड़ों के खुलासे की उमीद….

⭕️ तड़के शुरू हुई कार्रवाई की मॉनिटरिंग अन्वेषण शाखा के प्रधान निदेशक रवि किरण ने की, संयुक्त निदेशक भारत शैगांवकर ने पूरे राज्य में टीमों की तैनाती देखी
⭕️ उप निदेशक नवल जैन की अगुवाई में अनेक सर्च टीमों ने काम किया, मुंबई और कोलकाता से आए साइबर फोरेंसिक विशेषज्ञों ने भारी डिजिटल डेटा क्लोन किया

⭕️ कई बैंक लॉकर, जमीन और निवेश संबंधी फाइलें, नकदी और कीमती सामान मिलने के बाद टैक्स इवेज़न की जांच और गहरी होने के संकेत
रायपुर (छत्तीसगढ़),
Nov 4, 2025-रायपुर में गुरुवार तड़के आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा ने एक बड़ी और व्यापक सर्च कार्रवाई शुरू की जिसने शहर के औद्योगिक, आवासीय और कारोबारी इलाकों में पूरे दिन हलचल बनाए रखी। यह ऑपरेशन हिंदुस्तान कॉयल ग्रुप और उससे जुड़े स्पंज आयरन तथा कॉयल कारोबार से संबंधित वित्तीय गतिविधियों की जांच का हिस्सा है। कार्रवाई का पैमाना इतना बड़ा था कि सुबह होते–होते शहर के कई हिस्सों में भारी सुरक्षा बल, अधिकारी और तकनीकी टीमें सक्रिय दिखाई देने लगीं।

सूत्रों के मुताबिक सर्च का मुख्य फोकस समूह से जुड़े कारोबारी अरविंद अग्रवाल, विकास अग्रवाल और विपिन अग्रवाल तथा उनकी कंपनियों जैसे ओम स्पंज, देवी स्पंज और अन्य संबद्ध प्रतिष्ठानों पर रहा। गुरुवार सुबह लगभग 42 स्थानों पर टीमें एक साथ पहुंचीं जिनमें फैक्ट्रियां, कार्यालय और उच्च–स्तरीय आवास शामिल थे।
ऑपरेशन की टॉप–लेवल मॉनिटरिंग अन्वेषण शाखा के प्रधान निदेशक रवि किरण, आईआरएस (1996 बैच) द्वारा की जा रही थी। वहीं फील्ड ऑपरेशन का नेतृत्व संयुक्त निदेशक भारत शैगांवकर, आईआरएस (2013 बैच) के हाथों रहा। उप निदेशक नवल जैन, आईआरएस (2020 बैच) को कंडक्टिंग ऑफिसर की जिम्मेदारी सौंपी गई जिन्होंने विभिन्न टीमों के बीच तैनाती और रियल–टाइम कॉर्डिनेशन संभाला।
सुबह 5 बजे तक सिल्लतरा, उरला और टिल्दा इंडस्ट्रियल बेल्ट की लगभग 10 बड़ी यूनिट्स पर सर्च टीमें पहुंच चुकी थीं। इसके साथ शहर के कई पॉश आवासीय इलाकों में भी सर्च शुरू की गई। ऑपरेशन की गंभीरता और सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए लगभग 150 सीआरपीएफ जवानों को तैनात किया गया जिन्होंने हर लोकेशन पर बाहरी सुरक्षा और मूवमेंट कंट्रोल संभाला।
रायपुर, भिलाई, दुर्ग और जगदलपुर से करीब 40 आयकर अधिकारी इस ऑपरेशन में शामिल हुए जिनकी सहायता इंदौर, भोपाल और जबलपुर से आए स्टाफ ने की। सूत्रों का कहना है कि इस मल्टी–टीम तैनाती से संकेत मिलता है कि समूह की वित्तीय गतिविधियां कई स्तरों पर फैली हो सकती हैं और ट्रांजैक्शन ट्रेल्स जटिल हो सकते हैं।
इस बीच, मुंबई और कोलकाता से आई दो साइबर फोरेंसिक टीमों ने बड़ी मात्रा में डिजिटल रिकॉर्ड की क्लोनिंग की। लैपटॉप, डेस्कटॉप, सर्वर, मोबाइल और स्टोरेज डिवाइसेज से डेटा कॉपी किया गया। अधिकारियों के मुताबिक शुरुआती आकलन में ही डेटा का वॉल्यूम काफी बड़ा पाया गया है, जिसकी विस्तृत जांच में कई चरण शामिल होंगे। डिजिटल डेटा से भविष्य में लेनदेन पैटर्न, आंतरिक ईमेल, अकाउंटिंग रिकॉर्ड और निवेश संबंधी संकेत मिलने की संभावना है।

पहले दिन जिन बैंक लॉकरों को चिन्हित किया गया, उनमें से कुछ को गुरुवार को ही खोला गया। इनमें जमीन-जायदाद से जुड़े कागजात, डील एग्रीमेंट, निवेश से संबंधित रिकॉर्ड और अचल संपत्ति की जानकारी सामने आई है। वैल्यूएशन टीम इन दस्तावेजों का मूल्यांकन कर रही है और आगामी चरण में इन्हें विभागीय रिकॉर्ड से मिलाया जाएगा।
इसके अलावा कई स्थानों से नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान भी बरामद हुए हैं। आयकर विभाग इन सामानों की गणना, लिस्टिंग और दस्तावेजीकरण टैक्स कानूनों के अनुसार कर रहा है। अधिकारियों के अनुसार आगे की जांच में इन सभी वस्तुओं की वैधता, स्रोत और टैक्स कंप्लायंस को विस्तार से परखा जाएगा।
सूत्र बताते हैं कि यह पूरी कार्रवाई कई महीनों से चल रही वित्तीय मॉनिटरिंग का परिणाम है। भारत की वित्तीय खुफिया इकाई FIU-IND ने कुछ ऐसे लेनदेन पैटर्न चिन्हित किए थे जो घोषित आय से मेल नहीं खाते थे। इन्हीं इनपुट्स के आधार पर अन्वेषण शाखा ने आंतरिक डेटा–विश्लेषण शुरू किया जो अंततः गुरुवार की इस बड़ी कार्रवाई तक पहुंचा।
अधिकारियों के अनुसार जिस मात्रा में दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और अन्य सामग्री अब तक मिली है, उसे देखते हुए सर्च ऑपरेशन अगले 48 घंटों तक जारी रहने की संभावना है। सभी बरामद सामग्री का सुरक्षित सीलिंग, प्रारंभिक परीक्षण और तकनीकी मूल्यांकन पूरा होने के बाद ही जांच की वास्तविक दिशा स्पष्ट होगी।
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