February 17, 2025 |
b46611bd-0f7d-494c-a2bd-5c99742d327a
b46611bd-0f7d-494c-a2bd-5c99742d327a

BREAKING NEWS

छात्रावास समस्याओं को लेकर आयुक्त आदिम जाति विभाग को आदिवासी युवा छात्र संगठन बस्तर ने की मुलाक़ातग्राम पंचायत कोनचरा के सरपंच प्रत्याशी गीतांजली बलभद्र सिंह कर रहे हैं धुआंधार प्रचारधर्म विरोधी ताकतों को जनता ने नकारा भाजपा की ट्रिपल इंजन सरकार को दिया समर्थन – प्रबल प्रताप सिंह जूदेवधर्म विरोधी ताकतों को जनता ने नकारा, भाजपा की ट्रिपल इंजन सरकार को दिया समर्थन – प्रबल प्रताप सिंह जूदेवधर्म विरोधी ताकतों को जनता ने नकारा, भाजपा की ट्रिपल इंजन सरकार को दिया समर्थन – प्रबल प्रताप सिंह जूदेवरतनपुर पालिका अध्यक्ष पद पर लवकुश कश्यप की ऐतिहासिक जीत, 1112 वोटों से मिले विजयीछत्तीसगढ़: 2 नगर निगम में बीजेपी की जीत, चिरमिरी में विनय जायसवाल 4000 वोट से हारे; अंबिकापुर में मंजूषा भगत 5000 वोट से जीतीं; कोरबा में बीजेपी प्रत्याशी संजू देवी 22 हजार वोटों से आगेCG Nikay Chunav 2025 : सिमगा नगर पालिका में निर्दलीय प्रत्याशी की जीत, बीजापुर में वार्डों में बीजेपी को सफलता, 9 नगर निगम में भाजपा आगे, अंबिकापुर में कांग्रेस को बढ़तCG NEWS : चुनाव ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर दो शिक्षक निलंबित, चुनाव प्रशिक्षण में गैरहाजिर 118 अधिकारी-कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारीBig BREAKING:महाकुंभ जा रहे छत्तीसगढ़ के 10 श्रद्धालुओं की मौत:19 घायल, प्रयागराज में बस से टकराई बोलेरो, सभी कोरबा के रहने वाले
IMG-20241027-WA0039
IMG-20241027-WA0039

पालिका प्रशासन और ठेकेदार ने कर दी बत्ती गुल, स्ट्रीट लाइट लगाने में भारी भ्रष्टाचार, दोषियों तक नहीं पहुँची जाँच की आँच

अपनी भाषा में ख़बरें पढ़े

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

इस घोटाले में सभी लोग बराबर के भागीदार रहे तभी तो लाइट जलने से पहले ही अंधेरा छा गया।

बिलासपुर। रतनपुर नगर पालिका इलाक़े में स्ट्रीट लाइट लगाने का ठेका अकलतरा के एक ठेकेदार पालीवाल को दिया गया। उसके बाद ठेकेदार ने ऐसा भ्रष्टाचार का खेल खेला कि मेन रोड की बत्ती ही गुल हो गई। असल में रतनपुर की सड़कों पर लगे स्ट्रीट लाइट बंद है, खंडोबा मंदिर हाई स्कूल तक क़रीब साढ़े तीन करोड़ों रुपये की लागत से रतनपुर की सड़कों को जगमगाने का प्रयास किया गया।

मगर बड़ी रक़म खर्च के बाद भी ढाक के तीन पात हो गया। शनिचरी चौक से लेकर केरापार तक स्ट्रीट लाइट बंद है।

जानकारी के मुताबिक़ स्ट्रीट लाइट लगाने से पहले ही भ्रष्टाचार का खुलासा हो गया था। मगर अफ़सरों ने सिर्फ़ जाँच का आश्वासन देकर ठेकेदार को भुगतान कर दिया। आलम यह है कि रात होते ही भ्रष्टाचार की बत्ती गुल हो जाती है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि आख़िर जनता के पैसों की बंदरबाँट में शामिल ठेकेदार और अफ़सरों को कौन बचा रहा है।

कोटा विधायक ने भी इसकी जाँच कराई। एसडीएम की अगुवाई में जाँच पूरी की गई। मगर जाँच रिपोर्ट का खुलासा ही नहीं हुआ। अब रतनपुर नगर पालिका के अध्यक्ष घनश्याम रात्रे भ्रष्टाचार के आरोपों को सिरे से ख़ारिज कर रहें हैं। उनका दावा है कि कहीं कोई भ्रष्टाचार नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि ट्रांसफ़ॉर्मर पर अधिक दबाव होने से अस्थाई रूप से स्ट्रीट लाइट चालू है। जल्दी ही स्थाई ट्रांसफ़ॉर्मर लगाकर अंधेरा दूर किया जायेगा। लेकिन अध्यक्ष के बात से उलट कांग्रेसी विधायक अटल श्रीवास्तव और पार्षद ने ठेकेदार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया था। तो जाँच करवानी पड़ी है।

कोटा के तत्कालीन एसडीएम ने बताया कि पीडब्ल्यूडी और बिजली विभाग की टीम ने जाँच की थी। जाँच में कुछ ख़ामियाँ पाई गई जिसे ठेकेदार को ठीक करने कहा गया था। नगर पालिका सीएमओ खेल पटेल ने मामले को एक बार फिर से दिखवाने की बात कहीं है।

दूसरी ओर बीजेपी के पार्षद हकीम मोहम्मद ने आरोप लगाया था कि ठेकेदार स्ट्रीट लाइट लगाने में अनियमितता कर रहा है। इससे आने वाले समय में स्ट्रीट लाइट का पोल सड़क पर सड़कर गिर सकता है। उन्होंने ने तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी यानी CMO को शिकायत भी दी थी और ठेकेदार पर कड़ी कार्रवाई करने की माँग की लेकिन अफ़सरों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी। भाजपा के जागरूक पार्षद की आशंका सही साबित हुई। लाइट तो लग चुकी लेकिन कभी जली ही नहीं। हालाँकि अध्यक्ष और अफ़सरों के दावे अलग हैं।

सरकारी संपत्ति को बाप का माल समझ कर हज़म कर देने वालों को इस बात का भी भय नहीं रहा कि रात का अंधेरा मिटाने के लिए स्ट्रीट लाइट लगाया गया है। जो कभी जला ही नहीं और ठेकेदार को उसका भुगतान कर दिया गया। उधर पालिका अध्यक्ष ठेकेदार को पूर्ण भुगतान की बात से इंकार कर रहें हैं । उन्होंने कहा कि ठेकेदार का भुगतान बाक़ी है। गड़बड़ी मिली तो जीडीआर ज़ब्त करने की कार्रवाई होगी।

ज़ाहिर सी बात है कि इस घोटाले में सभी लोग बराबर के भागीदार रहे तभी तो लाइट जलने से पहले ही अंधेरा छा गया।

अब बात अफ़सरों और ठेकेदार की मिलीभगत की करें तो यह कोई पहला मामला नहीं है जब सरकारी पैसे को विकास के नाम पर पचा लिया गया। सुशासन की सरकार और उसके मंत्रियों के बड़े बड़े दावों की कलई रात होते ही खुल जाती है। नागरिकों में चर्चा है कि सरकार कांग्रेस की हो या भाजपा की लुटेरों और भ्रष्टाचारियों को लाभ ही होता है।

सत्ताधारी पार्टी के पार्षद की आवाज़ अनसुनी

बड़ा सवाल है कि बीजेपी पार्षद हकीम की शिकायत पर आख़िर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। और यदि भ्रष्टाचार हुआ नहीं तो फिर स्ट्रीट लाइट की बत्ती गुल क्यों है। बहाने बाज़ी कर दोषी ठेकेदार को बचाने वाले अधिकारियों के पास अगर मगर का ऐसा जाल है कि बेशर्मों को भी शर्म जाए। मगर इन सफ़ेदपोश नेताओं और अफ़सरों को इस बात से फ़र्क़ नहीं पड़ता कि जनता की गाढ़ी कमाई भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई।

स्थानीय पार्षद और कांग्रेसी नेता रमेश सूर्या ने कहा कि साढ़े तीन करोड़ रुपये में भारी भ्रष्टाचार किया गया। नियमों की अनदेखी की गई। फ़ाउंडेशन है ही नहीं ऊपर से घटिया लाइट लगाई गई है। जाँच में पारदर्शिता होनी चाहिए। उन्होंने आशंका जताई कि ठेकेदार को बचाने के लिए जाँच के नाम पर ख़ानापूर्ति कर दी गई।

ख़ैर सूत्रों कहना है कि उच्च स्तरीय जाँच हो जाये तो ठेकेदार के साथ ही अफ़सरों को भी जेल की हवा खानी पड़ सकती है। हालाँकि अधिकारियों और ठेकेदार के बीच साँठगाँठ को देख ऐसा लगता तो नहीं है।

निकाय चुनाव नज़दीक है और चुनाव होते ही यह मामला पिछले कार्यकाल का बताकर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। शायद यही कारण है कि अधिकारी और उसके ठेकेदार ख़ानापूर्ति करके भी चैन की सांस ले पा रहे हैं।

Nyay Dhani
b46611bd-0f7d-494c-a2bd-5c99742d327a
b46611bd-0f7d-494c-a2bd-5c99742d327a