अब अकेले नहीं हैं बुजुर्ग”— रतनपुर में सियान चेतना अभियान ने दिया सुरक्षा और सम्मान का भरोसा

रतनपुर/बिलासपुर।
बुजुर्गों की सुरक्षा, सम्मान और संवाद को प्राथमिकता देने बिलासपुर पुलिस द्वारा शुरू किए गए सियान चेतना अभियान का सातवां चरण रतनपुर के भीम चौक स्थित आत्मानंद कन्या विद्यालय में आयोजित किया गया। इस आयोजन में जेष्ठ नागरिक संघ के सहयोग से दर्जनों वरिष्ठ नागरिकों का सार्वजनिक रूप से सम्मान किया गया।
यह जनजागरूकता अभियान बिलासपुर एसएसपी रजनेश सिंह के नेतृत्व और निर्देशन में जिलेभर में संचालित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य समाज में बुजुर्गों के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाना और उन्हें अकेलेपन व उत्पीड़न से बाहर निकालकर संरक्षित माहौल देना है।

रतनपुर।बिलासपुर जिले में एसएसपी रजनेश सिंह के नेतृत्व में चलाए जा रहे सियान चेतना अभियान के सातवें चरण में रतनपुर में आत्मानंद कन्या शाला, भीम चौक में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जेष्ठ नागरिक संघ के सहयोग से बुजुर्गों का सम्मान किया गया और उनकी सुरक्षा एवं गरिमा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण पहल की गई।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित एएसपी अर्चना झा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “हमारे बुजुर्गों ने अपना पूरा जीवन परिवार को संवारने, बच्चों को बेहतर भविष्य देने और समाज को दिशा देने में समर्पित कर दिया। आज जब उन्हें सहारे, सम्मान और सुरक्षा की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है, तब कई बार वही बुजुर्ग उपेक्षा, अकेलेपन और उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। यह बेहद चिंताजनक और समाज के लिए आत्ममंथन का विषय है।
पुलिस विभाग ने इसी सामाजिक विडंबना को समझते हुए सियान चेतना अभियान की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य न सिर्फ बुजुर्गों को सम्मान देना है, बल्कि उनके अधिकारों की रक्षा, सुरक्षा और संवाद सुनिश्चित करना भी है।
अब हम – यानी पुलिस – उनके साथ नियमित संपर्क में रहेंगे। उनकी बात सुनेंगे, समस्याओं को प्राथमिकता देंगे, और जरूरत पड़ने पर तत्काल मदद पहुंचाएंगे। यह सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि हमारी सामाजिक और मानवीय ज़िम्मेदारी है।
‘सियान चेतना अभियान’ केवल पुलिस का कार्यक्रम नहीं, बल्कि पूरे समाज की सहभागिता का आह्वान है।”
विशिष्ट अतिथि चंद्रप्रकाश देवरस छत्तीसगढ़ वरिष्ठ नागरिक कांफ्रेडरेशन प्रदेश अध्यक्ष ने कहा –
“हमारे बुजुर्ग समाज की नींव और सांस्कृतिक धरोहर हैं। उन्होंने जीवनभर परिवार, समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए अपनी मेहनत, अनुभव और मूल्य दिए हैं। लेकिन आज यह एक कटु सत्य है कि कई बार वही बुजुर्ग उपेक्षा और उत्पीड़न का शिकार हो जाते हैं। ऐसे समय में ‘सियान चेतना अभियान’ जैसी पहल न केवल सराहनीय है, बल्कि यह समाज में संवेदनशीलता और कर्तव्यबोध को पुनर्जीवित करने का माध्यम है।
बिलासपुर पुलिस द्वारा एसएसपी रजनेश सिंह के मार्गदर्शन में इस अभियान को जिस गंभीरता और समर्पण के साथ चलाया जा रहा है, वह एक अनुकरणीय उदाहरण है। यह देखकर हृदय को संतोष होता है कि पुलिस अब केवल कानून–व्यवस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारियों को भी अपना रही है।
हमारा संगठन – छत्तीसगढ़ वरिष्ठ नागरिक कांफ्रेडरेशन – हमेशा से इस विचार का समर्थन करता है कि समाज और युवा पीढ़ी को बुजुर्गों से संवाद, सहयोग और सम्मान का रिश्ता मजबूत करना चाहिए। इस तरह के कार्यक्रम न केवल बुजुर्गों को आत्मीयता का एहसास दिलाते हैं, बल्कि युवाओं को भी प्रेरित करते हैं कि वे अपने परिवार और समुदाय में वरिष्ठ नागरिकों की अहम भूमिका को समझें।
मैं चाहता हूं कि यह अभियान केवल बिलासपुर तक सीमित न रहे, बल्कि प्रदेश के हर जिले और गांव तक पहुंचे। पुलिस और समाज की संयुक्त भागीदारी से यह एक जनआंदोलन बन सकता है, जो आने वाले समय में बुजुर्गों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा।”
विशिष्ट अतिथि – नगरपालिका अध्यक्ष लवकुश कश्यप ने कहा
“बुजुर्ग सिर्फ परिवार नहीं, पूरे समाज की विरासत होते हैं। सियान चेतना अभियान जैसे प्रयास उन्हें वह सम्मान और सुरक्षा दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं, जिसके वे वास्तविक हकदार हैं। नगरपालिका के स्तर पर भी हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे नगर के वरिष्ठ नागरिकों को हर सुविधा और सहयोग मिले।”
उन्होंने आगे कहा:
“बिलासपुर पुलिस द्वारा चलाया जा रहा सियान चेतना अभियान न सिर्फ एक जागरूकता कार्यक्रम है, बल्कि यह एक भावनात्मक और सामाजिक पहल है, जो बुजुर्गों के आत्मसम्मान को पुनर्स्थापित करने का काम कर रही है। पुलिस की यह मानवीय सोच सराहनीय है।”
कार्यक्रम में अरविंद दीक्षित (वरिष्ठ नागरिक कांफ्रेडरेशन, बिलासपुर जिला अध्यक्ष ), देवेंद्र शर्मा (सचिव), आर.एस. शर्मा (वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता), किशन लाल तम्बोली (अध्यक्ष, रतनपुर जेष्ठ नागरिक संघ) रतनपुर थाना प्रभारी नरेश चोहान सहित आस पास के बुजुर्ग व जनप्रतिनिधियों
की उपस्थिति से गरिमा आयोजन को सम्पन हुआ।
सभी ने अभियान की सराहना करते हुए इसे समाज में बुजुर्गों की भूमिका को पुनर्स्थापित करने वाली पहल बताया।
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