छत्तीसगढ़बिलासपुर

C.G NEWS :-पिता की अधूरी लड़ाई बेटा ने लड़ी और मौत क़े बाद ही सही…पिता को दिलाया न्याय

2020 में कानूनी लड़ाई लड़ते पिताकी हो गई मौत, बेटा व माँ ने कैट में दायर की याचिका , मामला खारिज होने पर हाई कोर्ट में लगाई गुहार, मिला न्याय

बिलासपुर- रेलवे के अफसरों ने अपने एक कर्मचारी को सिर्फ इसलिए सेवा से बर्खास्त कर दिया कि बिना बताए अनुपस्थित हैं। रेलवे के इस निर्णय के खिलाफ रेल कर्मचारी ने कैट में मामला दायर किया। कानूनी लड़ाई लड़ते मौत हो गई। पिता को न्याय दिलाने बेटा आगे आया। हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दिवंगत पिता को न्याय की गुहार लगाई। डीविजन बेंच ने याचिका को स्वीकार करते हुए रेल्वेको जरूरी निर्देश जारी किया है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण में मामला लंबित रहने के दौरान वर्ष 2020 में याचिकाकर्ता के पिता रेल कमर्चारी की मौत हो गई थी। जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की डीविजन बेंच ने SECR प्रबंधन को चार माह के भीतर सभी सेवा लाभ देने का निर्देश जारी किया है।
बिलासपुर के NE Colony निवासी मोहम्मद खान रेलवे में पोर्टर/ SEY के पद पर कार्य कर रहे थे। उनकी पोस्टिंग बिलासपुर में थी। 6 जनवरी 2014 को रेलवे ने आरोप पत्र सौंपते हुए आरोप लगाया कि वे 11 दिसंबर 2012 से लेकर 26 दिसंबर 2013 तक सेवा से अनधिकृत रूप से बिना किसी जानकारी के अनुपस्थित थे। विभाग ने इसे रेलवे सेवा (आचरण) नियम के नियम 3.1 (ii) और (iii) का उल्लंघन माना। आरोप पत्र के बाद अफसरों ने विभागीय जांच की और सेवामुक्त करते हुते आदेश थमा दिया एसईसीआर द्वारा 11 फरवरी 2016 को की गई बर्खास्तगी की कार्रवाई के खिलाफ रेलकर्मी ने अपील पेश की। सुनवाई के बाद विभागने 19 दिसंबर 2016 को अपील खारिज कर दी।

  Police Transfer News:– एसएसपी ने किए चार निरीक्षकों समेत 86 पुलिसकर्मियों के तबादला आदेश, देखें सूची…

राष्ट्रपति के पास भेजी दया अर्जी भेजी, अफसरों ने फाइल रोक दी

एसईसीआर के फैसले के खिलाफ रेल कर्मी ने 9 मार्च 2018 को राष्ट्रपति के समक्ष दया अपील पेश की। विभाग ने 1 मई 2018 को जानकारी दी गई कि सक्षम प्राधिकारी ने राष्ट्रपति को भेजी गई दया अपील को रोकने का निर्णय लिया है।

कैट से भी नहीं मिली राहत

रेलवे के निर्णय के खिलाफ केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण में मामला प्रस्तुत किया । मामला लंबित रहने के दौरान ही रेलकर्मी की 24 मई 2020 को मौत हो गई। इस बीच कैट ने 4 जुलाई 2023 को रेलवे के फैसले को सही ठहराते हुए आवेदन खारिज कर दिया।

हाई कोर्ट में लगाई गुहार, मिला न्याय

कैट के फैसले को चुनौती देते हुए अधिवक्ता एवी श्रीधर के जरिए हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई। मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की बेंच ने फैसला सुनाया। डीविजन बेंच ने कहा कि बर्खास्तगी से पहले रेलकर्मी को सुनवाई का मौका नहीं दिया गया, जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। हाई कोर्ट ने रेलवे के आदेश और केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण के फैसले को निरस्त कर दिया है।

Was this article helpful?
YesNo

Live Cricket Info

Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button