
रायपुर। शिक्षा विभाग में चल रहे युक्तियुक्तिकरण के विरोध में राज्य कर्मचारी संघ छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से भेंट कर हस्तक्षेप की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल ने डॉ. सिंह को अवगत कराया कि युक्तियुक्तिकरण के नाम पर शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, जिससे स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है।

प्रतिनिधियों ने बताया कि 2008 के सेटअप के विपरीत नई व्यवस्था लागू की जा रही है, जिसमें प्राथमिक शालाओं में केवल प्रधान पाठक और एक शिक्षक की व्यवस्था कर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।
महिला शिक्षकों के साथ भी इस प्रक्रिया में अन्याय की बात कही गई। प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि इस आदेश पर तत्काल रोक लगाकर शिक्षा व्यवस्था को बर्बादी से बचाया जाए और सरकार को जनहित में आवश्यक निर्देश दिए जाएं।
इस दौरान जांजगीर–चांपा जिले से आए प्रतिनिधियों ने विशेष रूप से संकुल समन्वयकों को अतिशेष से मुक्त रखने की मांग भी डॉ. रमन सिंह के समक्ष रखी।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रदेश महामंत्री ए. के. चेलक ने किया। इस अवसर पर अनुभव तिवारी (जिलाध्यक्ष, राज्य कर्मचारी संघ जांजगीर–चांपा), निधि लता जायसवाल (जिलाध्यक्ष, शैक्षिक समन्वयक संघ), संजय राठौर (ब्लॉक अध्यक्ष, नवागढ़), महेश पुरी गोस्वामी, गुरुवचन जाटवर, रोहित पटेल, एरावत साहू और धर्मदास मानिकपुरी उपस्थित रहे।
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