
सुकमा। पुलिस ने एक बयान जारी कर 8 नक्सलियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। पुलिस का यह भी कहना है कि इन संदिग्ध माओवादियों के पास से विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है। जिसका इस्तेमाल सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए किया जाने वाला था। पुलिस के जिला बल, डीआरजी, बस्तर फाइटर और सीआरपीएफ की 231 वाहिनी ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। इधर, आदिवासियों के अपने दावे हैं। उन्होंने कहा कि बैनपल्ली गांव में सो रहे आदिवासियों के घरों में नक्सली सामग्री रखी गई और उन्हें फंसाया गया। फिलहाल पुलिस ने सभी संदिग्ध नक्सलियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर दिया है। जहाँ से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।

पुलिस के मुताबिक 1 लाख का इनामी मिलिशिया कमांडर…
12 सितंबर को जगरगुंडा एसडीओपी तोमेश वर्मा के नेतृत्व में सहायक उप निरीक्षक इंद्रकुमार, प्रधान आरक्षक बारसे भीमा के साथ जिला बल, डीआरजी हीरो, इंडिया एवं बस्तर फाइटर का बल और कमारगुड़ा कैंप से सीआरपीएफ के सहायक कमांडेड विकास कुमार के साथ यंग प्लाटून 231 बटालियन की संयुक्त टीम गस्त सर्चिंग के लिए ग्राम बैनपल्ली और आसपास के इलाके की ओर रवाना हुआ था। इस अभियान के दौरान ग्राम बैनपल्ली के जंगली रास्ते में कुछ संदिग्ध व्यक्तियों द्वारा पुलिस को देखकर छिपने की कोशिश कर रहे थे। जिन्हें पकड़ कर पूछताछ किया गया। पकड़े गए लोगों में 40 साल के मुचाकी लखमा (मिलिशिया सदस्य) 35 साल के कुंजाम देवा (मिलिशिया सदस्य) 42 साल के उइका हुर्रा (मिलिशिया सदस्य) 40 वर्ष के कमलू विज्जा (मिलिशिया सदस्य) 1 लाख रूपये के इनामी मिलिशिया कमांडर 33 वर्षिय मुचाकी पाला, 40 वर्ष के मड़कम सन्नू जिन्हें मिलिशिया डिप्टी कमांडर बताया गया है। इसके अलावा 25 साल के युवक मुचाकी सुदरू (मिलिशिया सदस्य) और 28 साल के कलमू चैतू को मिलिशिया सदस्य बताया गया है। ये सभी बैनपल्ली गांव के निवासी है।
संदिग्ध नक्सलियों के कब्जे से विस्फोटक सामग्री बरामद
पुलिस ने इन 8 लोगों की तलाशी में 4 जिलेटिन रॉड, 4 डेटोनेटर, आध-आधा मीटर बिजली वायर, कोर्डेक्स वायर, 2 नग पेंसिल सेल, 200 ग्राम बारुद, 4 नग माचिस, 4 नग टॉप टाइगर बम बरामद किया गया है। इतना ही नहीं, पुलिस ने यह भी दावा किया है कि ये सभी लोग प्रतिबंधित माओवादी संगठन में कार्य करते हैं। और बड़े नक्सलियों के कहने पर सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए विस्फोटकों को रखे थे। सभी के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम की धारा 4,5 के तहत कार्रवाई कर न्यायालय में पेश किया गया। जहाँ से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
ये तो थी पुलिसिया कहानी…अब आगे पढ़ें ग्रामीणों का आरोप
सुरक्षा बलों ने रात में सो रहे ग्रामीणों को पकड़ा, नक्सल सामग्री प्लांट की
ग्रामीणों का कहना है कि 11 सितंबर की रात करीब 2 बजे सुरक्षा बलों ने अपने घरों में सो रहे आदिवासियों को उठाया, और उनके घरों में बैग रखकर नक्सली सामग्री प्लांट किया गया। सुरक्षा बलों ने 14 आदिवासियों को पकड़ कर जगरगुंडा थाने ले गए। जहाँ 6 ग्रामीणों को रखा गया है। जबकि 8 आदिवासियों को नक्सली बताकर जेल भेज दिया गया। कर्रेगुड़ा कैंप में अपने परिजनों की खोजबीन करने गए आदिवासियों ने पुलिस पर पिटाई करने और मोबाइल फोन छीनने का आरोप लगाया है। बैनपल्ली के ग्रामीणों ने पकड़े गए आदिवासियों को निशर्त रिहा करने की अपील की है।
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