Train News:– लगातार बारिश से खतरे की आशंका, रेलवे ने नदी-नालों के पास बनाए स्थायी पोस्ट, तीन शिफ्ट में कर्मचारी कर रहे ट्रैक की निगरानी

Train News:– मॉनसून की झमाझम बारिश ने रेलवे को सतर्क कर दिया है। लगातार हो रही बारिश के कारण रेलवे ट्रैक पर खतरा बढ़ गया है, विशेषकर उन स्थानों पर जहां रेलवे लाइनें नदी-नालों या पुलों से होकर गुजरती हैं। ऐसे सभी संवेदनशील प्वाइंट्स पर रेलवे ने स्थायी चौकियां (परमानेंट पोस्ट) बनाकर तीन शिफ्टों में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। ये कर्मचारी मौसम की स्थिति और पटरियों की हालत की रीयल टाइम रिपोर्टिंग कर रहे हैं।
इनकी रिपोर्टिंग के आधार पर किसी भी आपात स्थिति में इंजीनियरिंग टीम को तुरंत अलर्ट मोड पर लाया जा सकता है, ताकि दुर्घटनाओं की संभावना को समय रहते टाला जा सके।
बिलासपुर- राज्य में हो रही लगातार बारिश से जनजीवन तो प्रभावित हुआ ही है, रेलवे का संचालन भी खतरे की जद में आ गया है। रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर हाई अलर्ट जारी किया है। जिन स्थानों पर रेलवे की पटरियां नदी-नालों के ऊपर बने पुलों या खतरनाक इलाकों से होकर गुजरती हैं, वहां रेलवे ने स्थायी निगरानी पोस्ट स्थापित किए हैं। इन पर तीन पालियों में कर्मचारी तैनात किए गए हैं, जो मौसम और ट्रैक की जानकारी अधिकारियों को लगातार भेज रहे हैं।
रेलवे की यह सतर्कता यात्रियों की सुरक्षा प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
मुंबई–हावड़ा और कटनी रूट पर विशेष सतर्कता
रेलवे ने मुंबई–हावड़ा और कटनी रूट को अति संवेदनशील श्रेणी में रखा है।
• मुंबई–हावड़ा रूट देश की सबसे व्यस्त मार्गों में से एक है।
• वहीं कटनी रूट को डिवीजन और जोन का सबसे खतरनाक सेक्शन माना गया है।
इन दोनों मार्गों पर कोई भी चूक बड़ी दुर्घटना में तब्दील हो सकती है। इसी कारण रेलवे ने हर डेंजर पॉइंट पर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है, जो लगातार लाइन की स्थिति की रिपोर्टिंग सेक्शन इंजीनियर को कर रहे हैं। नदी-नालों के जलस्तर पर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है। जैसे ही खतरा बढ़ता है, ट्रेन की गति कम कर दी जाती है। आवश्यकता पड़ी तो रूट को डायवर्ट भी किया जा सकता है।
खोडरी से खोंगसरा सेक्शन सबसे अधिक संवेदनशील
बिलासपुर रेल मंडल के खोडरी से खोंगसरा के बीच की पटरियों को सबसे संवेदनशील माना गया है। यह क्षेत्र घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों से होकर गुजरता है, जहां बारिश के कारण लैंड स्लाइड और पत्थर गिरने का खतरा बना रहता है। रेलवे ने पहाड़ों को लोहे की जालियों से सुरक्षित किया है, फिर भी खतरे की संभावना बनी हुई है। पेड़ों के गिरने और जलस्तर के अचानक बढ़ने से भी खतरे की स्थिति बन सकती है।
शहडोल मुरमुरा नदी और उदल कछार पर नजर
शहडोल में मुरमुरा नदी और उदल कछार सेक्शन पर इस समय पानी का स्तर सामान्य है, लेकिन कुछ दिन पहले यहां तेज बारिश के चलते शहडोल स्टेशन पर पानी भर गया था और सभी सिग्नल सिस्टम ठप हो गए थे। अब रेलवे ने इन जगहों पर दो टीमें तैनात की हैं, जो लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और अधिकारियों को अपडेट दे रही हैं।
बृजराजनगर के पास ईब नदी में बढ़ रहा जलस्तर
झाड़सुगुड़ा के पास स्थित बृजराजनगर स्टेशन, जो बिलासपुर मंडल का हिस्सा है, वहां से गुजरने वाली ईब नदी का जल स्तर लगातार बारिश से बढ़ता जा रहा है। शनिवार शाम तक स्थिति नियंत्रण में थी, लेकिन भारी बारिश के कारण रेलवे की टीम ने रातभर नदी किनारे बने पोस्ट पर ड्यूटी दी। यहां भी तीन शिफ्ट में कर्मचारी मौजूद हैं और जलस्तर की मॉनिटरिंग की जा रही है।
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