
Dantewada news:– जिला अस्पताल के बिना बीमा चल रही एंबुलेंस में युवक को कुचल दिया। हादसे में युवक की मौत हो गई। मृतक की मां की अपील पर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन का कार्यालय कुर्क कर मुआवजा प्रदान करने के निर्देश सत्र न्यायालय ने दिए हैं।
Dantewada दंतेवाडा। जिला अस्पताल की एंबुलेंस ने बाइक सवार को कुचल दिया। हादसे में बाइक सवार की मौत हो गई। एंबुलेंस का बीमा नहीं था। अब मृत युवक की मां की याचिका पर जिला अस्पताल सिविल सर्जन कार्यालय को कुर्क कर मुआवजा देने के आदेश सत्र न्यायालय दंतेवाड़ा ने दिए है।
सिविल सर्जन कार्यालय को न्यायालय ने कुर्क करने का नोटिस जारी किया है। कोर्ट के आदेश में 15 दिनों के भीतर पीड़ित महिला मंगलदई के नाम 25 लाख 8 हजार 932 एवार्ड पारित हुआ है। इस राशि को न्यायालय में जमा करना है। उपरोक्त पारित एवार्ड की राशि यदि न्यायालय में नही जमा की गई तो अस्पताल के खिलाफ कुर्क की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए न्यायालय ने अंतिम नोटिस जारी किया है। इस नोटिस के जारी होने के बाद अस्पातल प्रबंधन में हडकंप मचा हुआ है। 6 नवंबर को कोर्ट से एक बार फिर जिला अस्पताल प्रबंधन को राहत मिली है। कोर्ट ने 15 दिनों के भीतर पैसा भरने के लिए आदेश दिया है। अब इस राशि को भरने के लिए जिला अस्पताल प्रबंधन के हाथ-पांव फूल रहे हैं। अधिकारी रायपुर संचालनालय में पत्राचार कर रहे हैं।
बिना बीमा की दौड़ रही हैं सरकारी वाहनें:–
इस सड़क हादसे में न्यायालय से हुए एवार्ड के बाद भी जिला अस्पताल सचेत नही हुआ है। अस्पातल में दर्जनों वाहन है। यह वाहन बहुत पुराने है। बताया जा रहा है लगभग सभी का बीमा समाप्त हो चुका है। सरकारी वाहन का एक ही बार बीमा होता है, जब उसे नया लिया जाता है। इसके बाद दोबारा दस्तावेजों को दुरुस्त रखने पर ध्यान ही नहीं दिया जाता है। हादसे होते है तो भरपाई सरकार को ही करनी पड़ती है। अधिकारियों की लापरवाही के चलते शासन को चूना लगता है।
यह है मामला:–
जिला अस्पताल से एक मरीज को 2023 में सरकारी एंबुलेंस से जगदलपुर मेंडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया गया था। अस्पताल से निकलते ही एंबुलेंस गीदम थाना क्षेत्र के पुलिस लाइन कारली के पास पहुंचते ही उसने विपरीत दिशा से चली आ रही बाइक सें जबरदस्त टक्कर हुई। घटना में बाइक सवार युवक की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद यह मामला सरकारी एंबुलेंस और उसके चालक विनाद सोरी के खिलाफ सत्र न्यायालय दंतेवाडा में पेश किया गया। न्यायालय ने पाया एंबुलेंस बिना बीमा के ही अस्पताल प्रबंधन दंतेवाड़ा द्वारा चलाया जा रहा था। इस लिए कोर्ट ने प्रकरण को देखते हुए सिविल सर्जन को दोषी माना और पीड़िता को मुआवजा राशि प्रदान करने के निर्देश दिए है।

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