मनसा देवी मंदिर में भगदड़ से मातम, 7 श्रद्धालुओं की मौत, 28 घायल

करंट की अफवाह से टूटा संतुलन, प्रशासन अलर्ट पर
हरिद्वार|न्यायधानी प्रतिनिधि हरिद्वार के प्रतिष्ठित मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह दर्दनाक भगदड़ मच गई, जिसमें 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई जबकि 28 से अधिक लोग घायल हो गए। हादसे के बाद मंदिर परिसर में अफरा–तफरी का माहौल बन गया। पुलिस, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य में जुट गईं। हादसा मंदिर के मुख्य सीढ़ी मार्ग पर हुआ, जहां रविवार होने के कारण भारी भीड़ एकत्र थी।
हादसे की वजह: करंट की अफवाह या शॉर्ट सर्किट?
गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने समाचार एजेंसी ANI को बताया कि मंदिर में भारी भीड़ के बीच अचानक भगदड़ मच गई। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, मुख्य मार्ग पर करंट फैलने की अफवाह से भगदड़ की स्थिति बनी। हालांकि मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि मंदिर मार्ग पर लगे एक खंभे में शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे श्रद्धालुओं में यह डर फैल गया कि खंभे में करंट है, और लोग जान बचाकर भागने लगे। इसी अफरातफरी में कई लोग सीढ़ियों से गिर पड़े, एक–दूसरे पर चढ़ गए, और दर्दनाक हादसा हो गया।
सुबह 9 बजे कंट्रोल रूम को मिली सूचना
हरिद्वार के एसपी प्रमोद सिंह ने बताया कि सुबह करीब 9 बजे कंट्रोल रूम को भगदड़ की सूचना मिली। पुलिस टीमें तत्काल मौके पर पहुंचीं और घायलों को निकटवर्ती अस्पतालों में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा कि लगभग 35 घायलों को अस्पताल लाया गया, जिनमें से 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी, जबकि एक घायल ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। 29 अन्य घायलों का उपचार चल रहा है, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।
चश्मदीदों की गवाही और प्रशासन की सफाई
घटनास्थल पर मौजूद एक चश्मदीद ने बताया कि मंदिर मार्ग के पास बिजली के खंभे से चिंगारी निकली, जिससे अफवाह फैली कि वहां करंट है। श्रद्धालु बुरी तरह घबरा गए और बिना दिशा के दौड़ने लगे, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। हालांकि प्रशासन का कहना है कि हादसे की वास्तविक वजह का पता लगाने के लिए मौके की तकनीकी जांच कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने जताया शोक, किया मुआवजे का ऐलान
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक जताते हुए कहा:
“हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर मार्ग में भगदड़ मचने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है। UKSDRF, स्थानीय पुलिस तथा अन्य बचाव दल मौके पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हैं। मैं लगातार प्रशासन के संपर्क में हूं और स्थिति पर निगरानी बनाए हुए हूं। माता रानी से सभी श्रद्धालुओं के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।”
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को ₹2-2 लाख और घायलों को ₹50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
राहत कार्य जारी, स्थिति नियंत्रण में
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने कहा कि वे स्वयं घटनास्थल पर रवाना हो गए हैं, और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। स्थानीय पुलिस ने बताया कि फिलहाल मंदिर परिसर में स्थिति सामान्य हो चुकी है और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि दोबारा कोई अफरा–तफरी न फैले।
रविवार और सावन की भीड़ बनी चुनौती
रविवार होने के साथ–साथ सावन माह के चलते मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी थी। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि अचानक आई इस भीड़ और अफवाह ने स्थिति को अनियंत्रित बना दिया। हादसे के बाद मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों में भगदड़ और चीख–पुकार का दृश्य बन गया था।
जांच के आदेश, CCTV फुटेज की होगी समीक्षा
प्रशासन ने हादसे के बाद जांच के आदेश दे दिए हैं। मंदिर मार्ग और परिसर में लगे CCTV कैमरों की फुटेज को खंगाला जा रहा है ताकि हादसे की वास्तविक वजह और जिम्मेदारों का पता लगाया जा सके।
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