
संदल, चादरपोशी और फातिहा ख्वानी के साथ हुई शुरुआत; शनिवार को छोटे मजीद शोला की कव्वाली से सजेगी महफिल
बिलासपुर।
छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक नगरी रतनपुर के जूना शहर स्थित बाबा हज़रत सैय्यद मूसा शहीद रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह पर 95वां सालाना उर्स–ए–पाक शुरू हो गया है। हर साल की तरह इस बार भी यह आयोजन अकीदत, रूहानियत और धार्मिक सौहार्द का प्रतीक बनकर सामने आया है।
संदल और चादर के साथ हुई रूहानी शुरुआत
शुक्रवार की शाम करैहापारा स्थित जामा मस्जिद से पारंपरिक संदल और चादर का जुलूस निकाला गया, जो नगर के विभिन्न हिस्सों से होता हुआ दरगाह परिसर पहुंचा। यहां सूफियाना रस्मों के अनुसार परचम कोसाई (ध्वज चढ़ाना) और गुस्ल की रस्म अदा की गई। इसके बाद मजार शरीफ पर चादर चढ़ाकर फातिहा ख्वानी की गई।

इस मौके पर मुश्लिम समाज के सैकड़ों अकीदतमंद मौजूद रहे। जुलूस और दरगाह परिसर दोनों स्थानों पर अदब और अकीदत का माहौल रहा।
शनिवार रात को सजेगी कव्वाली की महफिल
उर्स के मुख्य आयोजन के रूप में शनिवार, 31 मई की रात 10 बजे भव्य कव्वाली महफिल आयोजित की जाएगी। इस महफिल की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि इसमें मुंबई के मशहूर इंटरनेशनल कव्वाल छोटे मजीद शोला अपने सूफियाना कलामों से समां बांधेंगे।
छोटे मजीद शोला की गायकी, उनका सुर और अंदाज़ श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर देता है। अकीदतमंदों में उनकी प्रस्तुति को लेकर खासा उत्साह है।
सियासी हस्तियों की गरिमामयी उपस्थिति
इस रूहानी आयोजन में प्रदेश की राजनीति के चर्चित चेहरे भी मौजूद रहेंगे। मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन शिरकत करेंगे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव द्वारा की जाएगी।
विशिष्ट अतिथियों में छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज, भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शकील अहमद, प्रदेश प्रभारी आरिफ खान, जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी, और पूर्व विधायक शैलेश पांडे सहित अन्य जनप्रतिनिधि शामिल रहेंगे।
स्थानीय नेतृत्व भी रहेगा शामिल
रतनपुर के स्थानीय जनप्रतिनिधि भी आयोजन में भाग ले रहे हैं, जिनमें नगर पालिका अध्यक्ष लवकुश कश्यप, वरिष्ठ नेता अनिल टाह, दुर्गा कश्यप, त्रिलोक श्रीवास, हीरा सिंह मरावी, और सुभाष अग्रवाल प्रमुख रूप से शामिल हैं।
इंतेज़ामिया कमेटी की मुकम्मल तैयारी
उर्स–ए–पाक की संपूर्ण व्यवस्थाएं इंतेज़ामिया कमेटी और मुस्लिम जमात रतनपुर की देखरेख में की जा रही हैं।
कमेटी के अध्यक्ष वादिर खान, कार्यकारी अध्यक्ष हकीम मोहम्मद, उपाध्यक्ष जिलानी बेग, सचिव हुसैन खान, और कोषाध्यक्ष शेख दाऊद मोहम्मद के नेतृत्व में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
लंगर, जियारत और रूहानी सुकून
उर्स के दौरान दरगाह में आने वाले जायरीनों के लिए विशेष लंगर का इंतजाम किया गया है। साथ ही, चादरपोशी, जियारत और दुआओं के जरिये अकीदतमंद रूहानी सुकून का अनुभव कर सकेंगे।
लोगों की मान्यता है कि इस दरगाह पर मांगी गई मुरादें जरूर पूरी होती हैं।
छत्तीसगढ़ की गंगा–जमुनी तहज़ीब की मिसाल
जहां रतनपुर अपने ऐतिहासिक मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है, वहीं हज़रत सैय्यद मूसा शहीद की दरगाह धार्मिक एकता, सूफियाना तासीर और भाईचारे की अनूठी मिसाल है। यही वजह है कि इसे आमतौर पर “छत्तीसगढ़ का अजमेर” भी कहा जाता है।
Live Cricket Info