
CG:– गांजा तस्करी में संलिप्त होकर रिश्तेदारों के नाम से करोड़ों रुपए उनके खाते में मंगवाने वाले जीआरपी के चार आरक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। मामले में एनपीजी लगातार प्रमुखता से खबर प्रकाशित कर रहा है।
Bilaspur बिलासपुर। ट्रेन में गांजा तस्करी के मामले में बड़ी कार्यवाही हुई है। गांजा तस्करी में शामिल जीआरपी के चारों आरक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। ट्रेन से गांजा तस्करी मामले में चारों आरक्षक गिरफ्तार किए गए थे। अपने रिश्तेदारों के नाम से अकाउंट खोल करोड़ों रुपए का लेनदेन करने का आरोप चारों आरक्षकों पर है।
एनपीजी लगातार जीआरपी के आरक्षकों और अफसरों की संलिप्तता में ट्रेनों में गांजा तस्करी होने के खुलासे कर रहा है। इसके बाद चारों आरक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है।
इस संबंध में जीआरपी ने विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि जीआरपी थाना बिलासपुर में मुखबिर से सूचना मिलने पर रेलवे स्टेशन बिलासपुर–नागपुर छोर शौचालय के पास आरोपी योगेश सोंधिया एवं रोहित द्विवेदी को गांजे के पैकेट के साथ गिरफ्तार किया गया था। दोनों के पास दो-दो किलो के पांच_पांच पैकेट थे। दोनों को एनडीपीएस एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर जेल भेजा गया था। कृष्ण के दौरान पाया गया कि जीआरपी आरक्षक क्रमांक 146 सौरभ नागवंशी, आरक्षक क्रमांक 202 मन्नू प्रजापति, आरक्षक क्रमांक 462 संतोष राठौर, आरक्षक क्रमांक 468 लक्ष्मण गाईन के विरुद्ध भी प्रकरण में संलिप्तता का पर्याप्त साक्ष्य पाया गया। जिस पर उक्त आरक्षकों को 29 अक्टूबर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
प्रकरण की जांच डीएसपी जीआरपी से करवाई गई। जांच में पाया गया कि चारों आरक्षकों के द्वारा जप्तशुदा गांजा को आरोपी योगेश सौंधिया एवं श्यामधर उर्फ छोटू के माध्यम से बिक्री करना एवं नगद व बैंक खाते में ऑनलाइन प्राप्त करना एवं अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपराध एवं अपराधियों से संलिप्त होना पाया गया। जिसके चलते चारों जीआरपी आरक्षकों को गांजा तस्करी और खरीदी बिक्री में संलिप्त रहने और आपराधिक आचरण प्रदर्शित करने पर जनहित में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।

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