छत्तीसगढ़

नई शिक्षा नीति : अब आईआईटी कराएगा बीए-बीएससी बीएड की पढ़ाई

दुर्ग । आईआईटी भिलाई भी अब छात्रों को बीए-बीएड और बीएससी बीएड की पढ़ाई कराएगा। इसके लिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजूकेशन को प्रस्ताव भेजा गया है।

 

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प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद आईआईटी भिलाई में इसका अध्यापन प्रारंभ हो जाएगा। आईआईटी भिलाई प्रदेश का पहला राष्ट्रीय संस्थान होगा, जो इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के साथ ही शिक्षा संबंधित पाठ्यक्रमों का संचालन करेगा।

 

 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत सभी तरह के शैक्षणिक संस्थानों को बहुविषयक विकल्प छात्रों को प्रदान करने कहा गया है। इसके तहत ही आईआईटी भिलाई अब विद्यार्थियों को बीटेक और एमटेक के अलावा बीए-बीएड और बीएससी-बीएड जैसे पाठ्यक्रम भी ऑफर करने जा रहा है। देशभर में संचालित होने वाले शिक्षा संबंधित पाठ्यक्रम बीएड, डीएलएड, बीए-बीएड तथा बीएससी-बीएड के लिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजूकेशन द्वारा मान्यता प्रदान की जाती है।

 

 

सीट संख्या निर्धारण सहित अन्य प्रक्रिया भी एनसीटीई द्वारा निरीक्षण उपरांत प्रदान की जाती है। अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, वर्तमान परिस्थितियों के मुताबिक आईआईटी भिलाई को नवीन शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के पूर्व मान्यता प्राप्त होने की संभावना है।

 

बीएड पाठ्यक्रम की जगह लेगा बीए-बीएससी बीएड

 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत बीएड पाठ्यक्रम को समाप्त करने की तैयारी है। इसकी जगह बीए-बीएड और बीएससी- बीएड की पढ़ाई कराई जाएगी। बीएड में किसी भी विषय में स्नातक की पढ़ाई पूर्ण करने वाले विद्यार्थी दाखिला ले सकते थे, लेकिन बीए-बीएड और बीएससी-बीएड में बारहवीं के बाद ही छात्र प्रवेश ले पाएंगे।

 

यह चार वर्षीय इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम होगा, जिसमें विद्यार्थियों की बीए- बीएससी के साथ ही बीएड का भी अध्यापन कराया जाएगा। आईआईटी भिलाई अपने यहां नवीन पाठ्यक्रम को ही प्रारंभ करने की तैयारी कर रहा है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के अन्य शैक्षणिक संस्थान जहां वर्तमान में बीएड पाठ्यक्रम संचालित हैं, वहां भी बीए-बीएड और बीएससी-बीएड की पढ़ाई कराई जाएगी। अर्थात कोर्स को अपग्रेड किया जाएगा।

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अन्य संस्थान भी कर रहे प्रयोग

 

ना सिर्फ आईआईटी भिलाई बल्कि अन्य शैक्षणिक संस्थान पर भी छात्रों को परंपरागत पाठ्यक्रम के साथ ही अन्य विषयों का विकल्प दे रहे हैं। हालांकि उनके द्वारा छात्रों को केवल कुछ विषय ही ऑप्शन के रूप में उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जबकि आईआईटी भिलाई पूर्ण रूप से पृथक पाठ्यक्रम ही अपने संस्थान में प्रारंभ करने जा रहा है। सीट निर्धारण के बाद संबंधित फैकल्टी की भी नियुक्ति संस्थान द्वारा कराई जाएगी। प्रदेश में संचालित शिक्षा संबंधित पाठ्यक्रमों में काउंसिलिंग व प्रवेश प्रक्रिया राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद द्वारा पूर्ण की जाती है, जिसे अब उच्च शिक्षा विभाग को सौंपा जा रहा है। आईआईटी भिलाई में संचालित शिक्षा पाठ्यक्रमों में काउंसिलिंग प्रक्रिया आईआईटी भिलाई द्वारा ही कराए जाने की संभावना है। हालांकि सभी चीजों को अंतिम स्वरूप प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद ही दिया जाएगा।

 

 

 

प्रस्ताव भेजा है

 

 

 

भिलाई के जनसंपर्क अधिकारी रत्नदीप सामंथा ने बताया कि, बीए-बीएड और बीएससी-बीएड पाठ्‌यक्रम प्रारंभ करने के लिए एनसीटीई को प्रस्ताव भेजा गया है। विस्तृत जानकारी प्रस्ताव का जवाब आने के बाद ही साझा कर सकेंगे।

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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