
एसईसीएल की नीतियों के खिलाफ फूटा आक्रोश, पुलिस-प्रशासन मौन
कोरबा। एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र में मंगलवार को एक अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन देखने को मिला जब स्थानीय महिलाओं ने अर्धनग्न होकर सड़क पर उतरकर एसईसीएल प्रबंधन की नीतियों के खिलाफ आक्रोश जताया। प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग स्थानीय बेरोजगारों को नौकरी, परिवारों को मुआवजा व पुनर्वास और भूमि अधिग्रहण के बाद किए गए वादों को पूरा करने की थी।
प्रदर्शनकारी महिलाओं का आरोप है कि वर्षों पहले जिन जमीनों को एसईसीएल ने अधिग्रहित किया था, उसके बदले न तो सभी परिवारों को उचित मुआवजा मिला, न ही वादा किया गया रोजगार। स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया कि “एसईसीएल प्रबंधन द्वारा लगातार अनदेखी और धोखा किया जा रहा है।”
प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें:
• विस्थापितों को स्थायी रोजगार
• अधिग्रहित ज़मीन के बदले उचित मुआवजा
• पुनर्वास कॉलोनियों में बुनियादी सुविधाएं
• महिला स्व-सहायता समूहों को आजीविका के अवसर
प्रदर्शन के दौरान दर्जनों महिलाएं पारंपरिक परिधानों में अर्धनग्न होकर एसईसीएल मुख्य द्वार के सामने धरने पर बैठीं। इस दृश्य ने प्रशासन और पुलिस को असहज कर दिया, लेकिन काफी देर तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।
प्रशासन और कंपनी प्रबंधन की चुप्पी
हालात बिगड़ने की आशंका को देखते हुए पुलिस बल मौके पर पहुंचा, लेकिन प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि “जब तक आवाज़ को नजरअंदाज किया जाता रहेगा, महिलाएं इस तरह के विरोध के लिए मजबूर होंगी।”
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी शुरू
इस घटना के बाद राजनीतिक हलकों में भी हलचल मच गई है। कुछ स्थानीय नेताओं ने एसईसीएल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं और जिला प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
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