डबल इंजन सरकार में भी पंचायतें बुनियादी सुविधाओं को मोहताज – शुक्ला का आरोप

15वें वित्त की राशि अटकी, पंचायतों का विकास ठप
बिलासपुर – ग्राम पंचायतों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा हर वित्तीय वर्ष में दो बार 15वें वित्त आयोग की राशि जारी की जाती है। इन निधियों का उपयोग नाली निर्माण, सड़क मरम्मत, बिजली व्यवस्था, पेयजल, स्वच्छता और स्वास्थ्य जैसे आवश्यक मदों में किया जाता है। लेकिन लगभग एक वर्ष बीत जाने के बाद भी यह राशि पंचायतों के खातों में नहीं पहुंची है, जिससे जमीनी स्तर पर विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़ गए हैं।
पूर्व जनपद अध्यक्ष संदीप शुक्ला ने इस स्थिति पर नाराजगी जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आबद्ध एवं अनाबद्ध दोनों मदों में जो राशि पंचायतों के लिए स्वीकृत की जाती है, वह लंबे समय से लंबित है। “सरकार जनप्रतिनिधियों को उनके काम के लिए तरसा रही है। गांवों के विकास के लिए तय की गई राशि समय पर न मिलना बेहद चिंताजनक है,” उन्होंने कहा।
शुक्ला ने बताया कि नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायत प्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्रों के विकास का सपना लेकर चुने गए हैं, लेकिन फंड नहीं आने से सभी हाथ बांधे बैठे हैं।
नाली सफाई, हैंडपंप मरम्मत, बिजली व्यवस्था सुधार जैसे छोटे-छोटे कार्य भी लंबित हैं, जिसके कारण आम जनता नाराज है और उसका गुस्सा सीधे अपने प्रतिनिधियों पर उतर रहा है।
शुक्ला ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, “अगर सरकार राशि देना चाहती है तो तत्काल जारी करे। और यदि वित्तीय संकट है तो उसकी स्थिति भी स्पष्ट करे। डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद गांव के लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं, यह किसी भी तरह उचित नहीं है।”
उन्होंने यह भी बताया कि जनप्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधि मंडल जिलाधीश से मुलाकात कर 15वें वित्त की राशि तत्काल जारी करने की मांग करेगा।

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