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CG:मे शिक्षकों का आतंकः बात बात में आंदोलन की धमकी औऱ नारेबाजी, ओबीसी सर्वे पूरा करने के निर्देश पर भड़के गुरुजी

पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए सर्वे जरूरी…
इसमें जैसे राशनकार्ड बनाना है तो राशनकार्ड में पिछड़े वर्ग की कितनी हिस्सेदारी है। उज्जवला योजना है, इसमें पिछड़े वर्ग के लोगों को कितने कनेक्शन दिए गए। टोटल कनेक्शन कितने दिए। जैसे सवालों के जवाब जुटाने होंगे।

जांजगीर-चांपा। जिले के अकलतरा जनपद पंचायत में शिक्षकों ने ओबीसी सर्वे जल्द पूरा करने के निर्देश मिलने पर जमकर बवाल काटा और नारेबाजी की। असल में, जनपद पंचायत के सीईओ हिमांशु गुप्ता ने बीएलओ शिक्षकों और पंचायत सचिवों के साथ रोजगार सहायकों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में जैसे ही जनपद पंचायत के सीईओ गुप्ता ने बीएलओ शिक्षकों को ओबीसी सर्वे जल्दी पूरा करने की बात कही। इतना सुनते ही बीएलओ बौखला गए और जनपद पंचायत सीईओ पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी शुरु कर दी। सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो रहा है।

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इसमें बीएलओ ओबीसी सर्वे पूरा कराने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगा रहे हैं। जबकि जनपद सीईओ हिमांशु गुप्ता का कहना है कि बीएलओ शिक्षकों ने निर्देश का पालन करने की बजाय इससे बचने के लिए बेबुनियाद आरोप लगा रहे है। बीएलओ शिक्षकों की लापरवाही देखिए कि ग्राम पंचायत के सचिवों के साथ रोजगार सहायक देने के बाद भी ये लोग अपना काम करने आनाकानी कर रहें हैं।

बार बार नारेबाजी और हंगामा…
बीएलओ शिक्षक हों या दुसरे कर्मचारी जनहित के कार्यों में काम करने से पहले ही बचने का बहाना तैयार रखते है। आगामी पंचायत चुनाव से पूर्व ओबीसी सर्वे पूरा करने के निर्देश दिए जा रहे है। इसका पालन करने की बजाय बहानेबाजी और दूसरे कामों में व्यस्त होने का हवाला देकर ये कर्मचारी अपना पल्ला झाड़ रहे है। और सरकारी कार्यों को पूरा करने से बचना चाहते है।

  जिले के अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम में हुए शामिल

बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने का हवाला दिया…
समग्र शिक्षा फेडरेशन के ब्लॉक अध्यक्ष केके यादव ने एक बयान जारी किया है जो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो में केके यादव कहते नजर आ रहे हैं कि अधिकारी आदेश पर आदेश देते हैं, इससे हम पर काम का दबाव बढ़ता है। और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है।

ऐसे में अब सवाल उठना जाहीर है कि इन जैसे शिक्षक पढ़ाई के अलावा कुछ और काम नहीं करना चाहते या फिर उन्हें घर मुक्त की तनख्वाह चाहिए।

पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए सर्वे जरूरी…
इसमें जैसे राशनकार्ड बनाना है तो राशनकार्ड में पिछड़े वर्ग की कितनी हिस्सेदारी है। उज्जवला योजना है, इसमें पिछड़े वर्ग के लोगों को कितने कनेक्शन दिए गए। टोटल कनेक्शन कितने दिए। जैसे सवालों के जवाब जुटाने होंगे।

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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