Bilaspur Highcourt News: स्कूलों में दीवारों से करंट फैलने की घटना पर हाईकोर्ट सख्त,शिक्षा सचिव से मांगा शपथ पत्र में जवाब

बिलासपुर रिपोर्टर सुरेंद्र मिश्रा
बिलासपुर जिले के स्वामी आत्मानंद प्राइमरी स्कूल में करंट फैलने से चौथी कक्षा के छात्र के झुलसने की घटना पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया है। अदालत ने स्कूल शिक्षा सचिव से चार अहम बिंदुओं पर व्यक्तिगत शपथ पत्र के माध्यम से जवाब मांगा है।
घटना के अनुसार, स्कूल में पढ़ने वाला छात्र नीलेश पटेल भवन की दीवार में फैले करंट की चपेट में आकर झुलस गया था। उसे तत्काल इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। छात्रों का कहना है कि बरसात के दिनों में स्कूल की दीवारों और फर्श में अक्सर करंट दौड़ता है, जिससे पढ़ाई के दौरान भय का माहौल बना रहता है।
हाईकोर्ट ने इस मामले को सार्वजनिक सुरक्षा से जुड़ा हुआ मानते हुए स्वतः संज्ञान लिया है और कहा है कि यह केवल एक स्कूल की समस्या नहीं है। राज्य भर के कई सरकारी स्कूलों से इमारतों में करंट फैलने और हाइटेंशन लाइनों के कारण खतरे की शिकायतें आ रही हैं।
📌 हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव से मांगा जवाब – ये चार बिंदु अहम:
1. बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए?
2. किन-किन स्कूलों का फिजिकल निरीक्षण किया गया है?
3. स्कूल परिसरों के आसपास से गुजर रही हाइटेंशन लाइनों के नीचे पेड़ों की छंटाई की गई या नहीं?
4. भवनों में बिजली रिसाव रोकने के लिए क्या मरम्मत कार्य कराए गए हैं?
🛑 ज़मीनी हालात चिंताजनक:
कई सरकारी स्कूलों की जर्जर इमारतों में करंट दौड़ने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
हाइटेंशन बिजली लाइनें कई स्कूलों के ऊपर से गुजर रही हैं, जिससे बारिश में पेड़ों की टहनियां लटककर करंट फैलाने का खतरा बढ़ा देती हैं।
बच्चों की जान खतरे में डालकर शिक्षा देना न केवल गैर-जिम्मेदाराना, बल्कि संवैधानिक कर्तव्यों का उल्लंघन भी है।
हाईकोर्ट का यह कदम सरकारी स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ी निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अब देखना होगा कि शिक्षा विभाग इस गंभीर मुद्दे पर क्या ठोस कार्रवाई करता है।