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बिलासपुर ट्रेन हादसा: 12 , यात्रियों की मौत बैज ने कहा – कोयले की ढुलाई यात्रियों से ऊपर, केंद्र और राज्य फेल,महंत का बोले– अब तक 20 लोग जा चुके है प्रशासन मृतकों का आंकड़ा छिपा रहा,

मुआवजा अटका

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बिलासपुर। कोरबा से बिलासपुर रही मेमू पैसेंजर ट्रेन लालखदान स्टेशन के पास मालगाड़ी से टकरा गई, जिसमें 12 यात्रियों की मौत और 25 से अधिक लोग घायल हुए। हादसे ने यात्रियों और उनके परिवारों को झकझोरा, साथ ही राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने आरोप लगाया कि कोयले की ढुलाई यात्रियों की सुरक्षा से ऊपर रखी जा रही है और रेलवे प्रशासन तथा केंद्र और राज्य सरकार दोनों जिम्मेदार हैं। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि प्रशासन मृतकों की असली संख्या छुपा रहा है और मुआवजा देने से बचने की कोशिश कर रहा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि हादसे के समय राजनीति करना सही नहीं है।

नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत

बिलासपुर, 6 नवंबर।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हुए भीषण ट्रेन हादसे के बाद अब सियासी घमासान तेज हो गया है। हादसे में 12 लोगों की मौत और 25 से ज्यादा के घायल होने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने रेलवे प्रशासन और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा किडबल इंजन सरकार इस मामले में पूरी तरह नाकाम रही है, हादसे के लिए रेलवे अफसर और दोनों सरकारें समान रूप से जिम्मेदार हैं।

बैज ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारें जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रही हैं, जबकि इतने बड़े हादसे में लोगों की जानें लापरवाही की वजह से गईं। उन्होंने कहा किएक ही ट्रैक पर मालगाड़ी और पैसेंजर ट्रेन का परिचालन इस दुर्घटना की सबसे बड़ी वजह बनी। यह सीधे तौर पर रेलवे प्रशासन की गलती है।

घायलों से मिले बैज, मुआवजे और इलाज की उठाई मांग

बुधवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज सिम्स और रेलवे अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने घायलों का हालचाल जाना। उनके साथ कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव, शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय पांडेय, ऋषि पांडेय, अभयनारायण राय, पार्षद शहजादी कुरैशी, जावेद मेमन और शिवा मिश्रा मौजूद थे।

बैज ने बताया कि कई यात्री गंभीर रूप से घायल हैंकिसी की रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर है तो किसी का पैर टूट गया है। उन्होंने डॉक्टरों से बात कर बेहतर इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा किएक जान की कीमत सिर्फ 10 लाख रुपए नहीं हो सकती। मृतकों के परिजनों को कम से कम 1-1 करोड़ रुपए और घायलों को 50-50 लाख रुपए मुआवजा मिलना चाहिए।

कोयला ढुलाई को प्राथमिकता देने का आरोप

दीपक बैज ने रेलवे प्रशासन और केंद्र सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि कोयले की ढुलाई को यात्रियों की सुरक्षा से ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा — “केंद्र सरकार रेलवे को कुछ खास लोगों के फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है। यात्रियों की परेशानियों को पूरी तरह नजरअंदाज किया जा रहा है।

बैज ने यह भी कहा कि बिलासपुर जोन देश का सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला क्षेत्र है, लेकिनडबल इंजन सरकारने इसे लगातार उपेक्षित किया हुआ है। ट्रेनों का संचालन अनियमित है, कई बार उन्हें घंटों देरी से चलाया जाता है या अचानक रद्द कर दिया जाता है।

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हादसे की जांच और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने घटना कोबेहद दुखदबताते हुए कहा कि इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और हादसे के लिए जिम्मेदार अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा किछत्तीसगढ़ के लोगों की मौत, सरकार की नाकामी और रेलवे की लापरवाही का नतीजा है।

डिप्टी सीएम अरुण साव का जवाब — “संवेदनशील समय में राजनीति उचित नहीं

दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने दीपक बैज के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि यह समय राजनीति का नहीं, पीड़ितों को सांत्वना देने का है।


उन्होंने कहा — “बिलासपुर की यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार हर घायल तक पहुंच रही है। दोषियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर अरुण साव बुधवार को एलिट, अपोलो, सिम्स और रेलवे अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने घायलों से मुलाकात कर डॉक्टरों को हरसंभव इलाज के निर्देश दिए।
साव ने बताया कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे की जानकारी लेकर विस्तृत जांच के आदेश जारी किए हैं। रेल मंत्री ने मुख्यमंत्री से भी चर्चा की है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति हो।

महंत का बड़ा आरोप — “मृतकों की संख्या छिपा रहा प्रशासन

इस बीच विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने रेलवे प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा किमृतकों की वास्तविक संख्या 20 है, लेकिन प्रशासन सिर्फ 12 बता रहा है ताकि मुआवजा देने से बचा जा सके।

महंत ने कहा कि रेल मंत्री को काम करने नहीं दिया जा रहा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस विफलता की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए।
उन्होंने यह भी मांग की कि मृतकों के परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए और प्रत्येक परिवार से एक सदस्य को नौकरी दी जाए।

हादसे की पृष्ठभूमि

मंगलवार शाम कोरबा से बिलासपुर रही मेमू ट्रेन, बिलासपुर के लालखदान स्टेशन के पास एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे मौके पर ही अफरातफरी मच गई। हादसे में 12 यात्रियों की मौत हो गई जबकि 25 से अधिक लोग घायल हुए। कई शवों को कोच काटकर बाहर निकाला गया। घटना के बाद रेलवे ने कई ट्रेनों का परिचालन रोक दिया और राहतबचाव अभियान रातभर जारी रहा।

बिलासपुर ट्रेन हादसे ने केवल रेलवे सुरक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि छत्तीसगढ़ की राजनीति को भी झकझोर दिया है। कांग्रेस सरकार को दोषी ठहरा रही है, वहीं भाजपा प्रशासनिक जांच की बात कह रही है। अब सबकी निगाहें उस रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो यह तय करेगी कि 12 निर्दोष यात्रियों की जान आखिर किसकी लापरवाही से गई।

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Kanha Tiwari

छत्तीसगढ़ के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार हैं, जिन्होंने पिछले 10 वर्षों से लोक जन-आवाज को सशक्त बनाते हुए पत्रकारिता की अगुआई की है।

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