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प्रधान आरक्षक ने लगाई फांसी, पेड़ पर लटकते मिली लाश


Bilaspie news:– सरकंडा थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।  वह मालखाने का इंचार्ज था। परिजनों के मुताबिक उस पर काम का दबाव था।

बिलासपुर। सरकंडा थाना में पदस्थ प्रधान आरक्षक ने पेड़ पर फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। फंदे पर प्रधान आरक्षक की लाश लटकते मिली है। प्राथमिक जांच में आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं है।  पर सोशल मीडिया,और विभाग में चर्चा है कि काम के दबाव के चलते प्रधान आरक्षक ने आत्महत्या की है। परिजनों के अनुसार भी उन पर काम का दबाव था। मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है।



सरकंडा थाना क्षेत्र के मोपका में रहने वाले लखन मेश्राम (53) प्रधान आरक्षक के पद पर थे। वे जीपीएम जिले के  ग्राम धनगांव के रहने वाले थे। 1997 में पुलिस में आरक्षक के पद पर भर्ती होने के बाद बस्तर में उनकी ट्रेनिंग हुई थी। बिलासपुर के रतनपुर,कोटा समेत अलग अलग थानों में वे पदस्थ रह चुके है। वर्तमान में सरकंडा थाने में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ थे। इससे पहले डायल 112 में उनकी तैनाती थी। पिछले साल ही प्रधान रक्षक के पद पर पदोन्नति मिलने के बाद वह सरकंडा थाना आए पिछले 4 माह से उन्हें माल खाने की इंचार्ज की जवाबदारी सौंपी गई थी।

गुरुवार की शाम वे ड्यूटी के बाद वे घर गए। थाने की पेट्रोलिंग पार्टी ने हेड कांस्टेबल मेश्राम को घर छोड़ा। जिसके बाद उन्होंने मोबाइल बंद कर लिया। खाना खाकर सभी घर के सदस्य सो गए अचानक रात 12:00 बजे वे परिजनों को बिना बताए कही निकल गए। रात 3:00 बजे जब घर वालों की नींद खुली तो उन्होंने प्रधान आरक्षक लखन मेश्राम की तलाश शुरू की। सरकंडा थाने में भी इसकी जानकारी दी। इस पर  थाने के पुलिसकर्मी व पेट्रोलिंग पार्टी उनकी तलाश में जुट गई और उनके परिजन भी तलाश में जुटे रहे। शनिवार सुबह 6 बजे घर के पीछे कुटीपारा में उनकी पेड़ पर फंदे से लटकते हुए लाश मिली। जानकारी लगते ही थाना प्रभारी प्रशिक्षु डीएसपी रोशन आहूजा व अन्य अधिकारी भी पहुंच गए।

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया और गृहग्राम के लिए रवाना कर दिया।  पुलिस की प्रारंभिक जांच में अभी मौत का कारण स्पष्ट नहीं है। हवलदार के परिवार में उनकी पत्नी दो बेटियां व एक बेटा है। हवलदार लखन मेश्राम के बेटे कृष्णकांत मेश्राम के अनुसार विभाग के काम के दबाव के चलते उसके पिता परेशान रहते थे। कोई पारिवारिक टेंशन उन्हे नही थी।

वही सोशल मीडिया में एक पुलिस अफसर द्वारा काम का दबाव  बनाने के चलते प्रधान आरक्षक के परेशान रहने की बात कही जा रही है। जबकि विभागीय की सूत्रों की माने तो मालखाने का जो सामान अदालत में जमा करना था उसमे से कुछ सामान गायब था जिसके चलते प्रधान आरक्षक लगातार परेशान रहता था। मालखाने का इंस्पेक्शन भी होने वाला था, जिसमे सामान का मिलान नहीं होने पर प्रधान आरक्षक लखन मेश्राम को निलंबित होने का भी भय सता रहा था।  हालांकि विभागीय अफसरों के मुताबिक  मालखाने में रखा नगदी रकम व सामान गायब था या नहीं यह जांच के बाद ही सपष्ट हो सकेगा।


मलखाने के इंचार्ज पर होती है बड़ी जवाबदारी:–

बता दे कि जिले के सबसे बड़े दो थानों में से सरकंडा थाना एक है। पुलिस जो भी कार्यवाही करती है उसमें जो नगदी रकम,हथियार या कीमती सामान जप्त होता है उसके रखरखाव की जवाबदारी मालखाना के प्रभारी की होती है। यह यह सामान गायब हो जाए या खराब हो जाए तो भी उसकी जवाबदारी मालखाना प्रभारी की होती है। मालखाना इंचार्ज का पद काफी जवाबदारी भरा होता है।

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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