Mungeli News: अंधविश्वास और अमीरी के लालच में मासूम की बलि, रिश्तेदारों ने ही रची तंत्र हत्या की साजिश — पांच आरोपी गिरफ्तार

Mungeli News: छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में अंधविश्वास और तंत्र–मंत्र की भयानक पराकाष्ठा सामने आई है, जहां परिवार के ही लोगों ने सात साल की मासूम बच्ची को काले जादू की पूजा में बलि चढ़ा दिया। बच्ची का गुनाह सिर्फ इतना था कि वह ऐसे घर में पैदा हुई, जहां कुछ लोग अमीर बनने के लिए तंत्र की राह पकड़ चुके थे। पुलिस ने गहन जांच के बाद इस जघन्य अपराध का पर्दाफाश किया है और पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
Mungeli News: मुंगेली“धन की तंगी और जल्दी अमीर बनने का ख्वाब… और उस ख्वाब की कीमत बनी एक सात साल की बच्ची की जिंदगी।”
यह कोई कहानी नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के कोसाबाड़ी गांव की वह खौफनाक सच्चाई है जिसने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। सात साल की मासूम महेश्वरी उर्फ लाली की हत्या झाड़फूंक और तांत्रिक अनुष्ठान ‘झरन पूजा’ के तहत की गई।
आश्चर्यजनक बात यह है कि इस नृशंस हत्याकांड को अंजाम देने वाले कोई बाहरी नहीं, बल्कि बच्ची के अपने ही रिश्तेदार निकले। पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज डॉ. संजीव शुक्ला और मुंगेली एसपी भोजराम पटेल के निर्देशन में गठित विशेष टीम ने मामले का खुलासा करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
वहीं12 अप्रैल की रात से शुरू हुई थी यह भयावह कहानी
कोसाबाड़ी निवासी पुष्पा गोस्वामी ने 12 अप्रैल 2025 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी सात वर्षीय बेटी लाली रात में घर में सोते समय लापता हो गई है। परिजनों और गांववालों की मदद से काफी खोजबीन की गई, लेकिन बच्ची का कोई पता नहीं चला।
6 मई को खेत में मिली खोपड़ी और अस्थियां, डीएनए रिपोर्ट से हुई पहचान
लगभग तीन हफ्ते बाद, 6 मई को गांव के ही एक खेत में मानव खोपड़ी और कुछ अस्थियां मिलने की सूचना मिली। तत्काल पुलिस ने अवशेषों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा।
डीएनए परीक्षण रिपोर्ट में पुष्टि हो गई कि ये अवशेष लापता बच्ची लाली उर्फ महेश्वरी के ही थे। यहीं से जांच ने नया मोड़ लिया।

पुलिस को लाली के परिजनों पर ही हुआ शक, झरन पूजा के नाम पर रची गई थी बलि की साजिश
जांच के दौरान पुलिस को शक लाली के करीबी रिश्तेदारों पर ही गया। कॉल डिटेल, लोकेशन, व्यवहार और पूछताछ में उसकी बुआ ऋतु गोस्वामी, चाचा चिम्मन गिरी और उनके सहयोगियों की भूमिका संदिग्ध लगी।
बाद में खुलासा हुआ कि सभी ने ‘झरन पूजा’ नामक एक तांत्रिक अनुष्ठान के तहत बच्ची की बलि दी थी, ताकि वे रातों–रात अमीर बन सकें।
अंधविश्वास और कर्ज से दबे रिश्तेदारों ने ली मासूम की जान
मुख्य आरोपी ऋतु गोस्वामी पर पहले से ही लोन धोखाधड़ी का केस दर्ज है। पुलिस जांच में सामने आया कि वह भारी कर्ज के दबाव में थी और धन पाने के लिए झाड़फूंक की राह पर उतर चुकी थी।
उसने ‘झरन पूजा’ की सलाह अपने भाई चिम्मन गिरी और अन्य सहयोगियों को दी, और अंततः मासूम लाली को चुना गया ‘बलि’ के लिए।
हत्या की रात: घर से उठाया, पूजा कर हत्या की, फिर शव खेत में दफना दिया
पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि 12 अप्रैल की रात उन्होंने लाली को चुपचाप बिस्तर से उठाया।
उसे खेत में ले जाया गया, वहां काले कपड़े पहनाए गए, ‘झरन पूजा’ की रस्में कराई गईं और फिर उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी गई।
शव को उसी खेत में दफना दिया गया, जहां बाद में उसकी अस्थियां बरामद हुईं।
ब्रेन मैपिंग, नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट से खुला राज
साक्ष्यों को पुख्ता करने के लिए पुलिस ने सभी पांच आरोपियों का ब्रेन मैपिंग, नार्को एनालिसिस और पॉलीग्राफ टेस्ट कराया।
इन वैज्ञानिक जांचों में उन्होंने जुर्म कबूल किया और तांत्रिक विधि के तहत की गई बलि की पूरी साजिश उजागर हो गई।
गिरफ्तार आरोपी — सब एक ही गांव के निवासी
मामले में गिरफ्तार पांच आरोपी निम्नलिखित हैं:
1. ऋतु गोस्वामी – बच्ची की बुआ, मुख्य साजिशकर्ता
2. चिम्मन गिरी – बच्ची का चाचा
3. नरेन्द्र मार्को – गांव का सहयोगी
4. आकाश मरावी – तंत्र क्रिया में सहायक
5. रामरतन निषाद – खेत की पहचान और दफन में मददगार
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 302 (हत्या), 364 (अपहरण), 201 (सबूत मिटाना), 120B (षड्यंत्र) के तहत अपराध दर्ज कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
पुलिस टीम का संयुक्त अभियान लाया परिणाम
इस पूरे मामले की गहराई से जांच लोरमी थाना पुलिस, साइबर सेल, और विशेष अनुसंधान दल ने मिलकर की।
बिलासपुर रेंज के आईजी डॉ. संजीव शुक्ला (भा.पु.से.) और मुंगेली एसपी भोजराम पटेल (भा.पु.से.) के निर्देशन में टीम ने तकनीकी और वैज्ञानिक विधियों का सहारा लेकर मामले को सुलझाया।
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