
IAS अफसर के सेवा–विस्तार पर BJP में घमासान! वरिष्ठ नेता की गोपनीय चिट्ठी से दिल्ली तक हलचल, पत्रकार ने ट्वीट कर खोला बड़ा मामला
👉 BJP नेता ने PMO को लिखा गोपनीय पत्र – “दागदार कार्यकाल, विस्तार रोका जाए”
👉 “छत्तीसगढ़ को कौन चला रहा है – चुनी हुई सरकार या बेलगाम अफसरशाही?”
वरिष्ठ खोजी पत्रकार मुकेश एस. सिंह के ट्वीट से बड़ा खुलासा
CG News: रायपुर।छत्तीसगढ़ की सियासत में एक बार फिर नौकरशाही बनाम जनप्रतिनिधित्व की जंग खुलकर सामने आ गई है। एक वरिष्ठ IAS अफसर के सेवा-विस्तार को लेकर भाजपा के भीतर ही तीखा विरोध खड़ा हो गया है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्रालय और कार्मिक विभाग को भेजी गोपनीय 7 पन्नों की चिट्ठी में अफसर के “दागदार और निष्क्रिय कार्यकाल” पर सवाल खड़े करते हुए विस्तार रोकने की मांग की है।
मामला तब और तूल पकड़ गया जब वरिष्ठ खोजी पत्रकार मुकेश एस. सिंह ने ट्वीट कर दावा किया कि यह अफसर कांग्रेस शासन के दौरान शराब घोटाले, कोल लेवी, खनिज घोटाले और महादेव सट्टा रैकेट जैसे मामलों में “संस्थागत चुप्पी” का प्रतीक रहा है — और अब उसी को फिर से कुर्सी देने की तैयारी हो रही है।
अब भाजपा के भीतर यह सवाल गूंज रहा है —
“वास्तव में छत्तीसगढ़ को चला कौन रहा है? चुने हुए नेता या बेलगाम अफसरशाही?”
कान्हा तिवारी,
CG News: रायपुर/नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में एक वरिष्ठ IAS अधिकारी को सेवा–विस्तार देने की तैयारी पर भारतीय जनता पार्टी के भीतर ही जोरदार आपत्ति सामने आई है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), गृह मंत्रालय (MHA) और कार्मिक विभाग (DoPT) को 7 पन्नों की गोपनीय चिट्ठी लिखकर विस्तार पर रोक लगाने की मांग की है।
अब इस मुद्दे पर वरिष्ठ खोजी पत्रकार मुकेश एस. सिंह ने भी ट्वीट कर सनसनीखेज दावा किया है।
मुकेश एस. सिंह का ट्वीट क्या कहता है?👇👇
https://x.com/truth_finder04/status/1938990219279106193?s=48
🗣️ “BJP नेता की चिट्ठी में उस अफसर के ‘मौन कार्यकाल’ पर सवाल उठाए गए हैं। आरोप है कि उसने कांग्रेस शासन में हुए शराब घोटाला, कोल लेवी, महादेव सट्टा जैसे मामलों में आंखें मूंदे रखीं। अब वही अफसर छह महीने का सेवा–विस्तार चाहता है। क्या भ्रष्टाचार पर BJP की जीरो टॉलरेंस नीति केवल जुमला है?”
🧾 पत्र में क्या–क्या आरोप हैं?
• अफसर ने 2019–2023 के बीच छत्तीसगढ़ में उभरे बड़े घोटालों – शराब घोटाला, कोल लेवी, खनिज पट्टा घोटाला, महादेव सट्टा रैकेट – पर चुप्पी साधे रखी।
• 8 बार लिखित आदेशों के बावजूद उसने घोटालों से जुड़े अधीनस्थ अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की।
• SEOIACB जैसी जांच एजेंसी को रबर स्टांप बना दिया गया।
• @IncomeTaxIndia और @dir_ed की रिपोर्टें दरकिनार कर दी गईं।
• व्हिसलब्लोअर्स को चुप करा दिया गया।
भाजपा के भीतर आक्रोश: “यह चिट्ठी सिस्टम निगल जाएगा”
भाजपा के ही एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा:
💬 “छत्तीसगढ़ में नौकरशाही इतनी मजबूत हो चुकी है कि चुने हुए नेताओं की आवाज दबा दी जाती है। यह अफसर आराम से सेवा–विस्तार लेकर निकल जाएगा और ईमानदार BJP नेता की चिट्ठी धूल चाटेगी। यही असली सवाल है – छत्तीसगढ़ को कौन चला रहा है?”
📌 PMO से क्या मांग की गई है?
पत्र में आग्रह किया गया है कि ऐसे अफसर को सेवा–विस्तार न दिया जाए, और उसकी जगह “बेदाग, निष्पक्ष और राजनीतिक प्रभाव से मुक्त” अधिकारी की नियुक्ति की जाए, जिससे जनता का शासन प्रणाली पर विश्वास बहाल हो सके।
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