
Bilaspur highcourt news:– मूर्तियों के विसर्जन के बाद स्थल की साफ-सफाई को लेकर लगी जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने प्रदेश सरकार को अपना हलफनामा में जवाब देने समय मिला है। अगली सुनवाई सप्ताह भर बाद नियत की गई है।
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने नवरात्र व अन्य त्यौहार के बाद प्रतिमा विसर्जन स्थल की साफ-सफाई नहीं किए जाने और फैल रहे प्रदूषण को लेकर मीडिया में प्रकाशित खबर के लिए संज्ञान के बाद जनहित याचिका के रूप में सुनवाई हुई। शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने सचिव नगरीय प्रशासन विभाग को जारी नोटिस जवाब मांगा है।
डीबी ने 24 अक्टूबर 2024 को दिए अपने आदेश के परिपालन में प्रदेशभर के विसर्जन स्थल की साफ-सफाई के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट शपथ पत्र पेश करने का जवाब मांगा। जिसपर महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने शपथपत्र पूरे होने की जानकारी दी और फोटो की संख्या बड़ी होने पर कुछ दिन का समय मांगा। वहीं रायपुर नगर निगम की तरफ से भी शपथ पत्र दिए जाने की जानकारी दी गई। जिस पर चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने पूर्ण शपथ पत्र पेश करने अगली सुनवाई तक का समय दिया। अगली सुनवाई सप्ताह भर बाद निर्धारित की गई।
पिछली सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने डिवीजन बेंच को बताया कि कलेक्टर रायपुर ने दशहरा त्योहार के बाद विसर्जन स्थल की साफ-सफाई का निर्देश जारी कर दिया है। नगर निगम के अलावा नगर पंचायत व नगर पालिका द्वारा अपने क्षेत्रों के विसर्जन स्थलों की सफाई की जा रही है। इस संबंध में कार्ययोजना भी बनाई गई है।
वहीं डिवीजन बेंच ने कहा था कि प्रदेशभर में प्रतिमा विसर्जन के लिए तालाब या फिर नदी का चयन किया गया था। जिन जगहों पर प्रतिमा विसर्जन किया गया है,वर्तमान में क्या स्थिति है,सफाई की गई है या नहीं। राजधानी रायपुर जैसी स्थिति तो नहीं है। कोर्ट ने इसके लिए सचिव नगरीय प्रशासन विभाग को व्यक्तिगत शपथ पत्र के साथ पूरी जानकारी पेश करने कहा था।
क्या है मामला:–
राजधानी रायपुर के खारून कुंड में विसर्जन के बाद सफाई नहीं किए जाने के संबंध में मीडिया में खबर प्रकाशित की गई थी। खारुन नदी के किनारे बने तालाब में मूर्तियों के विसर्जन के बाद अवशेष वहीं छोड़ दिए गए हैं। मूर्तियों की मिट्टी और संरचनाएं वहीं रखी हुई हैं। पानी सूख गया है और दलदल बन गया है। इलाके के बच्चे इस दलदली तालाब में उतरकर खेल रहे हैं। उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। ऐसे में छोटी सी चूक भी खतरनाक स्थिति पैदा कर सकती है। सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि मीडिया में प्रकाशित तस्वीर में जल निकायों की बहुत ही दयनीय स्थिति दिखाई दे रही है, जिन्हें हर तरह के प्रदूषण से मुक्त रखने की जरूरत है। अब इस पूरे मामले में राज्य सरकार की तरफ से अपना जवाब पेश किया जा रहा है। वही रायपुर नगर निगम को दिए गए निर्देश के बाद व्यक्तिगत शपथ पत्र भी पेश किया गया है अगली सुनवाई अगले सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।

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