छत्तीसगढ़बिलासपुर

रेत और ईंट भट्टों का गोरखधंधा प्रशासन की मिलीभगत या लापरवाही?

बिलासपुर । बेलगहना तहसील छेत्र में अवैध रेत उत्खनन और ईंट भट्टों का खेल जमकर चल रहा है! रेत माफिया और ईंट कारोबारियों की चांदी कट रही है, जबकि प्रशासन आंख मूंदे बैठा है। बेलगहना सीमा से सटे अरपा नदी से अवैध रेत उत्खनन धड़ल्ले से हो रहा है। हजारों घन मीटर रेत सड़क किनारे डंप की जा रही है, लेकिन प्रशासन ने मानो चुप्पी साध रखी है!

रेत का साम्राज्य: दिनदहाड़े लूट, अधिकारी मौन!
रेत माफिया इतने बेखौफ हो चुके हैं कि अब वे बिना किसी डर के खुलेआम ग्राम दारसागर पैनरा पारा में हजारों घन मीटर सड़क किनारे रेत का भंडारण कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि ट्रैक्टर-ट्रॉली दिन-रात रेत भरकर निकलती हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी कार्रवाई करने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। आखिर कब जागेगा प्रशासन?

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ईंट भट्टों की बाढ़, सरकार को लाखों का नुकसान!
बेलगहना तहसील में ईंट भट्टों का अवैध कारोबार भी खूब फल-फूल रहा है। प्रजापति समाज ही नहीं, बल्कि अन्य समाजों के लोग भी इस धंधे में कूद पड़े हैं। शासन के नियमों के मुताबिक, ईंट भट्टों के लिए परमिशन लेना जरूरी है और उन्हें रिहायशी इलाकों से दूर होना चाहिए। लेकिन यहां तो बिना अनुमति के ही खेतों और घरों में भट्टे लगा दिए गए हैं 10 से 20 ईंट भट्टे अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं,जिससे सरकार को भारी राजस्व नुकसान झेलना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, इन भट्टों में चिमनी और कोयले की बजाय लकड़ी और कंडे का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।

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प्रशासन की चुप्पी पर उठ रहे सवाल!
बेलगहना तहसील क्षेत्र में इस गोरखधंधे को लेकर प्रशासन की चुप्पी सवाल खड़े कर रही है। क्या यह लापरवाही है या फिर किसी बड़ी मिलीभगत का खेल? क्या प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं, या फिर जानबूझकर नजरअंदाज किया जा रहा है? अब देखना यह है कि शासन इस अवैध कारोबार पर लगाम लगाने के लिए कोई कार्रवाई करता है या फिर यह धंधा यूं ही खुलेआम चलता रहेगा!

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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