CG :Highcourt News:– डिप्टी कलेक्टर पर एफआईआर समेत सरपंच पद से हटाने के सिंगल बेंच के दो आदेश पर डिवीजन बेंच ने लगाई रोक

Bilaspur Highcourt News:– अवमानना के मामले में सरपंच को पद से हटाने समेत दस्तावेज नहीं मिलने पर डिप्टी कलेक्टर के खिलाफ अपराध दर्ज करने के सिंगल बेंच के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है।
Bilaspur बिलासपुर। डिप्टी कलेक्टर पर अपराध दर्ज करने समेत अवमानना के मामले में सरपंच को पद से हटाने के सिंगल बेंच के आदेश पर हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने रोक लगा दी है। तत्कालीन नायब तहसीलदार और वर्तमान में डिप्टी कलेक्टर जयशंकर उराव पर नामांतरण के दस्तावेज गायब होने के आरोप में अपराध दर्ज करवाया गया था। वही महिला सरपंच को हटाने के आदेश पर भी डिवीजन बेंच ने रोक लगाई है।

अवमानना के मामले में दोषी सरपंच लक्ष्मी वैष्णव को पद से हटाते हुए अमेरिका भाई आज गले को ग्राम पंचायत का कार्यवाहक सरपंच नियुक्त करने के निर्देश जारी हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने किया था। जिस पर याचिकाकर्ता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से डिवीजन बेंच में चुनौती दी। याचिका में बताया गया कि ऐसा आदेश या निर्देश न्यायालय की अवमानना अधिनियम के तहत पारित नहीं किया जा सकता। यशिका करता को बहुमत से कार्यवाहक सरपंच के रूप से विधिवत चुना गया था और 16 जनवरी 2024 से वह बिना किसी चूक के अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रही है। सिंगल बेंच के आदेश पर त्रुटि के आधार पर डबल बेंच ने स्टे आदेश जारी किया है।
दूसरा मामला सरकारी जमीन हेराफेरी का, जिस पर डिप्टी कलेक्टर पर हुई एफआईआर:–
ग्राम पौंसरा की 2.15 एकड़ जमीन की खरीदी बिक्री 2013-14 में की गई थी। तब इसे लेकर विवाद हुआ था। विवाद सुलझने के बाद जमीन का नामांतरण कर दिया गया। नामांतरण आदेश में तात्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार जय शंकर उरांव के हस्ताक्षर हैं। मामले में हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी याचिकाकर्ता को दस्तावेज नहीं मिले। जिस पर याचिकाकर्ता ने दुबारा याचिका लगाई। सुनवाई के बाद जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच ने तत्कालीन अतिरिक्त तहसीलदार और वर्तमान डिप्टी कलेक्टर जयशंकर उरांव के खिलाफ अपराध दर्ज करने के निर्देश दिए थे।
जिस पर डिप्टी कलेक्टर जय शंकर उरांव ने डिवीजन बेंच में अपील की थी। उनकी अपील पर अधिवक्ता ने डिवीजन बेंच के समक्ष तर्क दिया कि याचिकाकर्ता उस समय उस पद पर तैनात नहीं था। साथ ही आदेश पारित होने के 10 वर्ष बाद उसके दस्तावेज के संधारण की जवाबदारी भी याचिकाकर्ता की नहीं है। वे लंबे समय पहले ही बिलासपुर से ट्रांसफर होकर जा चुके हैं। अवमानना आदेश पारित करने के समय भी याचिकाकर्ता कहीं और पदस्थ था। इसलिए याचिकाकर्ता को जवाबदेह नहीं ठहराया जा सकता। सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने डिप्टी कलेक्टर पर अपराध दर्ज करने के सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी।
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