छत्तीसगढ़

महिला व्याख्याता ने जहर खाकर किया सुसाइड का प्रयास, प्राचार्य और सहकर्मियों पर प्रताड़ना का आरोप

 

 

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Janjgir news:– डाइट में पदस्थ महिला व्याख्याता ने जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश की है। जहर खाने से पहले उन्होंने व्याख्याताओं के विभागीय ग्रुप में डाइट के प्रभारी प्राचार्य और दो सहयोगियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। ग्रुप में मैसेज देख सहयोगियों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया जहां उनका इलाज जारी है।

 

जांजगीर। जांजगीर डाइट में पदस्थ व्याख्याता ने जहर खाकर सुसाइड का प्रयास किया है। व्याख्याता का नाम रमा गोस्वामी है। व्याख्याता को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मामले में व्याख्याता ने प्राचार्य और सहकर्मियों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है।

 

 

जांजगीर डाइट में व्याख्याता रमा गोस्वामी पदस्थ है। उन्होंने घर में जहर खा लिया। जहर खाने से पहले शिक्षकों के व्हाट्सएप ग्रुप में उन्होंने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। सुसाइड नोट में व्याख्याता ने डाइट के प्रभारी प्राचार्य बीपी साहू और सहकर्मी संजय शर्मा व कल्याणी बोस पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने प्राचार्य पर सीआर बिगाड़ने का आरोप लगाया है।

 

अन्य शिक्षकों ने जब मोबाइल में महिला व्याख्याता का सुसाइड नोट दिखा तो तत्काल उनके घर पहुंचे और उन्हें ले जाकर अस्पताल में भर्ती करवाया। महिला व्याख्याता फिलहाल का इलाज जारी है। डॉक्टरों ने उनकी स्थिति को खतरे से बाहर बताया है। प्रताड़ना का आरोप लगाने के अलावा उन्होंने अपने बच्चों और विद्यार्थियों माफी भी मांगी है। साथ ही न्याय दिलाने की गुहार की है। मामले में पुलिस जांच में जुट गई है।

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लिखा न्याय का इंतजार करते थक गई हुं:–

 

महिला व्याख्याता रमा गोस्वामी ने लिखा है कि मुझे व्याख्याता के रूप में कार्य करते हुए पिछले 22 वर्षों का अनुभव हो गया है। 13 अक्टूबर 2022 को प्रभारी प्राचार्य के कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात मैंने बहुत मानसिक यातनाएं झेली। दुर्व्यवहार का सामना किया। मेरी प्रतिनियुक्ति समाप्त करने के लिए गणेश राम साहू जिला पंचायत सदस्य के लेटर पैड का दुरुपयोग किया गया। षड्यंत्र का खुलासा होने पर मेरी प्रतिनियुक्ति समाप्त होने से बच गई। मुझे किसी भी प्रकार के प्रकोष्ठ का प्रभार नहीं दिया जाता है। रोजाना उपेक्षित किया जाता है। प्रयोगशाला सहायिकाओं को ट्रेनिंग में भेजा जाता है पर मेरा नाम आने के बावजूद नहीं भेजा जाता। विभिन्न दांव पेंच अपना मेरा नाम कटवाने का प्रयास किया जाता है। मेरा सीआर खराब करने प्रभारी प्राचार्य द्वारा धमकी दी जाती है। अतः शिकायत के अलावा मेरे पास कोई विकल्प नहीं है। शिकायत की जांच में प्रभारी प्राचार्य को हटाने का प्रस्ताव हुआ पर आज तक उन पर कार्यवाही नहीं हुई और प्राचार्य की प्रताड़ना मुझ पर और बढ़ गई। अपने वरद हस्त कर्मचारियों से मेरे साथ दुर्व्यवहार करवाया जाता है। उनको संरक्षण दिया जाता है। मेरे जैसी मजबूत, आशावादी महिला के साथ ऐसा हो रहा है, तो न जाने कितनी महिलाएं प्रताड़ित होती होंगी। मेरे पास अब क्या विकल्प बच जाता है। अब कितना न्याय का इंतजार करें।

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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