नक्सलियों से मुठभेड़ में प्रधान आरक्षक हुआ शहीद, वीरता के चलते मिला था आउट ऑफ टर्न प्रमोशन

नारायणपुर जिले में नक्सलियों से लोहा लेते हुए डीआरजी के प्रधान आरक्षक शहीद हो गए।
Naraynpur नारायणपुर। नक्सल विरोधी अभियान के तहत चलाए जा रहे हैं सर्च अभियान में नक्सलियों से हुए मुठभेड़ में डीआरजी के प्रधान आरक्षक शहीद हो गए हैं। प्रधान आरक्षक को पूर्व में वीरता के चलते आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिला था। नक्सल विरोधी गश्त एवं सर्च अभियान अभी भी जारी है।
नक्सल विरोधी सर्च अभियान के तहत 3 दिसंबर को जिला नारायणपुर से डीआरजी और बीएसएफ की संयुक्त पार्टी अबूझमाड़ क्षेत्र के पुलिस स्टेशन सोनपुर और कोहकामेटा के सीमावर्ती क्षेत्रों में रवाना हुई थी। यहां नक्सलियों की बड़ी संख्या में मौजूदगी की सूचना पर सुरक्षा बल सर्चिंग के लिए गए थे। आज दोपहर 1:00 बजे सुरक्षा बलों की ज्वाइंट टीम और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई। जवानों और नक्सलियों के बीच रुक-रुक कर कई बार फायरिंग हुई।
इस एनकाउंटर में नक्सलियों से लोहा लेते डीआरजी नारायणपुर के प्रधान आरक्षक व बिरेंद्र कुमार सोरी के सर में गंभीर चोट लगी। चोट के चलते प्रधान आरक्षक मौके पर ही शहीद हो गए।
शहीद जवान बिरेंद्र कुमार सोरी (36) कांकेर जिले के नरहरपुर के रहने वाले थे। वर्ष 2010 में आरक्षक के पद पर भर्ती हुए थे। उनका जन्म 26 जून 1988 को हुआ था। नारायणपुर जिला बल में आरक्षक के पद पर भर्ती के बाद अदम्य वीरता और साहस दिखाने के चलते उन्हें समय से पहले आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर प्रधान आरक्षक बना दिया गया था। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अभियान और सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है।
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