छत्तीसगढ़

सुप्रीम कोर्ट ने कोल लेवी घोटाले में रानू साहू, सौम्या चौरसिया को दी जमानत

रायपुर । सुप्रीम कोर्ट ने 450 करोड़ रुपये से अधिक के कोल लेवी वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले में फंसे निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, सौम्या चौरसिया और व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी सहित अन्य को अंतरिम जमानत दे दी है। न्यायालय ने कहा कि इस मामले की जांच में लंबा समय लगेगा, इसलिए समय लेने वाली प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ताओं को अंतरिम जमानत देना उचित होगा।

 

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

लंबे समय से जेल में थे आरोपी

सभी आरोपी पिछले दो वर्षों से अधिक समय से जेल में थे और उनकी कई याचिकाएं पूर्व में खारिज हो चुकी थीं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि निर्धारित तारीख पर याचिकाकर्ताओं के आचरण की रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

 

निष्पक्ष जांच और स्वतंत्रता के बीच संतुलन

सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसमें जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह शामिल थे, ने कहा कि यह अंतरिम जमानत ट्रायल के आधार पर दी गई है, जिससे स्वतंत्रता और निष्पक्ष जांच के बीच संतुलन बनाया जा सके।

 

पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी भी आरोपी को गवाहों को प्रभावित करने, सबूतों से छेड़छाड़ करने या जांच में बाधा डालने का दोषी पाया जाता है, तो राज्य सरकार अदालत में याचिका दाखिल कर उनकी जमानत रद्द कराने की मांग कर सकती है।

  Bilaspur News:– 20 शिक्षकों की बर्खास्तगी के लिए  नोटिस जारी करने कलेक्टर ने दिए निर्देश, जाने क्या हैं मामला

 

इन अधिकारियों को मिली अंतरिम जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने रानू साहू, सौम्या चौरसिया, दीपेश टोंक, राहुल कुमार सिंह, शिव शंकर नाग, हेमंत जायसवाल, चंद्रप्रकाश जायसवाल, संदीप कुमार नाग, रोशन कुमार सिंह, समीर विश्नोई, शेख मोइनुद्दीन कुरैशी और सूर्यकांत तिवारी को अंतरिम जमानत दी है।

 

ईडी और अन्य एजेंसियां कर रही हैं जांच

राज्य में मनी लॉन्ड्रिंग, कथित कोयला खनन और शराब घोटाले की जांच ईओडब्लू और ईडी सहित केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं। इस मामले में कई राजनेता, नौकरशाह और अधिकारी शामिल बताए जा रहे हैं।

 

राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल तेज

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति और प्रशासनिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे जांच किस दिशा में जाती है और क्या आरोपियों पर लगे आरोप साबित होते हैं या नहीं।

Was this article helpful?
YesNo

Live Cricket Info

Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

Related Articles

Back to top button