IAS/IPSTransferछत्तीसगढ़देश - विदेशधर्मबिलासपुरराज्य एवं शहर

CG News:– अखिल भारतीय संत समिति ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर, ऑपरेशन कालनेमि” की माँग, धार्मिक स्थलों में मांस-मदिरा पर लगे प्रतिबंध…

CG News:– छत्तीसगढ़ की धरती एक बार फिर धर्म और आस्था की बहस के केंद्र में गई है। यहाँ माँ कौशल्या की जन्मभूमि और भगवान श्रीराम का ननिहाल होने का गौरव जुड़ा है। लेकिन इन्हीं पवित्र स्थलों के आसपास मांस और मदिरा के खुलेआम इस्तेमाल की खबरें अब धार्मिक संतों को बेचैन कर रही हैं। अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश प्रवक्ता महंत दिव्यकांत दास ने साफ कहा है कि धार्मिक आस्था को ठेस पहुँचाने वाली ऐसी गतिविधियाँ किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जा सकतीं।

बिलासपुर।छत्तीसगढ़ में धार्मिक आस्था और परंपरा की पवित्रता बनाए रखने को लेकर अखिल भारतीय संत समिति ने बड़ा कदम उठाया है। शुक्रवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ़्रेंस में प्रदेश प्रवक्ता महंत दिव्यकांत दास ने सरकार सेऑपरेशन कालनेमिलागू करने और धार्मिक स्थलों पर मांसमदिरा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की माँग की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ माँ कौशल्या की जन्मभूमि और भगवान श्रीराम का ननिहाल है, इसलिए यहाँ आस्था को ठेस पहुँचाने वाली गतिविधियों को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

धार्मिक स्थलों पर प्रतिबंध की अपील

महंत दास ने कहा कि मंदिरों और धार्मिक स्थलों के आसपास मांस और मदिरा का सेवन बिक्री समाज की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुँचाते हैं। समिति ने स्पष्ट किया कि इस पर कठोर प्रतिबंध लगना चाहिए और प्रशासन को इसका पालन सुनिश्चित कराना चाहिए। उनका कहना है कि यदि प्रदेश सरकार इस दिशा में क़दम उठाती है, तो छत्तीसगढ़ की पहचान एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में और मज़बूत होगी।

  नग्न अवस्था में घर में मिली महिला की लाश, मुंह में ठूंसी हुई थी साड़ी, दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका

ऑपरेशन कालनेमिका मक़सद

प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि जिस तरह कालनेमि राक्षस ने धर्म के नाम पर छल किया था, उसी तरह आज भी कई छद्मवेशी साधुसंत सनातन धर्म का मुखौटा पहनकर लोगों को ठग रहे हैं और उनकी भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं।ऑपरेशन कालनेमिऐसे तत्वों की पहचान कर उन्हें क़ानून के दायरे में लाने और सख़्त कार्रवाई करने का अभियान होगा।

संत समिति की छह माँगें


1. फ़र्ज़ी धार्मिक साधुओं की जाँच के लिए समिति बने, जिसमें महिलाओं और बुजुर्गों की भागीदारी हो।
2. संत समाज का पंजीयन अनिवार्य किया जाए।
3. धर्मस्थलों में मांस-मदिरा पर पूरी तरह प्रतिबंध लगे।
4. साधारण धर्माचार्यों को धर्माधिकारी बनाकर दूरस्थ क्षेत्रों में तैनात न किया जाए।
5. धार्मिक संपत्तियों का नियमित ऑडिट और प्रबंधन हो।
6. “माँ कौशल्या जन्मभूमि” को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर, वहाँ नियमित “रामायण पाठ” और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित हों।

समाज और संस्कृति की रक्षा का संकल्प

महंत दिव्यकांत दास ने कहा कि समाज में पाखंड और आस्था के नाम पर ठगी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई ज़रूरी है। उन्होंने कहा किधार्मिक स्थलों की पवित्रता और सामाजिक सौहार्द की रक्षा करना समय की माँग है। छत्तीसगढ़ की जनता अब ऐसे तत्वों को और सहन नहीं करेगी।

Was this article helpful?
YesNo

Live Cricket Info

Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

Related Articles

Back to top button