बुलडोजर से बचाने गणेश प्रतिमा की आड़: कब्जाधारी को मिली दस दिन की मोहलत, प्रशासन ने दी चेतावनी

अवैध कब्जाधारी अब धर्म की आड़ लेकर कानून को चुनौती देने लगे हैं। शासकीय जमीन पर बने अधूरे मकान को तोड़ने जब प्रशासन जेसीबी लेकर पहुँचा, तो कब्जाधारी ने तुरंत गणेश प्रतिमा स्थापित कर दी। आस्था के नाम पर मिली मोहलत से वह फिलहाल बच निकला, लेकिन प्रशासन ने साफ कर दिया है कि विसर्जन के बाद कब्जा हर हाल में हटाया जाएगा।
जांजगीर-चांपा। शासकीय जमीन पर बढ़ते अतिक्रमण अब प्रशासन के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं। ताजा मामला बम्हनीडीह नगर पंचायत के भदरी पाली गोठान का है, जहाँ कब्जाधारी ने बेदखली की कार्रवाई रोकने के लिए अनोखा पैंतरा अपनाया। जेसीबी लेकर पहुँची तहसीलदार और पुलिस टीम के सामने उसने अधूरे मकान में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर दी। धार्मिक आस्था के चलते तत्कालीन कार्रवाई रुक गई और कब्जाधारी को गणेश विसर्जन तक का समय मिल गया।
महिलाओं को आगे कर रोका प्रशासन
शुक्रवार को जैसे ही तहसीलदार और पुलिस टीम शासकीय भूमि खाली कराने पहुँची, कब्जाधारी ने सबसे पहले घर की महिलाओं को आगे कर विरोध किया। प्रशासन जेसीबी चलाने ही वाला था कि कब्जाधारी ने अधूरे मकान में गणेश प्रतिमा स्थापित कर दी। माहौल धार्मिक होते ही टीम ने कार्रवाई रोक दी।
एसडीएम का बयान – विसर्जन के बाद कार्रवाई तय
चांपा एसडीएम पवन कोसमा
ने बताया कि कब्जाधारी को पहले ही अंतिम नोटिस जारी किया जा चुका था। “जब टीम बेदखली के लिए पहुँची तो कब्जाधारी ने गणेश प्रतिमा स्थापित कर दी। धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए उसे विसर्जन तक का समय दिया गया है। लेकिन उसके बाद शासकीय भूमि से बेदखल कर दिया जाएगा और अधूरा मकान जेसीबी से तोड़ दिया जाएगा,” उन्होंने कहा।
धर्म की आड़ में कब्जे की साजिश
यह मामला प्रशासन के लिए नई चुनौती है। अब कब्जाधारी आस्था का सहारा लेकर अवैध कब्जा बचाने की कोशिश कर रहे हैं। जानकार मानते हैं कि अगर समय रहते इस प्रवृत्ति पर सख्ती नहीं की गई तो अन्य लोग भी धार्मिक ढाल बनाकर सरकारी जमीनें हड़पने का रास्ता अपनाएंगे।
स्थानीय लोगों ने भी इस तरह के हथकंडों पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि सरकारी जमीनें सार्वजनिक हित में उपयोग के लिए होती हैं, लेकिन कुछ लोग इसे निजी संपत्ति समझकर हड़पने पर आमादा हैं। अब धर्म का सहारा लेकर कब्जा बचाने की कोशिश हो रही है, जो न केवल कानून का मजाक है बल्कि आस्था का भी अपमान है।
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