छत्तीसगढ़

जन्मजात विकृति से पीड़ित बच्चों के लिए चिरायु बना वरदान

बलौदाबाजार । जिले में राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वास्थ्य परीक्षण कर चिरायु की टीम के द्वारा बच्चों का बेहतर इलाज कराया जा रहा है। बेहतर ईलाज होने से जन्मजात विकृति से पीड़ित बच्चों के लिए चिरायु योजना वरदान साबित हो रहा है।

 

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

भाटापारा खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेन्द्र माहेश्वरी ने बताया कि विकासखण्ड भाटापारा के ग्राम तरेंगा की 13 वर्षीय बालिका भारती यदु को जन्म से ही क्लेफ्ट पैलेट की समस्या थी। बच्ची के पिता रजवा यदु जो मजदूरी करते हैं उन्होंने बताया कि, इस जन्मजात रोग के कारण बच्ची के मुँह के तालू में छिद्र था जिसके कारण बच्ची को खाने, बोलने में असुविधा होती थी। डॉक्टर ने बताया कि बच्ची को देखने के बाद उसे रायपुर के निजी अस्पताल भेजा गया जहाँ ऑपरेशन के माध्यम से उपचार हुआ। यह उपचार पूरी तरह से निःशुल्क हुआ है।

 

 

इसी तरह पलारी खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ. बी.एस. ध्रुव ने बताया कि पलारी विकासखण्ड के ग्राम कोसमंदा के 12 वर्षीय बालक मोरध्वज कन्नौजे को जन्म से ही हृदय दोष था। जिसके तहत हृदय में संरचनात्मक असमानताएं विकसित हो जाती हैं जो हृदय की दीवारों ,वाहिकाओं ,वाल्वों को प्रभावित करता है जिससे सामान्य रक्त परिवहन बाधित हो जाता है। मोरध्वज को समय -समय पर तबियत खराब होने, सांस लेने में तकलीफ, खेलने कूदने के दौरान जल्दी थकान हो जाना,वजन न बढ़ना जैसी समस्या होती थी। डॉ. ध्रुव के ने बताया कि चिरायु टीम द्वारा सभी आवश्यक जाँच के पश्चात बालक को रायपुर के एक निजी अस्पताल में ले जा कर हृदय का सफल उपचार कराया गया। जिसका ऑपरेशन निःशुल्क किया गया।

  आदर्श आचार सहिंता का पालन सुनिश्चित कराने एमसीसी समिति गठित

 

 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.राजेश कुमार अवस्थी ने बताया कि चिरायु योजना के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों एवं स्कूलों में मेडिकल टीम द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।इसके तहत किसी प्रकार के रोग पाए जाने की स्थिति में उसके निःशुल्क उपचार की भी व्यवस्था की जाती है।

 

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वास्थ्य परीक्षण कर चिरायु की टीम के द्वारा बच्चों का बेहतर इलाज कराया जा रहा है। चिरायु की टीम के द्वारा कटे-फटे होंठ, जन्म जात मोतियाबिंद, टेढ़े-मेढ़े हाथ पैर, श्रवण बाधा सहित 44 प्रकार की बीमारी तथा विकृति पर कार्य किया जाता है। जरूरत पड़ने पर बच्चों को अच्छे हॉस्पिटल रेफर भी कराया जाता है।

Was this article helpful?
YesNo

Live Cricket Info

Related Articles

Back to top button