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14 गाँवों के 4000 परिवार करोड़पति बनने की राह पर, महाजेनको की जीपी-II परियोजना से आएगा बदलाव

देश की सबसे बड़ी कोयला खदान परियोजनाओं में से एक, महाजेनको की जीपी-II अब हजारों परिवारों की किस्मत बदलने जा रही है। इस परियोजना से जुड़े 14 गाँवों के करीब 4000 परिवारों को न सिर्फ प्रति एकड़ 35 लाख का मुआवजा और 2435 करोड़ का पुनर्वास पैकेज मिलेगा, बल्कि उन्हें रोज़गार, समृद्धि और बेहतर भविष्य का नया अवसर भी मिलेगा।

महाजेनको की जीपी-II कोयला खदान परियोजना से बदलेगा तमनार का भविष्य

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रायगढ़, छत्तीसगढ़, 18 अगस्त 2025।
रायगढ़ जिले की तमनार तहसील अब सामाजिक और आर्थिक बदलाव की दहलीज़ पर खड़ी है। महाराष्ट्र राज्य पॉवर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (महाजेनको) की गारे पल्मा सेक्टर-II कोयला खदान परियोजना से यहाँ के 14 गाँवों के लगभग 4000 परिवार करोड़पति बनने की राह पर हैं।

अधिग्रहण और मुआवजे की बड़ी सौगात

इस परियोजना के लिए लगभग 2000 हेक्टेयर निजी भूमि अधिग्रहित की जाएगी। महाजेनको ने भूमि मालिकों को प्रति एकड़ 35 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके अलावा प्रभावित ग्रामीणों के लिए 2435 करोड़ रुपए का पुनर्वास और पुनःस्थापन (आर एंड आर) पैकेज तय किया गया है। इस पैकेज में आवास, आधारभूत ढांचा और अन्य जरूरी सुविधाएँ शामिल हैं, जिससे ग्रामीणों का दीर्घकालिक आर्थिक और सामाजिक स्थायित्व सुनिश्चित होगा।

परियोजना से प्रभावित गाँवों में थिली रामपुर, कुंजेमुरा, गारे, सरैटोला, मुरोगाँव, रादोपाली, पाटा, चितवाही, ढोलनारा, झिंकाबहाल, डोलेसरा, भालुमुरा, सरसमल और लाइब्रा शामिल हैं।

कोयला उत्पादन और बिजली आपूर्ति

महाजेनको की जीपी-II कोयला खदान से हर साल 2.36 करोड़ टन (23.6 मिलियन टन) कोयला उत्पादन का लक्ष्य है। यह कोयला सीधे महाराष्ट्र के बड़े थर्मल पॉवर प्लांट्स
चंद्रपुर (1000 मेगावाट),
कोराडी (1980 मेगावाट) और
पारली (250 मेगावाट)

को आपूर्ति किया जाएगा। इनसे राष्ट्रीय ग्रिड को 3200 मेगावाट से अधिक बिजली प्राप्त होगी, जिससे ऊर्जा आपूर्ति मजबूत होगी और अन्य राज्यों को भी अतिरिक्त बिजली मिलेगी।

7500 करोड़ का निवेश और 30,000 करोड़ का योगदान

महाजेनको इस परियोजना और संबंधित अवसंरचना के विकास पर 7500 करोड़ रुपए का निवेश कर रही है। खदान के जीवनकाल में कंपनी राज्य और केंद्र सरकार को लगभग 30,000 करोड़ रुपए रॉयल्टी, जीएसटी और अन्य करों के रूप में योगदान देगी।

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रोजगार के अवसर और स्थानीय कारोबार

परियोजना से 3400 प्रत्यक्ष और हजारों अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इससे स्थानीय युवाओं को नए रोज़गार मिलेंगे और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।

खदान शुरू होने से पहले ही ग्रामीण निवेश की तैयारी कर रहे हैं। कई परिवार नए मकान, किराना दुकान और खानपान व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रहे हैं, जिससे क्षेत्रीय बाजार और सेवाओं की माँग में तेजी आएगी।

ग्रामीणों की उम्मीदें और उत्साह


ढोलनारा के एक ग्रामीण ने कहा – “हम वर्षों से विकास का इंतजार कर रहे थे। यह परियोजना सिर्फ पैसों का नहीं, बल्कि सम्मान, रोजगार और बेहतर भविष्य का अवसर है। हमने प्रशासन से भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया जल्द शुरू करने की मांग की है।
सरैटोला के एक किसान ने उत्साह जताया – “कभी नहीं सोचा था कि जमीन बेचकर करोड़पति बन जाऊँगा। अब मैं नया घर और किराना स्टोर खोलने की तैयारी कर रहा हूँ। मेरे बच्चे अब अच्छे स्कूलों में पढ़ सकेंगे।

5 अगस्त को 14 गाँवों में से सात गाँवों के प्रतिनिधि जिला प्रशासन से मिले और खनन कार्य तथा भूमि अधिग्रहण शीघ्र शुरू करने का आग्रह किया।

पर्यावरणीय संतुलन और CSR

महाजेनको ने पर्यावरण संरक्षण के लिए 2256.60 हेक्टेयर भूमि पर 56.4 लाख पौधे लगाने का संकल्प लिया है। इसमें स्थानीय प्रजातियों के पौधों को प्रति हेक्टेयर 2500 पेड़ों की घनत्व से लगाया जाएगा। कंपनी ने यह कार्य 32 वर्षों की अवधि में पूरा करने की योजना बनाई है।

साथ ही, महाजेनको ने घोषणा की है कि वह अपनी शुद्ध आय का 2% कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) योजनाओं पर खर्च करेगी, जिससे ग्रामीणों को शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत ढांचे में सीधा लाभ मिलेगा।

अधिकारी का बयान

महाजेनको के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर करने की शर्त पर कहा
यह देश की सबसे बड़ी कोयला खदान परियोजनाओं में से एक है। हम सिर्फ कोयला निकालने का काम नहीं कर रहे हैं, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा और ग्रामीण विकास में निवेश कर रहे हैं। इस परियोजना से रायगढ़ में समृद्धि और स्थायी विकास आएगा।

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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