
रतनपुर– नववर्ष के प्रारम्भ होते ही आसपास के पर्यटन स्थलों में पर्यटकों का आना प्रारम्भ हो जाता है,किंतु विभागीय लापरवाही के चलते अरपा भैंसाझार बैराज में करोड़ों रु की लागत से बने गार्डनों की हालत बद से बदतर हो चुकी है,और विभाग कुम्भकर्णी नींद में सोया हुआ है,
गौरतलब है कि रतनपुर कोटा मार्ग में स्थित अरपा भैंसाझार बैराज के समीप बने करोड़ों रु की लागत से चार पांच जगहों में बने पर्यावरण गार्डनों की हालत देखरेख के अभाव में बदतर हालत में है,उक्त गार्डन तथा बैराज में प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में पर्यटक अपने परिवार सहित पर्यटन करने पहुच रहे है,किंतु वहाँ स्थित पर्यावरण गार्डन , बैराज परिसर,उद्यान में बने बैठक परिसर हर जगह गंदगी पसरी हुई है, हैरत की बात तो यह है कि विभागीय अधिकारी भी अपने परिवार वालों के साथ पर्यटन को आते है पर उन्हें शायद वहां पसरी गंदगी व अब्यवस्था दिखाई नही पड़ रही है,
खाली बोतल व पाऊच से पटे पड़े है परिसर*
बीते दिनों नववर्ष के कारण अरपा बैराज के पर्यावरण उद्यान में पर्यटकों की भीड़ उमड़ी हुई थी पूरे बैराज क्षेत्र के हर कोनों में पर्यटक परिवार पिकनिक मनाते नजर आ रहे थे,वही पर्यावरण उद्यान क्रमांक 4 व 5 में खाली बोतल,पाऊच सहित गंदगी से भरी पड़ी हुई थी,ऐसा लग रहा था जैसे पिछले कई दिनों से ये गंदगी फैली हुई है,वही पर्यटकों के बैठने के लिए बनाये कुर्सियों पर भी साफ सफाई नही देखने को मिला,
** सुरक्षा के कोई इंतजाम नही**
अरपा बैराज परिसर में जहाँ सैकड़ो पर्यटक परिवार सहित पर्यावरण उद्यानों सहित प्रकृति के सुंदरता को देखने आ रहे है वही बैराज के ऊपर से तेज रफ्तार में पूरे समय दोपहिया व चार पहिया वाहन दौड़ते रहते है,महज दिखावे के लिए विभाग ने एक बेरियर बना रखा है जिस पर रौब दिखाकर कुछ लोग अपनी वाहनों को धड़ल्ले से बैराज के ऊपर से तेज हॉर्न बजाते निकलते है, साथ ही विभागीय अधिकारियों के परिजनों की गाड़ियां भी उद्यान तक पहुंच रही थी,
बरहहाल फैली अब्यवस्था तथा सुरक्षा के इंतजाम को लेकर सम्बंधित विभाग के आला अफसर कुम्भकर्णी नींद में है,शायद इस जगह पर उन्हें कोई बड़े हादसे या कोई अप्रिय वारदात का इंतजार है,उपरोक्त सम्बन्ध में मौके पर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी नही मिले जो इसके सम्बन्ध में कोई जानकारी दे सके,
“” पर्यटकों की सुरक्षा की ब्यवस्था करना विभाग को ध्यान देकर करना चाहिए वही पर्यटकों को भी पर्यटन स्थल को ब्यवस्थित बनाये रखने में सहयोग करना चाहिए*