जहाँ भी पदस्थ रहे कारनामे ही कारनामे पीएससी भर्ती घोटाले में फंसे टामन सिंह सोनवानी के एक और बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा,

रायपुर ।अब आरटीआई एक्टिविस्ट राकेश चौबे ने उजागर किया जांजगीर जिले के टामन मनरेगा में मिले 100 करोड़ का महाघोटाला,
सोनवानी ने ये कारनामा, जांजगीर में सीईओ रहते किया था,
जहाँ जहाँ पग पडे संतन के —, ऐसा लगता है पीएससी भर्ती घोटाले बाज टामन सिंह सोनवानी का अपने शासकीय सेवा के दौरान एक सूत्रीय अभियान चलाना ही रहा सिर्फ भ्रष्टाचार। जिस जिले, मंत्रालय, विभाग में पदस्थ रहे पद को अपनी बपौती समझ मनमाने काम को अंजाम देकर सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार ही करते रहे।
पीएससी में भर्ती में महाघोटाले उजागर होने के बाद उनके भ्रष्टाचार की परतें एक एक कर उखडने शुरू हो गए हैं। उसने जांजगीर जिला पंचायत सीईओ पदस्थापन के दौरान मनरेगा में एक सौ रूपये के काम मे करोड़ो रुपये का घोटाला किया।

जिसकी शिकायत राकेश चौबे ने की । लेकिन कांग्रेस की सरकार ने इस मामले को दबाकर उल्टे भ्रष्ट अधिकारी को पीएससी का चेयरमैन बना डाला।

कांग्रेस मनरेगा को लेकर पूरे देश में अपनी पीठ थपथपाती है और छत्तीसगढ में टामन सिंह ने इसी मनरेगा के 100 करोड़ रुपए के काम में जमकर फर्जीवाड़ा करते हुए करोडों के फ़र्जी मस्टर रोल बनाकर राशि निकाल ली और खुलेआम सरकारी राशि का बंदरबांट कर डाला ।
अब ये मामला फिर विधानसभा में उठ रहा है जिस पर आरटीआई एक्टिविस्ट राकेश चौबे ने ‘पहल’ के पहले किए खुलासे पर कहा है कि टामन सिंह सोनवानी की शिकायत पहले ही की थी मगर कांग्रेस सरकार में कोई सुनवाई नहीं हुई । काश ये कार्यवाई पहले होती तो पीएससी घोटाले की नौबत ही नहीं आती । ’पहल’ ने टामन सिंह की मैनपाट में जमीन और आलीशान रिसॉर्ट का खुलासा प्रमाण के साथ किया है । मैं इस मामले में भी सीबीआई से निष्पक्ष जांच की मांग कर सरगुजा के भी राजस्व अमले और सोनवानी के भ्रष्ट गठजोड़ की पूरी जांच की मांग करता हूं जिससे टामन सिंह सोनवानी के पूरे रैकेट का पर्दाफाश हो, साथ ही और भी लोग जो इसके सहयोगी हैं उन पर भी शिकंजा कसा जा सके ।”
ये प्रमाण यदि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने संज्ञान में लिया होता तो पहले ही बडे भ्रष्टाचार का खुलासा हो जाता। पहल ने पिछले साल ही किया था ये बड़ा खुलासा
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