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राजस्थान ढाबा बना नशे का ठिकाना! कोटा पुलिस की दोहरी कार्रवाई, गवाहों को धमकाने पर भी दर्ज हुई FIR

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के कोटा थाना क्षेत्र में स्थित राजस्थान ढाबा इन दिनों गंभीर आरोपों के घेरे में है। ढाबे में ग्राहकों को अवैध रूप से शराब सेवन की सुविधा दी जा रही थी। इस पर कोटा थाना पुलिस ने त्वरित और दोहरी कार्यवाही करते हुए ढाबा संचालक को गिरफ्तार किया है। यही नहीं, जमानत पर रिहा होने के बाद जब आरोपी ने मामले से जुड़े गवाहों को डराने-धमकाने की कोशिश की, तो पुलिस ने अलग से एक और मामला दर्ज कर कानूनी शिकंजा और कस दिया।

अभियान की पृष्ठभूमि: SSP के निर्देश पर सख्त अभियान
बिलासपुर जिले में अवैध शराब और नशे के विरुद्ध “चेतना विरुद्ध नशा एवं प्रहार अभियान” चलाया जा रहा है। यह अभियान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह (भा.पु.से.) के निर्देशन में ज़ोर पकड़ चुका है। होटल, लॉज, ढाबा, सार्वजनिक स्थलों पर नशा व अवैध गतिविधियों को लेकर सभी थाना क्षेत्रों को सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

मुखबिर की सूचना पर रेड: शराब परोसते रंगे हाथ पकड़ा गया ढाबा संचालक
दिनांक 22 जून 2025 को कोटा पुलिस को मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई कि कोटा के राजस्थान ढाबा में बिना किसी लाइसेंस के शराब सेवन हेतु सामग्री ग्राहकों को उपलब्ध कराई जा रही है। इस सूचना को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्रीमती अर्चना झा (रा.पु.से.) एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस कोटा श्रीमती नूपुर उपाध्याय (रा.पु.से.) के मार्गदर्शन में तत्काल एक विशेष पुलिस टीम गठित की गई।

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टीम ने मौके पर दबिश दी और ढाबा संचालक रमेश मेघवाल पिता चंपालाल मेघवाल, उम्र 40 वर्ष, निवासी राजस्थान ढाबा, कोटा को शराब सेवन की सामग्री उपलब्ध कराते हुए रंगे हाथ पकड़ा।

पहली FIR का विवरण अपराध क्रमांक: 631/25

धारा: 36(ग) छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम

किस्म: अवैध रूप से शराब सेवन कराने की व्यवस्था

आरोपी को मौके पर गिरफ्तार कर थाना लाया गया। पूछताछ के बाद उसे जमानत मुचलका पर रिहा कर दिया गया।

गवाहों को डराने की कोशिश महंगी पड़ी, दूसरी FIR दर्ज
जमानत पर छूटने के बाद आरोपी रमेश मेघवाल ने मामले से जुड़े गवाहों को डराने-धमकाने की कोशिश की। यह जानकारी पुलिस को मिलते ही एक और केस दर्ज किया गया।

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दूसरी FIR का विवरण

इस्तगासा क्रमांक: 33/223/2025

धाराएं: 170, 126, 135(3), भारतीय न्याय संहिता संहिता (BNS)
इस कार्रवाई ने स्पष्ट कर दिया कि कोटा पुलिस अब न केवल अपराध के विरुद्ध बल्कि न्याय प्रक्रिया में बाधा डालने वालों के खिलाफ भी सख्त रुख अपना चुकी है।

कार्रवाई में शामिल पुलिस अधिकारी
इस अभियान में कोटा पुलिस की सक्रियता और सजगता उल्लेखनीय रही। कार्रवाई में निम्न अधिकारियों की विशेष भूमिका रही:

निरीक्षक: तोप सिंह नवरंग

सहायक उप निरीक्षक: शिव कुमार साहू

आरक्षक: अजय सोनी (आर. क्र. 1507)

एसएसपी रजनेश सिंह का स्पष्ट संदेश:

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह (भा.पु.से.) ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:

“बिलासपुर जिले में अवैध शराब, गुटखा, ड्रग्स या किसी भी प्रकार के नशे की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गवाहों को धमकाने की कोशिश कानून की प्रक्रिया को अपमानित करने के समान है – ऐसे मामलों में सख्त से सख्त कार्यवाही होगी।”

उन्होंने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया है कि होटल, लॉज, ढाबा, शराब दुकान, गली-मोहल्लों तक लगातार निगरानी रखें और कोई भी गैरकानूनी गतिविधि दिखे तो तत्काल कार्यवाही करें।

न्यायधानी.कॉम की निष्पक्ष टिप्पणी:
इस पूरी घटना ने यह तो साफ कर दिया है कि बिलासपुर पुलिस का नशे के खिलाफ रुख अब पहले से अधिक सख्त हो चुका है। राजस्थान ढाबे के खिलाफ हुई यह दोहरी कार्रवाई न केवल एक अवैध गतिविधि पर नकेल है, बल्कि यह संदेश भी है कि यदि कोई आरोपी कानून से खेलने की कोशिश करता है – चाहे वह धमकी हो या दवाब – उसे दोहरी सज़ा भुगतनी होगी।

यह मामला समाज के उन वर्गों के लिए चेतावनी है जो “ढाबा के नाम पर शराब का दरबार” सजाते हैं। कोटा पुलिस की यह कार्यवाही साबित करती है कि अब “लाइसेंस के बाहर चलने वालों की दुकानें बंद होने वाली हैं।

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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