
रतनपुर (छत्तीसगढ़), -अयोध्या के प्रसिद्ध संत एवं मानस रत्न संत अशोक दास महाराज इन दिनों भारत के प्रमुख देवी शक्ति पीठों के दर्शन हेतु एक विशेष आध्यात्मिक यात्रा पर निकले हुए हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को उन्होंने छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक तीर्थ रतनपुर में श्री महामाया देवी मंदिर और भैरव बाबा मंदिर में दर्शन और पूजन किया।

🔱 महंत द्वारा सम्मान, श्रद्धा का माहौल
रतनपुर आगमन पर भैरव बाबा मंदिर के महंत संत जागेश्वर अवस्थी ने संत अशोक दास महाराज का शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया। मंदिर परिसर में इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और वातावरण में भक्ति की गूंज सुनाई दी।

📿 संत अशोक दास महाराज ने बताया रतनपुर का आध्यात्मिक महत्व
दर्शन के पश्चात संत अशोक दास महाराज ने स्वयं रतनपुर की धार्मिक मान्यता और ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा,
“रतनपुर केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे भारतवर्ष का एक दिव्य शक्तिपीठ है। यहां विराजित माँ महामाया, जागृत देवी हैं, और यह भूमि शक्ति साधना का ऐतिहासिक केंद्र रही है।”
संत ने यह भी बताया कि रतनपुर प्राचीन काल में छत्तीसगढ़ की राजधानी रहा है, और यहाँ का ऐतिहासिक महत्व अद्वितीय है।

🌍 10 दिवसीय भारत भ्रमण में शक्ति पीठों का दर्शन
संत अशोक दास महाराज ने बताया कि वे 10 दिन में भारत के विभिन्न प्रमुख शक्ति पीठों में देवी दर्शन कर रहे हैं। रतनपुर के बाद वे हिमाचल प्रदेश रवाना होंगे, जहाँ वे माँ नैना देवी और माँ ज्वाला देवी के दर्शन करेंगे।
🙏 मंदिर ट्रस्ट के
ट्रस्टी और श्रद्धालु रहे शामिल

इस अवसर पर महामाया मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी सतीश शर्मा, रेलवे परिवार के हरिओम दुबे,
शिव ओम दूबे, अरविंद शुक्ला,
और स्थानीय श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। मंदिर में पूजा, आरती और भजन का आयोजन हुआ, जिसने समूचे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
संत अशोक दास महाराज की यह यात्रा केवल एक धार्मिक भ्रमण नहीं, बल्कि शक्ति उपासना, सनातन संस्कृति और आस्था के प्रचार-प्रसार का एक प्रेरणादायक अभियान है। रतनपुर जैसे ऐतिहासिक तीर्थ में उनके आगमन ने एक बार फिर इस नगरी की गरिमा को राष्ट्रीय पटल पर प्रतिष्ठित कर दिया है।
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